कहा, यमुना में गिर रहा दिल्ली का गंदा पानी, सरकार मौन

Delhi News (आज समाज), नई दिल्ली। बीते विधानसभा चुनाव में दिल्ली की राजनीति में जो मुद्दे सबसे ज्यादा उछले थे उनमें से एक था यमुना की सफाई का मुद्दा। भाजपा ने इस मुद्दे पर जहां विपक्षी पार्टियों द्वारा जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया था वहीं यह भी दावा किया था कि भाजपा की सरकार बनने पर प्राथमिकता के आधार पर यमुना को साफ किया जाएगा और उसे पुराने स्वरूप में लौटाया जाएगा। अब जबकि दिल्ली में भाजपा की सरकार है तो विपक्ष उसे इस मुद्दे पर घेर रहा है।

यह बोले दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा की रेखा गुप्ता सरकार की प्राथमिकता यमुना सफाई था, जो यमुना के क्वालिटी चेक की रिपोर्ट के बाद पूरी तरह धोखा साबित हुआ है। दिल्ली की यमुना के जल की प्रदूषण जांच के लिए पानी के क्वालिटी चेक में 7 जगहों का पानी गुणवत्ता के तौर पर पीना तो दूर नहाने के योग्य भी नही पाया गया है। जबकि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी यमुना के पानी की क्वालिटी भी प्रदूषित पाई गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का यमुना सफाई का दावा केवल ढ़ोंग है, केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा क्वालिटी चेक के बाद यमुना के जल की वास्तविकता दिल्लीवालों के सामने है।

यमुना के पानी में रिकॉर्ड स्तर पर प्रदूषण तत्व

देवेन्द्र यादव ने कहा कि यह चिंताजनक है कि यमुना के जल में प्रदूषण तत्वों का तय मानक अनुसार फेकल कोलीफॉर्म प्रति 100 एमजी पानी में 500 एमपीएन होना चाहिए और 2500 एमपीएन होने तक यह उपयोग लायक नही रह जाता। जबकि जैव रसायन आॅक्सीजन (बीओडी) की मांग 3 मिलीग्राम प्रति लीटर और घुलनशील आॅक्सीजन (ओडी) 5 मिलीग्राम प्रति लीटर होना चाहिए। दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल समिति की रिपोर्ट अनुसार 7 जगहों में एक भी जगह का पानी मानक अनुसार शुद्ध नही पाया गया क्योंकि भाजपा सरकार का दिल्ली का नालों से यमुना में गिरने वाले प्रदूषित पानी पर कोई योजनाबद्ध नियंत्रण नही है, जो यमुना में प्रदूषण का मुख्य कारण है।

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