नई दिल्ली। तिहाड़ जेल से बाहर आते ही पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने सरकार पर हमला तेज कर दिया। केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों को गलत बताते हुए आज उन्होंने प्रेस कांन्फ्रेंस में कहा कि हम खुशकिस्मत रहेंगे अगर साल के अंत में जीडीपी पांच फीसदी रहती है। उन्होंने कहा कि जब बीमारी का पता हो तभी उसका सही इलाज किया जा सकता है। बीमारी के लिए सही दवा दी जा सकती है। लेकिन केंद्र सरकार को देश की आर्थिक समस्या का पता ही नहीं है। वह इसलिए इसका सही इलाज नहीं कर पा रहे हैं। पिछले सात महीने से आर्थिक हालात खराब चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर अरविंद सुब्रमण्यम की चेतावनी को याद कीजिए जिसमें उन्होंने कहा कि पांच फीसदी से कम जीडीपी रहने का अनुमान लगाया था। आगे उन्होंने कहा कि सरकार को अर्थव्यवस्था का कोई ओर-छोर नहीं मिल रहा, वह नोटबंदी और दोषपूर्ण जीएसटी जैसी विनाशकारी गलतियों का बचाव बहुत ही अड़ियल और जिद्दी तरीके से कर रही है। पी. चिदंबरम ने कहा कि देश की आर्थिक हालात इतने खराब है और पीएम इस पर खामोश हैं। उन्होंने अपने मंत्रियों को भेज रखा है इसका जवाब देने के लिए। पीएम मोदी देश की आर्थिक समस्या पर कुछ नहीं बोल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्री रहने के दौरान मेरा रिकॉर्ड और मेरी अंतरात्मा बिलकुल साफ है। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के सात महीने गुजरने के बाद भी भाजपा सरकार का यही मानना है कि अर्थव्यवस्था में आ रही समस्याएं चक्रीय हैं। सरकार का यह मानना गलत है। पूर्व वित्तमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार का मानना बिलकुल गलत है। चिदंबरम ने कहा-मैं उन राजनीतिक नेताओं के बारे में विशेष रूप से चिंतित हूं, जिन्हें बिना किसी आरोप के हिरासत में लिया गया है। स्वतंत्रता नहीं है, अगर हमें अपनी स्वतंत्रता को संरक्षित करना है, तो हमें उनकी स्वतंत्रता के लिए लड़ना चाहिए। जैसा कि मैंने कल रात 8 बजे आजादी की हवा में सांस ली, मेरी पहली सोच और प्रार्थना कश्मीर घाटी के 75 लाख लोगों के लिए थी। जिन्हें 4 अगस्त, 2019 से अपनी बुनियादी स्वतंत्रता से वंचित कर दिया गया है।