प्रभजीत सिंह (लक्की) यमुनानगर। कृषि सुधार कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन पर शिक्षा एवं वन मंत्री कंवरपाल गुर्जर का कहना है कि किसान नेता अपने स्वार्थ व राजनीति के लिए जनता को गुमराह कर रहे हैं। प्रदेश सरकार आज भी किसानों की बात सुनने के लिए तैयार है। किसानों द्वारा पूरे प्रदेश में बीजेपी-जेजेपी नेताओं का विरोध किया जा रहा है, लेकिन सरकार की मंशा टकराव की नही है।उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन एक गैर जिम्मेदाराना आंदोलन है, क्योंकि कोरोना महामारी में भी किसान धरना दे रहे हैं। अगर किसान चाहें तो वह बातचीत कर सकते हैं। किसान कृषि कानूनों को रद करने की बात पर अड़े हुए हैं। जिससे समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा। अगर कृषि सुधार कानूनों में कुछ दिक्कत है तो लोकसभा में इस मुद्दे पर विचार किया जा सकता है। आंदोलन को जो राजनीतिक पार्टी समर्थन कर रही हैं वह लोकसभा में अपनी बात रखें। प्रदेश में कांग्रेस बड़ी पार्टी है। कांग्रेस विधानसभा में साबित करे कि कृषि कानूनों से क्या नुकसान है और किसानों को क्या खतरा है। लेकिन विधानसभा में भी इस तरह की कोई बातचीत नहीं की जाती। सरकार का प्रयास है कि किसी भी तरह का कोई टकराव किसानों के साथ न हो और न ही बल प्रयोग किया जाए। किसान एक पवित्र शब्द है। इस आंदोलन का किसानों से कोई लेना देना नही हैं।