आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि सरकार करनाल में हुए लाठीचार्ज की न्यायिक जांच करवाए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को लठतंत्र में बदलने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इस बात की जांच होनी चाहिए कि करनाल में अधिकारी किस अधिकार के तहत पुलिसवालों को किसानों के सिर पर वार करने के आदेश दे रहे थे क्योंकि ये पुलिस का अधिकार क्षेत्र है। ऐसे आदेश तो किसी भी परिस्थिति में कोई पुलिस अधिकारी भी नहीं दे सकता है। किसानों के सिर पर वार करने के आदेश किसके थे? ये जांच का विषय है। हुड्डा चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने एक बार फिर किसानों पर हुई बर्बरता की निंदा की।
उन्होंने दोहराया कि लोकतंत्र में सभी को अपनी मांगों के लिए धरना-प्रदर्शन करने का अधिकार है। जनता के इस अधिकार को सत्ता के ताकत से छीना नहीं जा सकता। किसान बीजेपी के कार्यक्रम स्थल से करीब 15 किलोमीटर दूर बसताड़ा टोल प्लाजा पर धरना दे रहे थे लेकिन पुलिस ने निरंकुश और दमनकारी नीति अपनाते हुए उनके ऊपर लाठीचार्ज किया। हुड्डा ने कहा कि लाठीचार्ज के बाद ट्रॉमा से हार्ट अटैक होने से घरौंडा के एक किसान की जान जाने की भी दुखद खबर आई है। बाकी पोस्टमार्टम से स्पष्ट होगा कि किन कारणों से किसान की मौत हुई। उन्होंने शहीद किसान के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और सरकार से परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की।