केंद्र सरकार जल्द ही अर्बन को-आॅपरेटिव बैंकों पर लगाम कसने जा रही है। बता दें कि यह बैंक मल्टी स्टेट को-आॅपरेटिव सोसाइटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड होते हैं। सरकार ने इन बैंकों को स्मॉल फाइनेंस बैंक में तब्दील होने और आरबीआई के तहत आने के लिए कहा था, जिसका पालन नहीं हुआ था। बैंक आरबीआई के नियमों का पालन करते हुए कार्य करते हैं। हालांकि अभी भी देश में कार्यरत कई अर्बन बैंक आरबीआई के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि को-आॅपरेटिव अपने आप को बैंक कहते हैं। इसलिए लोग भी उनको असल बैंक समझकर के ट्रांजेक्शन को सुरक्षित समझते हैं। को-आॅपरेटिव बैंकों का महत्व काफी बढ़ गया है, क्योंकि राष्ट्रीयकृत बैंक छोटे लोगों को लोन देने में काफी सजग हो गए हैं।