Punjab News : टीबी मुक्त पंजाब के लिए सरकार की नई पहल

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Punjab News : टीबी मुक्त पंजाब के लिए सरकार की नई पहल
Punjab News : टीबी मुक्त पंजाब के लिए सरकार की नई पहल

निजी अस्पतालों में टीबी का इलाज करवा रहे मरीजों पर नजर रखी जाएगी

Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़। टीबी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पंजाब सरकार ने नई पहल की है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अब निजी अस्पतालों में टीबी का इलाज करवा रहे मरीजों पर भी नजर रखी जाएगी। विभाग ने लुधियाना, जालंधर, बठिंडा, पटियाला व अमृतसर से इसकी शुरूआत कर दी है। विभाग ने इसके लिए वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर्स एजेंसी को हायर किया है।

यह एजेंसी टीबी के मरीजों को ट्रैक करेगी। साथ ही मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाकर उनकी टेस्टिंग की जाएगी, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। विभाग के अनुसार सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने वाले मरीजों को तो वह पूरी तरह से मॉनिटर करते हैं, लेकिन निजी अस्पतालों के मरीजों व उसके संपर्क में लोगों पर नजर रखना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई थी।

सभी मरीजों के पास जाकर की जाएगी अपील

इसी कारण उन्होंने इस नई पहल की शुरुआत की है। जिसके तहत वह इन मरीजों के पास जाएंगे और उनको टीबी से संबंधित दिशा-निर्देश की अच्छी से पालना करने की अपील करेंगे। साथ ही सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज करवाने की भी उनको पेशकेश की जाएगी। इसी तरह मरीज के संपर्क में आए लोगों की टेस्टिंग होगी, ताकि संक्रमण को आगे बढ़ने से रोका जा सके। विभाग के अनुसार 70 प्रतिशत निजी अस्पताल सूबे के इन पांच जिलों में ही है, जिसके चलते इन जिलों से इसकी शुरूआत की गई है। अगले साल से मोहाली को भी इस परियोजना में शामिल किया जाएगा।

एक साल में ही बढ़ गए मरीज

एक साल में ही 9 प्रतिशत टीबी के मरीज बढ़ गये हैं, जिसने स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ा दी है। वर्ष 2023 में 54 हजार 999 टीबी के मरीज सामने आए थे, लेकिन वर्ष 2024 में टीबी के मरीजों की संख्या बढ़कर 60 हजार के करीब पहुंच गई हैं। इसी कारण विभाग ने अपनी टेस्टिंग भी बढ़ा दी है।

इस तरह फैलता है संक्रमण

टीबी एक संक्रामक रोग है। जब कोई टीबी का मरीज खांसता या छींकता है तो उससे निकलने वाले कणों के संपर्क में आने से लोग टीबी का शिकार हो सकते हैं। अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज कराया जाए और इलाज को पूरा किया जाए तो मरीज पूरी तरह से इससे ठीक हो सकता है। बता दें कि 46 से 60 वर्ष क आयु के मरीजों के लिए टीबी अधिक खतरनाक है।

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