पूर्व मंत्री ने धरनारत कर्मचारियों को दिया समर्थन, बोले- कांग्रेस पार्टी खड़ी है उनके साथ Government Showed Workers Way Out
आज समाज डिजिटल,रेवाड़ी:
Government Showed Workers Way Out: पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि कोरोना काल में जब पूरा देश अपनों घरों में था और अपनी जान को हथेली पर रखकर एनएचएम कर्मचारी देश सेवा में लगे हुए थे। मौजूदा भाजपा सरकार ने उनको भी नहीं बख्सा। कोरोना संकट के समय आपात स्थिति में एनएचएम आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत रखे गए कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग ने मौखिक आदेशों के बाद घर भेज दिया है। गत 31 मार्च को खत्म हुए उनके साथ कांट्रेक्ट के बाद समय अवधि को आगे बढ़ाने की बजाय इन कर्मचारियों को घर जाने के लिए कह दिया गया है। मजबूरन कर्मचारियों को धरने पर बैठना पडा है। कैप्टन अजय सिंह यादव ने धरना स्थल पर पहुंचकर उनको अपना समर्थन दिया और कहा कांग्रेस पार्टी आप लोगों के साथ खडी है।
कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुली : यादव Government Showed Workers Way Out
श्री यादव ने कहा कि कोरोना काल में हमारी स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुल चुकी है। अस्पतालों में स्टाफ की कमी है फिर भी मौजूदा भाजपा सरकार इनके पीछे क्यों पडी है। उन्होंने कहा कोरोना काल में जब पूरा जिला घरों में था उस समय मौत के मुंह में उन लोगों ने काम किया। एनएचएम आउटसोसिंग पॉलिसी के तहत जिले में 38 कर्मचारियों को रखा गया था। अब इन कर्मचारियों को कौशल विकास निगम में समायोजित करने या फिर एनएचएम में ही समायोजित करने की बजाए 31 मार्च को मौखिक आदेश जारी करते हुए घर जाने के लिए कह दिया है। उनकी मांग है कि उनके काम को देखते हुए उन्हें या तो कौशल विकास निगम में समायोजित किया जाए या फिर एनएचएम में ही खाली पड़े पदों पर समायोजित किया जाए।
डाक्टर व नर्स स्टाफ की हाजीरी लगी हुई थी, लेकिन मौके पर डाक्टर गैरहाजिर थे: कैप्टन
ऐसा सिर्फ रेवाडी जिले में नही हुआ है बल्कि पूरे हरियाणा सहित अन्य प्रदेशों से भी एनएचएम आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत कर्मचारियों को हटाया जा रहा है जोकि कर्मचारियों के साथ सरासर अन्याय है। इसको लेकर कांग्रेस पार्टी हर प्रकार की लडाई में कर्मचारियों के साथ खडी हुई है। विधानसभा सहित लोकसभा में भी कांग्रेस पार्टी कर्मचारियों के मुद्दे को उठाएगी। उसके बाद कैप्टन अजय सिंह यादव ने ट्रामा सेंटर रेवाडी का दौरा किया।
उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर चेक करते हुए बताया कि डाक्टर व नर्स स्टाफ की हाजीरी लगी हुई थी, लेकिन मौके पर केवल एक नर्स उपस्थित रहीं जबकि डाक्टर गैरहाजिर थे। इसके अलावा अस्पताल की नई बिल्डिंग में न तो कोई पूछताछ पर था और न ही कोई डाक्टर वहां पर था। अस्पताल की लिफ्ट खराब पडी हुई है। पूर्व मंत्री ने लिखित में इसकी शिकायत सीएमओ और पीएमओ को दी है और लापरवाह अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।