नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को शून्यकाल में चीन के सैनिकों का भारतीय सीमा प्रवेश करने की घटना को कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने उठाया। उन्होंने सवाल किया कि हमारा रुख पाकिस्तान के प्रति तो सख्त दिखाई पड़ता है लेकिन चीन के प्रति हमारा रुख नरमी वाला है। चीन के खिलाफ इतनी नरमी क्यों है? इस सवाल के जवाब में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर अलग-अलग धारणाएं होने की वजह से अतिक्रमण की घटनाएं होती हैं लेकिन सीमा सुरक्षा को लेकर किसी को चिंता की जरूरत नहीं है और सेनाएं पूरी तरह चौकस हैं। अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि चीन के मामले में सरकार का रवैया हताशा पैदा करने वाला है। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, मैं सदन को और सदन के माध्यम से देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सीमा सुरक्षा को लेकर सेनाएं पूरी तरह चौकस हैं।
सीमा सुरक्षा को लेकर सरकार पूरी तरह जागरुक है। किसी को चिंता की आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही राजननाथ सिंह ने यह भी स्पष्ट ्िरया कि चीन के साथ इस तरह की घटनाओं का मूल कारण दोनों देशों के बीच कोई निर्धारित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) नहीं होना है। एलएसी को लेकर दोनों देशों की अलग-अलग धारणाएं हैं और उसी के चलते कई बार चीनी पीएलए के जवान हमारी सीमा के अंदर आ जाते हैं तो कई बार हमारे लोग भी उस तरफ चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सेनाएं टकराव की स्थिति होने पर भी सूझबूझ का परिचय देती हैं और गतिरोध को बढ़ने नहीं देतीं। इसके साथ ही रक्षामंत्री ने कहा कि भारत-चीन के बीच अतिक्रमण, उल्लंघन के मुद्दों को सुलझाने के लिए कई स्तर है। इनमें एनएसए के बीच वार्ता, राजनयिक स्तर पर वार्ता और संयुक्त सचिव स्तर पर वार्ता आदि शामिल हैं। सिंह ने बताया कि चीन की सीमा पर सुरंग आदि बुनियादी ढांचों का भी विकास किया जा रहा है।