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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक की आशंका के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा है कि कोरोना के विरुद्ध जंग में अगले 100-125 दिन नाजुक होंगे। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी कोरोना संक्रमण के लिहाज से संवेदनशील है। इसलिए तीसरी लहर को लेकर बार-बार शंका जाहिर की जाती है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और यह रोजाना पांच लाख से अधिक हो गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि डब्ल्यूएचओ ने इन्हीं आंकड़ों के आधार पर कहा है कि स्थिति अच्छी से खराब हो रही है। यह तीसरी लहर आने का संकेत दे रही है। उन्होंने कहा कि यदि लोग कोरोना अनुकूल व्यवहार का पालन करेंगे और अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे तो तीसरी लहर नहीं आएगी। अथवा इसके प्रभाव को कम किया जा सकेगा।
डॉ. पॉल ने कहा कि इस लिहाज से अगले 100-125 दिन नाजुक होंगे। यानी अगले चार महीने विशेष तौर पर सावधान रहने की जरूरत होगी। दरअसल, सरकार ने दिसंबर तक 94 करोड़ वयस्क आबादी को टीका लगाने का लक्ष्य भी रखा है। लेकिन यदि 94 करोड़ आबादी में से 70-80 फीसदी को भी टीका लगाने में सफलता मिल जाती है तो भी कोरोना के बड़े खतरे को रोका जा सकेगा। इसलिए इस लिहाज से भी अगले चार-पांच महीने बेहद महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि इस दौरान सरकार को टीकाकरण की रफ्तार को तेज करना है। बता दें कि देश में अब तक टीके की 41 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं तथा दोनों खुराक ले चुके लोगों की संख्या 7.5 करोड़ के करीब है। पॉल ने कहा कि मॉडर्ना के टीके को लेकर बातचीत जारी है तथा कभी भी इस पर फैसला हो सकता है। उन्होंने कहा कि टीके की कमी को दूर करने के लिए उत्पादन बढ़ाने के उपाय भी किए जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को लोगों से फेस मास्क पहनने का आग्रह किया है। कहा कि हमें इसे अपने जीवन में शामिल करना चाहिए, क्योंकि यह अब न्यू नॉर्मल है। प्रेस कॉन्फें्रस में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, एक विश्लेषण से पता चलता है कि लॉकडाउन में ढील के साथ ही फेस मास्क के उपयोग में अनुमानित गिरावट आई है। फेस मास्क को हमें अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल कर लेना चाहिए।