दिनेश मौदगिल, लुधियाना :
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के महासचिव सुनील मेहरा ने कहा कि पंजाब सरकार व्यापारियों की हितैषी नहीं है, क्योंकि कोरोना के कारण पहले ही व्यापार संकट में है। पंजाब का व्यापार बिल्कुल खत्म हो चुका है , परंतु पंजाब सरकार इस आपदा की घड़ी में व्यापारियों का साथ देने की बजाय, उनको तबाह करने पर तुली है। जब कि व्यापारी प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होते हैं। व्यापारियों द्वारा दिए गए टैक्सों से ही सरकारें चलती हैं। आज पंजाब सरकार की व्यापार विरोधी नीतियों के कारण पंजाब का 40,000 उद्योग दूसरे राज्यों में पलायन कर चुका है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को राहत देने की बजाय सरकार उन पर टैक्स लगाकर उन को तंग कर रही है। वहीं पंजाब सरकार द्वारा पिछले 3 साल से लगाया गया प्रोफेशनल टैक्स व्यापारियों के लिए नुकसानदायक साबित हुआ है । उन्होंने कहा कि 2 सितंबर को कैप्टन ने पंजाब सरकार का विधान सभा सेशन बुलाया है । उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की है कि इस विधानसभा सेशन में व्यापारियों से किए गए वादों को पूरा किया जाए। जिसमें प्रोफेशनल टैक्स खत्म करने व बिजली 5 रुपए प्रति यूनिट करने की मांग की गई है। उन्होंने सरकार को 7 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगे ना मानी गई तो पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के बैनर तले पूरे पंजाब में व्यापारियों द्वारा धरने प्रदर्शन किए जाएंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। जिला अध्यक्ष अरविंदर सिंह मक्कड़, चेयरमैन पवन लहर और महासचिव सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि पंजाब में प्रतिदिन होने वाले गैंगस्टर के कारण व्यापारियों की नींद उड़ी हुई है , क्योंकि पंजाब में अब कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है ।
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