एजेंसी,नई दिल्ली। मोदी सरकार कालेधन के खिलाफ अभियान चला रही है। पीएम मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में नोटबंदी की और अब सोने पर शिकंजा कसने की तैयारी है। सोने के रूप में कालाधन रखने वालों की अब खैर नहीं होगी। कालाधन रखने वालों की अब खैर नहीं। कहा जा रहा है कि नोटबंदी के बाद यह दूसरा बड़ा निर्णय होगा। एक तय मात्रा से ज्यादा बिना रसीद के सोना रखे होने पर उसकी जानकारी देनी होगी और उसकी कीमत सरकार को बतानी होगी। साथ ही उसपर टैक्स चुकाना होगा और न बताने पर भारी जुमार्ना लगेगा। बता दें कि नोटबंदी के दिन लोगों ने सोना खरीदा था और उस दिन एक लाख रुपए तक प्रति 10 ग्राम सोना बिका था। इसके लिए सरकार वर्ष 2017 में पेश प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना जिसे आईडीएस 2 कहा गया था, सोने के लिए खास योजना ला सकती है। सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग और राजस्व विभाग ने मिलकर इस योजना का मसौदा तैयार किया है। सूत्रों की मानें तो वित्त मंत्रालय ने अपना प्रस्ताव कैबिनेट के पास भेज दिया है और जल्द ही कैबिनेट से इस योजना को मंजूरी मिल सकती है। सूत्रों का कहना है कि अक्तूबर के दूसरे हफ्ते में ही कैबिनेट में इस पर चर्चा होनी थी लेकिन महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव की वजह से अंतिम समय पर फैसला टाल दिया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इस स्कीम के तहत सोने की कीमत तय करने के लिए मूल्यांकन केन्द्र से प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट) लेना होगा। ये स्कीम एक खास समय सीमा के लिए ही होगी।। यह वर्ष 2014-16 की एमनेस्टी स्कीम की तर्ज पर होगी। सोने में कालेधन पर प्रहार के साथ ही स्वर्ण बॉन्ड को और आकर्षक बनाने की तैयारी कर रही है। स्वर्ण बॉन्ड को गिरवी रखने की अनुमति मिल सकती है। इसकी छह किस्त अभी तक जारी कर चुकी है। सरकार देश में मंदिर और ट्रस्ट के पास पड़े सोने को भी उपयोगी बनाने की योजना पर विचार कर रही है। इनके सोने को उपयोगी बनाने के लिए सरकार जल्द महत्वपूर्ण घोषणा कर सकती है। योजना के तहत सोने की कीमत तय करने के लिए मूल्यांकन केन्द्र से प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट) लेना होगा। इसके तहत बिना रसीद वाले जितने सोने का खुलासा करेंगे उस पर एक तय मात्रा में टैक्स देना होगा।