किन्नौर भूस्खलन में मृतकों के परिजनों को सरकार देगी 5-5 लाख रुपए

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मुख्यमंत्री ने न्यूगलसरी पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया
आज समाज डिजिटल, शिमला:
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किन्नौर के न्यूगलसरी के नजदीक दूमती में हुए भीषण भूस्खलन के कारण मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने मृतकों और लापता लोगों के परिजनों से मिलकर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं और आश्वासन दिया कि संकट की इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है और उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भावानगर पहुंचकर घायलों का कुशलक्षेम भी जाना। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की और चिकित्सा अधिकारियों को घायलों को बेहतर उपचार सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए और गम्भीर रूप से घायल लोगों को 50-50 हजार रुपए प्रदान करेगी। इसके अलावा, परिवहन विभाग इस हादसे में जान गंवाने वाले बस यात्रियों को एक-एक लाख रुपए देगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घायलों को निशुल्क उपचार सुविधा प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री ने आईटीबीपी, एनडीआरएफ, सीआईएसएफ, राज्य पुलिस बलों और स्थानीय लोगों द्वारा राहत और बचाव अभियान कार्य के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस क्षेत्र का भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण भी करवाएगी, ताकि भविष्य में इस प्रकार के हादसों को रोकने के लिए कोई स्थाई समाधान निकाला जा सके। मुख्यमंत्री ने भावानगर में अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए बचाव टीमों, लापता लोगों और घायलों के परिजनों के ठहरने और भोजन की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्य संवेदनशीलता के साथ किया जाना चाहिए, ताकि लापता लोगों को बचाया जा सके। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को घायलों को समुचित उपचार सुविधा प्रदान करने और गम्भीर रूप से घायल लोगों को शीघ्र प्रमुख अस्पतालों में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर, किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी, राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रणधीर शर्मा, राज्य वन निगम उपाध्यक्ष सूरत सिंह नेगी, पूर्व विधायक तेजवन्त नेगी, मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन, पुलिस अधीक्षक किन्नौर एसआर राणा, आईटीबीपी के कमांडेंट सुनील कंडपाल व एनडीआरएफ के प्रभारी हरिओम भी उपस्थित थे।