देश में दाल संकट से पैदा हुए हालात के बाद लिया सरकार ने फैसला, अब देनी होगी साप्ताहिक रिपोर्ट
Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : पिछले दिनों देश में पैदा हुए दाल सकंट के बाद अब गेहूं की कालाबाजारी की खबरों के बीच सरकार ने बहुत बड़ा फैसला लिया है। ज्ञात रहे कि ऐसे समाचार आए थे कि देश में जल्द ही गेहूं का संकट खड़ा हो सकता है। व्यवसायी बड़े स्तर पर गेहूं की कालाबाजारी करने में जुटे हुए हैं। इसी के चलते सरकार ने एक व्यापक रणनीति के तहत एक अप्रैल से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए गेहूं के स्टॉक की साप्ताहिसक रिपोर्टिंग अनिवार्य कर दी है।
हर शुक्रवार को करनी होगी स्टॉक की स्थिति की घोषणा
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, निर्देश के तहत, सभी कानूनी संस्थाओं को अगली सूचना तक हर शुक्रवार को सरकार के आॅनलाइन पोर्टल पर अपने गेहूं स्टॉक की स्थिति घोषित करनी होगी। वर्तमान में गेहूं की स्टॉक सीमा 31 मार्च को समाप्त हो रही है। खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग कीमतों को नियंत्रित करने और पूरे देश में गेहूं की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खुलासों पर बारीकी से नजर रखेगा। बयान के अनुसार, जो संस्थाएं अभी तक पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हुई हैं, उनसे आग्रह किया गया है कि वे तुरंत ऐसा करें और अपनी साप्ताहिक स्टॉक रिपोर्टिंग शुरू करें।
सरकार कर चुकी देश में दाल संकट का सामना
आपको बता दें की दाल सीजन के दौरान केंद्र सरकार ने किसानों से तुअर, उड़द और मसूर दालों की सौ प्रतिशत खरीदारी का वादा किया है, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की तुलना में खुले बाजार में ज्यादा कीमत मिलने के चलते जरूरत भर सरकारी खरीद नहीं हो पा रही है।
इसका सीधा असर बफर स्टॉक पर पड़ने लगा। दाल का भंडार न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बफर स्टॉक में कम से कम 35 लाख टन दाल होनी चाहिए। वर्ष 2021-22 में यह 30 लाख टन एवं 2022-23 में 28 लाख टन था। किंतु वर्तमान में बफर स्टॉक में आधी से भी कम दाल उपलब्ध थी। सूत्रों के मुताबिक सरकारी एजेंसियां नेफेड एवं एनसीसीसी के स्टॉक में सिर्फ 14.5 लाख टन दाल ही बची थी।
सरकार ने यह नीति मंजूर की
सरकार ने पीली मटर और उड़द के लिए मुफ्त आयात नीति की अवधि बढ़ा दीै। इस कदम से व्यापारियों के लिए इन दालों को देश में लाना आसान हो गया। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग एक अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी। सरकार ने पीली मटर के आयात को अब पहले से लागू न्यूनतम आयात मूल्य (एमआईपी) शर्त या किसी भी बंदरगाह प्रतिबंध से मुक्त कर दिया।
यह नया नियम उन सभी शिपमेंट पर तत्काल लागू किया गया जहां बिल आफ लैडिंग (शिप आन बोर्ड) 31 मई, 2025 को या उससे पहले के लिए जारी किया गया था। इससे पहले, पीली मटर के लिए मुफ्त आयात नीति 28 फरवरी, 2025 को समाप्त हो गई थी। सरकार के फैसले के बाद पीली मटर का स्वतंत्र रूप से आयात करने के लिए व्यापारियों के पास 31 मई, 2025 तक यानी तीन महीने का अतिरिक्त समय दिया।
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