Government Subsidy : मत्स्य विभाग ने जिले में नीली क्रांति की सफलता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक नई पहल शुरू की है। मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली पालन के लिए नए तालाब खुदवाने वाले किसानों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी।
विशेष रूप से, मत्स्य विभाग दो हेक्टेयर क्षेत्र में नए तालाब की खुदाई के लिए सात लाख रुपये तक की सब्सिडी देगा। एसटी-एससी वर्ग के किसानों को इसी गतिविधि के लिए 70 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, विभाग चयनित किसानों को जिले से बाहर मछली पालन का प्रशिक्षण देने की योजना बना रहा है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को जिला मत्स्य विभाग में आवेदन करना होगा। आवेदन मिलने पर विभागीय अधिकारी भूमि का आकलन करने के लिए साइट विजिट करेंगे। यदि मूल्यांकन संतोषजनक रहा तो आवेदन को मंजूरी दी जाएगी और अनुदान प्रक्रिया शुरू होगी।
यह पहल किसानों को अपनी आय बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है। उल्लेखनीय है कि आठ नदियों से घिरा यह जिला राज्य के मत्स्य पालन क्षेत्र में प्रमुख स्थान रखता है, जहां मत्स्य पालन आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
90% तक सब्सिडी
सरकार मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं को सक्रिय रूप से लागू कर रही है, और इस नई केंद्र प्रायोजित योजना का उद्देश्य किसानों को मत्स्य पालन के प्रति और अधिक प्रोत्साहित करना और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करना है। इस योजना के तहत पिछड़े वर्ग के व्यक्ति तालाब खुदाई के लिए 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।
पिछड़े वर्ग के जिन लोगों के पास जमीन नहीं है, वे जमीन को पट्टे पर लेकर तालाब का निर्माण कर सकते हैं, बशर्ते कम से कम नौ साल का भूमि अनुबंध हो।
योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित आवश्यकताएं हैं:
- जिला मत्स्य विभाग को आवेदन प्रस्तुत करना।
- आवेदन के साथ भूमि के दस्तावेजों की फोटोकॉपी भी संलग्न करनी होगी।
- दो हेक्टेयर में नया तालाब बनाने के लिए अनुदान मिलेगा।
- सामान्य श्रेणी के आवेदकों को अधिकतम 7 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।
- एससी-एसटी श्रेणी के आवेदकों को 70 प्रतिशत अनुदान मिलेगा।
- विभाग भूमि का निरीक्षण करने के बाद स्वीकृति देगा।
- कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सकता है।
- इस योजना के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है।
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