आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली:
भारत सरकार जल्द क्रिप्टोकरंसी पर भी ड्राफ्ट बिल लाने की तैयारी कर रही है, जिसमें इसे पूरी तरीके से परिभाषित किया जाएगा। अभी यह नहीं पता है कि क्रिप्टो एसेट्स करंसी में आती है, कमोडिटीज है, सर्विस या इक्विटी में आती है। इसी कारण इस पर टैक्स को लेकर भी स्थिति साफ नहीं है। माना जा रहा है कि क्रिप्टोकरंसी सभी तरह के उद्देश्यों के लिए एसेट/कमोडिटी गिना जाएगा। इसके अलावा बहुत से लोगों में इसके टैक्स संबंधी आशंकाएं भी रहती है, उन्हें भी दूर किया जाएगा। इस बिल में यह भी बताया जाएगा कि आपके एसेट्स पर टैक्स किस तरह लगेगा जिससे आपके अकाउंट बुक्स में स्थिति साफ रहे। कयास हैं कि क्रिप्टो एसेट्स को टेक्नोलॉजी या एंड यूज के आधार पर परिभाषित किया जाएगा।
हाल ही में यह खबर भी सामने आई थी कि क्रिप्टो एक्चेंजेज ने क्रिप्टोकरंसीज को रेग्युलेट करने के लिए नीतिगत सिफारिशें की हैं। इन सिफारिश में क्रिप्टोकरंसीज को डिजिटल एसेट्स के तौर पर परिभाषित करने एवं घरेलू क्रिप्टो एक्सचेंजेज को रजिस्टर करने के लिए एक सिस्टम शुरू करने की सिफारिश की है। क्रिप्टोकरंसीज पर टैक्स को लेकर भी लोगों में काफी कन्फयूजन रहती है। इसी कारण बिल में यह परिभाषित किया सकता है कि क्रिप्टोकरंसीज की ट्रेडिंग पर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स की तरह टैक्स लगाया जा सकता है। इस पर सामान्य इनकम टैक्स रेट ही लागू होंगे। वहीं अगर क्रिप्टो एसेट्स को कमोडिटीज माना जाता है तो रिटर्न पर इनवेस्टर्स को हुई बिजनेस इनकम की तरह टैक्स लग सकता है।