किसानों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले में सरकार की मिलीभगत : चढूनी

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Government's complicity in Supreme Court's decision against farmers
प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :
जगाधरी अनाजंमंडी में मुश्तरका मालिकान जमीन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में सैंकड़ों किसान इकट्ठा हुए। इसमें मुख्य रूप से भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी पहुंचे। उन्होंने कहा कि मुश्तरका मालिकान जमीनों को लेकर जो सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। वह फैसला किसानों के खिलाफ है। ऐसा लगता है कि इसमें सरकार की मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि पूरे हरियाणा में किसानों के खातों से छूटी हुई ज़मीनें हैं। वह कई लाखों एकड़ जमीन है।

एक-एक गांव में सैकड़ों एकड़ जमीन खाली

एक-एक गांव में सैकड़ों एकड़ जमीन खाली है जो सरकार को जा रही है। 60 वर्ष से अधिक का समय हो गया है। उस पर किसान खेती करते आया है। कई किसानों ने ज़मीनों को बेच दिया है। कई जगह ज़मीनों को अपने नाम कर लिया गया है। कई जमीनों पर कालोनियां काटकर बेच दी गई है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दो वर्ष से सरकार भूमि बैंक बना रही है, यह सरकार को कैसे पता था। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की इन जमीनों को लेकर इकट्ठा कर बड़ी कंपनियों को लीज पर दे देगी। इस तरह से कंपनियों की खेती में एंट्री हो जाएगी और किसान को 5-10 एकड़ में ही अपनी खेती करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब में भी विभाजन से पहले जमीनों की मुरब्बाबंदी की गई थी। जिसमें कुछ जमीनें सांझा खाते में थी। जिनको बाद में बांट लिया गया था। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार उन मुश्तकान मालिकान जमीन पर हक किसानों को ही मिलें। इस मौके पर जिला प्रधान संजू गुंदियाना, डायरेक्टर मंदीप रोड छप्पर, कृष्णपाल, संदीप टोपरा व अन्य उपस्थित रहे।