Government is not going to stop diesel-petrol vehicles, fear of law saying on heavy movement is not right – Nitin Gadkari: सरकार डीजल-पेट्रोलगाड़िया बंद नहीं करने जा रही, भारी चलान पर बोले कानून का डर न होना ठीक नहीं-नितिन गडकरी

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केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट कर दिया कि वह पेट्रोल या डीजल वाहनों पर प्रतिबंध नहीं लगाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का ऐसा कोई इराद नहीं है कि वह डीजल-पेट्रोल गाड़ियों को बंद करे। हलांकि गुरुवार उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार को ऐसे सुझाव मिले हैं लेकिन सरकार ऐसा कोई निर्णय नहीं लेने जा रही है। हम ऐसा कुछ भी नहीं करने वाले हैं।’ बता दें कि इस साल जून में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की अगुवाई में बनी स्टीयरिंग कमेटी ने जारी रिपोर्ट में कहा था कि इलेक्ट्रिक वाहनों को सड़क पर उतारने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम किया जाए, साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों को कम करने के लिए देश में ही फैक्टरियां लगा कर बैटरियों का निर्माण किया जाए। इस दौरान मंत्री ने नए यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारी जुमार्ना लगाने पर कहा, ‘सरकार जुमार्ने की राशि बढ़ाने की इच्छा नहीं रखती है।

मुद्दा यह है कि ऐसा समय आना चाहिए कि किसी को दंड न मिले और सभी नियमों का पालन करें।’ उन्होंने कहा कि कानून का सम्मान और डर न होना अच्छी स्थिति नहीं है। बता दें कि 24 अगस्त को गडकरी ने सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग की सिफारिशों को दरकिनार करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार ने ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है और यह फैसला परिवहन मंत्री को लेना है, न कि नीति आयोग को। गौरतलब है कि नीति आयोग ने तिपहिया वाहनों को 2023 और 150सीसी से कम क्षमता वाले दो पहिया वाहनों को 2025 तक बंद कर इनके स्थान पर इलेक्ट्रिक वाहन लाने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि नीति आयोग के इस कदम की आॅटोमोबाइल जगत में काफी आलोचना हुई थी। जिसका असर यह हुआ कि आॅटो इंडस्ट्री को 20 साल बाद जबरदस्त मंदी का सामना करना पड़ा। नितिन गडकरी ने कहा कि परिवहन मंत्री होने के नाते मैंने नीति आयोग के बहुत से प्रस्तावों को मंजूरी दी है, लेकिन इस मामले में मैं परिवहन मंत्री हूं और फैसला मुझे लेना है, न कि नीति आयोग को।