नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में केंद्र द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनोंके खिलाफ याचिका दायर की गईथी। जिस पर सुनवाई केदौरान कोर्टनेकेंद्र सरकार को भी आड़ेहाथों लिया। कोर्टने अगले आदेश तक कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है। इस सुनवाई के दौरान सरकार की ओर जिरह करने आए एटर्नी जनरल केके वेणुगोपाल नेकिसान आंदोलन में खालिस्तानियों के घुसपैठ करने केबारे में जानकारी दी। जब इस बात पर उनसे हलफनामा दाखिल करने की बात कोर्ट नेकही तो उन्होंने कहा कि वह वह कल मामले में हलफनामा दे देंगे और इसका आधार आईबी की रिपोर्ट है। इसके बाद कोर्ट ने एक कमेटी का गठन करने का आदेश दिया है। किसानों द्वारा समिति केपास जाने से सीधा इनकार किया तो कोर्ट ने किसानों को भी फटकार लगाई और कहा कि राजनीति और न्यायतंत्र में फर्क होता है। कोर्ट ने कहा कि यह राजनीति नहीं है। हम समस्या का हल चाहते हैं, मगर आप अनिश्चितकालीन आंदोलन करना चाहते हैं तो आप कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और किसानों के बीच जारी इस गतिरोध को दूर करने के इरादे से देश के किसी पूर्व प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में 4 लोगों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। कमेटी के लिए कोर्ट ने अशोक गुलाटी, अनिल घनवट, एचएस मान और प्रमोद जोशी के नाम दिए हैं।