कहा, 6 जनवरी को श्री गुरु गोबिंद के प्रकाश पर्व शंभू बार्डर पर मनाया जाएगा
Punjab Farmer Protest (आज समाज), चंडीगढ़: अपनी मांगों को लेकर शंभू और खनौरी बार्डर पर किसानों का आंदोलन पिछले साल फरवरी से चल रहा है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर के नेतृत्व में शंभू बार्डर पर किसानों की अहम बैठक हुई है। मीटिंग में तय हुआ है कि 6 जनवरी को श्री गुरु गोबिंद के प्रकाश पर्व शंभू बार्डर पर मनाया जाएगा। ऐसे में पटियाला के नजदीक के गांवों से अपील है कि अधिक से अधिक लोग मोर्चे में पहुंचे। इसमें किसान जत्थेबंदियां ने अपने कैडर सहित शामिल होंगी। किसानों द्वारा दूसरी अपील यह है कि पंजाब सरकार के विटंर सेशन में केंद्र सरकार द्वारा जारी कृषि मार्केटिंग पॉलिसी के ड्राफ्ट को रद्द किया जाए।
किसानों के हक में प्रस्ताव पास करे मान सरकार
किसानों की अन्य 13 मांगों के हक में पंजाब सरकार प्रस्ताव पास करे। आने वाले समय में शंभू बार्डर पर लोगों की संख्या बढ़ाई जाएगी। जल्दी ही दिल्ली जाने के फैसले का ऐलान करेंगे। जब तक केंद्र सरकार हमारी मांगों पर कोई ठोस फैसला नहीं लेती, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। दूसरी तरफ खनौरी बार्डर पर भी किसानों की मीटिंग जारी है।
जल्द बनेगी दिल्ली कूच की योजना
शंभू बार्डर पर केएमएम की बैठक होने जा रही है। इस बैठक में तय होगा कि अगला जत्था कब दिल्ली की ओर कूच करेगा। केंद्र अभी बातचीत के लिए तैयार नहीं है। देश के प्रधानमंत्री को न तो किसानों और मजदूरों के हितों की जानकारी है और न ही वे इस बारे में सोच रहे हैं। सिर्फ कॉरपोरेट घरानों को कैसे खुश किया जाए। इसी बारे में सोचा जा रहा है। बैठक में खनौरी के ताजा हालात पर चर्चा होगी। पंजाब बंद में जिस तरह लोगों ने सहयोग किया। इसके लिए उनका आभार जताया जाएगा। साथ ही कहा कि आंदोलन को कैसे आगे बढ़ाया जाए। उस पर चर्चा होगी।
6 फरवरी को बनाई थी हरियाणा सरकार द्वारा दीवार
शंभू बार्डर पर हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को रोकने के लिए बनाई गई दीवार की ओर इशारा करते हुए पंधेर ने कहा कि यह दीवार हरियाणा सरकार ने 13 फरवरी को आंदोलन शुरू होने से पहले 6 फरवरी को बनाई थी। केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू और हरियाणा के कृषि मंत्री ने इस पर यूटर्न ले लिया है। वे कहते थे कि आप पैदल आ सकते हैं, कोई नहीं रोकेगा। लेकिन अब उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि 100 लोगों का जत्था पैदल दिल्ली जा रहा है। वह दिल्ली के कानून के लिए खतरा कैसे बन सकते हैं। पंधेर ने कहा कि मांगों को लेकर आमरण अनशन और दिल्ली कूच शुरू किया गया है। इसे किसान आंदोलन 2 भी कहा जा रहा है। यह तब तक जारी रहेगा जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं।
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