नवीन मित्तल, शहजादपुर :
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने शहजादपुर में किसान पंचायत को संबोधित करते हुए कहा पिछले 9 महीने से किसान दिल्ली बार्डर पर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं लेकिन सरकार टस से मस नही हो रही। फसल और नस्ल को बचाने का किसानों के सामने मामला है। इस आंदोलन के चलते संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पूरे देश में एक मिशन चलाया गया है जिसके पहले चरण में उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड़ मिशन की 5 सितम्बर से मुज्जफरनगर से कर रहे हैं या तो सरकार मान जाए और तीनो कानून रद्द करके एमएसपी गारन्टी का कानून बना दे नही तो किसान बंगाल जैसा हाल यह देश का किसान इनका करेगा। उन्होने कहा कि 5 सितम्बर को मुज्जफरनगर में किसान महापंचायत होगी इससे पूर्व 26 अगस्त को जिला यमुनानगर के बिलासपुर की अनाज मंडी में होने वाली किसान पंचायत को राष्ट्रीय महासचिव राकेश टिकैत व अन्य किसान नेता इस पंचायत को संबोधित करेंगे। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा किसानों ने न तो कभी ये कानून सरकार से मांगे है सरकार जबरदस्ती कॉरपोरेट घरानों के दबाब में इस तरह के कानून थोप रही है। उन्होंने कहा कि जब तक भाजपा सरकार किसानों की मांग नही मानती तब तक उसके हर नेता का हर जगह विरोध होगा। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को परेशान करना बंद कर दे। गत दिनों पीएम सीएम की फोटो छपे थैलों में अनाज बांटने के सवाल पर किसान नेता ने कहा कि पहली बात तो यह है कि जो अनाज बांटा गया है वह खाने लायक ही नही है। दूसरी बात यह है कि सरकार ने वाह वाही लूटने के लिए करोड़ो रुपए खर्च कर दिए, जिसका नुकसान आमजन को ही हुआ है। गत दिनों पीएम सीएम की फोटो छपे थैलों का विरोध कर रहे किसानों के खिलाफ जो मामले दर्ज किए गए हैं उनका किसान यूनियन विरोध करती है और अगर कोई भी मामला गलत तरीके से दर्ज हुआ है तो उसका विरोध किया जाएगा। उन्होने कहा कि 5 सितम्बर को होने वाली यह पंचायत ऐतिहासिक होगी और पिछली सभी पंचायतों के रिकार्ड तोडेगी और इसके बाद सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी।