कहा, प्रदेश और देश में रोजगार की कमी के चलते जमीनें बेचकर विदेश जा रहे युवा

Punjab Farmers Protest (आज समाज), चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को एक साल हो चुका है। शंभू और खनौरी मोर्चे से एकता के लिए आज चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चे की मीटिंग हुई। इस मौके किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमारे 11 फरवरी से 13 फरवरी तक प्रोग्राम है। ऐसे में हमारे खनौरी वाले साथी मीटिंग में शामिल नहीं हो पाए हैं। लेकिन हम समय निकालकर यहां आए हैं। आज हमने गंभीर इस विषय पर चर्चा की है। हम एकता के निकट पहुंच गए हैं। आने वाले समय में एक और मीटिंग होगी, साथ ही कोशिश रहेगी कि सारे एकजुट रहें। वहीं, 14 तारीख को केंद्र सरकार से होने वाली मीटिंग को लेकर सारी स्ट्रेटजी साफ की जाएगी।

डल्लेवाल ने खनौरी बॉर्डर से दिया किसानों को संदेश

खनौरी बॉर्डर पर चल रही महापंचायत से 78 दिन से आमरण अनशन पर चल रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल जनता के नाम संदेश दिया है। किसान महापंचायत में पहुंचे सभी किसान मजदूर व सभी कैटेगरी के लोगों का मैं दिल की गहराई से धन्यवाद करना चाहता हूं। आपने यहां आकर किसान महापंचायत को सफल बनाने का प्रयास किया है। देखिए सवाल यह है कि कुछ दिन पहले अमेरिका की तरफ से लगभग 104 भारतीय डिपोर्ट किए गए।

जिनमें 30 से अधिक हमारे पंजाब और हरियाणा के भाई हैं। बाकि पूरे देश के लोग हैं। सवाल यह उठता है कि जिस कारण उन्हें डिपोर्ट किया गया। उन्हें इस तरीके से जाना क्यों पड़ा। उसकी मेन वजह यही है कि हमारे देश के अंदर रोजगार नहीं है। इंप्लायमेंट की कमी है, उसकी वजह से हमारे देश के युवाओं को बाहर जाना पड़ रहा है।

कृषि क्षेत्र मे रोजगार की अपार संभावनाएं

लोगों को इंप्लॉयमेंट मुहैया करवाने में जो सेक्टर सबसे सक्षम है। वह केवल एग्रीकल्चर सेक्टर है। अगर देश का एग्रीकल्चर सेक्टर मजबूत होता है, सबको रोजगार मिलता है। खेती फायदेमंद होती तो हमारे युवाओं को बाहर क्यों जाना पड़ता। वह बाहर गए हैं तो आज पता चल रहा है, जिनको डिपोर्ट कर दिया। 200 से अधिक नौजवानों को फिर से डिपोर्ट करने के लिए अमेरिका तैयार बैठा है। वह बड़ी दुखद बात है। एग्रीकल्चर सेक्टर में एमएसपी जो हम लड़ाई लड़ रहे हैं।

किसानों को एमएसपी की गारंटी मिले

हम सभी देश के किसानों को एमएसपी की गारंटी का कानून मिले और डाक्टर स्वामीनाथन के फामूर्ले सी -2 प्लस 50 के हिसाब से फसलों का दाम मिले। इससे पूरे देशवासी देश के अंदर काम करेंगे। सरकार को हाथ जोड़कर निवेदन है कि इस क्षेत्र को मजबूत किया जाए, ताकि हमारे युवा बाहर न जाए।

सरकार से निवेदन करता हूं जो युवा डिपोर्ट किए जा रहे है, उनका सरकार हाथ पकड़े। न तो केंद्र सरकार, न ही पंजाब सरकार ने अभी कुछ किया गया है। यह बहुत बुरी बात है। सरकार को इनका हाथ पकड़ना चाहिए। फिर से किसानों को विनती करता हूं कि आंदोलन को मजबूत करें, ताकि अपने देश के युवाओं को देश के अंदर ही रोजगार देने में कायमाब हो पाए।

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