Goodbye 2024: हरियाणा के इतिहास में साल 2024 को हमेशा किया जाएगा याद

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Haryana News : अलविदा 2024: हरियाणा के इतिहास में साल 2024 को हमेशा किया जाएगा याद
Haryana News : अलविदा 2024: हरियाणा के इतिहास में साल 2024 को हमेशा किया जाएगा याद

राजनीतिक दृष्टि से साल 2024 में प्रदेश में हुई काफी उथल-पुथल
(आज समाज) चंडीगढ़: नया साल आने वाला है। एक नई सोच के साथ हम सबको नए साल का स्वागत करना है। साल 2024 के अंदर हरियाणा में बहुत सी बड़ी घटनाएं घटित हुई जो हमेशा याद रहेगी। राजनीतिक दृष्टि से भी साल 2024 हमेशा याद किया जाएगा। साल 2024 में ही प्रदेश को पहला ओबीसी मुख्यमंत्री मिला।

वहीं प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी पार्टी ने जीत की हैट्रिक लगाते हुए लगातार तीसरी बार सरकार बनाई। ऐसी बहुत सी घटनाएं है जिनके कारण साल 2024 को याद किया जाएगा। इस लेख के जरिए हम आपको कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में बता रहे है।

सीएम चेहरा बदला गया

2024 में भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में सीएम चेहरा बदला, साढ़े नौ साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सैनी को सीएम बनाया गया। नायब सैनी की बदौलत विधानसभा चुनाव में सूबे में तीसरी बार सत्ता में बीजेपी काबिज हुई।

बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाने में सफल रही

हरियाणा विधानसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव नतीजों से उत्साहित कांग्रेस को 10 साल बाद सत्ता में वापसी की उम्मीद थी। मीडिया में कांग्रेस की हरियाणा में वापसी की अटकलें लग रही थी, लेकिन चुनावी नतीजे जब आए तो कांग्रेस और चुनावी सर्वेक्षण करने वालों को जोर का झटका लगा।

बीजेपी हरियाणा में इतिहास बनाते हुए पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापस आ गई। बीजेपी 48, कांग्रेस 37, इनेलो 2 और निर्दलीय 3 सीटों पर जीतने में कामयाब हुए। जबकि जेजेपी-एएसपी गठबंधन और आप का खाता भी नहीं खुल पाया।

25 साल बाद करनाल को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली

25 साल बाद करनाल लोकसभा सीट को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली। सांसद मनोहर लाल को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। इससे पहले 1999 में आईडी स्वामी को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बनाया गया था। घरौंडा सीट से विधायक हरविंद्र कल्याण को विधानसभा का 18वां अध्यक्ष चुना गया। यह पहली बार हुआ है कि करनाल के किसी विधायक को यह जिम्मेदारी मिली।

चौटाला परिवार की चौधर खत्म

हरियाणा विधानसभा के रण में कई परिवारों के नेता भी आमने-सामने उतरे थे। चौधरी देवीलाल परिवार के सबसे ज्यादा 9 सदस्य चुनावी मैदान में थे। रानियां में अर्जुन चौटाला ने दादा रणजीत चौटाला को हराया। तोशाम में भाजपा की श्रुति चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी चचेरे भाई अनिरुद्ध को मात दी। पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल के पौत्र अभय चौटाला इस चुनाव में इनेलो के टिकट पर ऐलनाबाद विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में थे।

5 साल में खत्म हुई जजपा

साल 2019 में बनी जननायक जनता पार्टी 5 साल में ही खत्म होने के कगार पर पहुंची। डिप्टी सीएम सहित दूसरे बड़े नेता विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सके। जबकि 2019 में बीजेपी ने जजपा के 10 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पाने के कारण बीजेपी ने जजपा से किनारा कर सूबे की सभी 10 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था।

57 साल बाद बिश्नोई परिवार हारा

आदमपुर में चौधरी भजनलाल का किला ढह गया। 57 साल बाद आदमपुर में बिश्नोई परिवार की हार हुई और भजनलाल परिवार का तिलस्म आदमपुर सीट पर टूट गया। पहली बार बिश्नोई परिवार ने हार का आदमपुर से स्वाद चखा।

किरण और श्रुति चौधरी हुई बीजेपी में शामिल

लोकसभा चुनाव में 10 में से पांच सीटें हारने वाली बीजेपी को जून महीने में अच्छी खबर मिली, 19 जून 2024 को विधानसभा चुनावों की घोषणा से पहले कांग्रेस की वरिष्ठ नेता किरण चौधरी और उनकी बेटी पूर्व सांसद श्रुति चौधरी बीजेपी में शामिल हुई, इसके बाद दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर किरण चौधरी 27 अगस्त को निर्विरोध चुनी गईं।

बृजेंद्र सिंह की कांग्रेस में वापसी

10 मार्च को बीजेपी के हिसार से सांसद बृजेंद्र सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए। ये सियासी घटनाक्रम भी 2024 की सियासत घटनाक्रम में बड़ा चर्चा का विषय रहा। 2024 में लोकसभा का हिसार से टिकट मिलने की बीजेपी से उम्मीद नहीं थी। इसी को देखते हुए वे कांग्रेस के साथ हो लिए। हालांकि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में हिसार से उन्हें टिकट नहीं दिया। बेटे के बाद 9 अप्रैल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बृजेंद्र सिंह के पिता और बीजेपी नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह भी 10 साल के बाद वापस कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

कुश्ती छोड़ विनेश बनी विधायक

ओलिंपिक में 100 ग्राम वजन अधिक होने से गोल्ड मेडल से चुकने वाली विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने अगस्त महीने में कांग्रेस का दामन थाम लिया। विनेश फोगाट को कांग्रेस ने जुलाना विधानसभा सीट पर पार्टी का उम्मीदवार बनाया, वहीं बजरंग पूनिया को कांग्रेस ने पार्टी के किसान सेल का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया। इन दोनों के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर हरियाणा का सियासी पारा भी चढ़ा रहा।

इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष की हत्या

हरियाणा के झज्जर जिले के बहादुरगढ़ में 25 फरवरी 2024 को अपराधियों ने हरियाणा इंडियन नेशनल लोक दल के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या कर दी थी। इसके बाद 29 फरवरी को परिजनों को भी अपराधियों की ओर से धमकी मिली। परिवार को धमकी देने वाले को पुलिस ने राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया। हरियाणा के तत्कालीन गृह मंत्री ने मामले को सीबीआई को सौंपने की बात कही थी। वहीं मामले में पुलिस ने भाजपा के पूर्व विधायक नरेश कौशिक को गिरफ्तार किया गया है।

पीएम ने सखी योजना हरियाणा से शुरू की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 दिसंबर को हरियाणा के पानीपत शहर में भारतीय जीवन बीमा निगम (छकउ) की बीमा सखी योजना लॉन्च की। जिसमें बीमा सखी बनने वाली 18 से 70 साल तक की महिलाओं को हर महीने 5 से 7 हजार रुपए मिलेंगे। उन्होंने रिमोट से बटन दबाकर करनाल में महाराणा प्रताप बागवानी यूनिवर्सिटी के मुख्य परिसर का भी शिलान्यास किया।

गिनीज बुक में दर्ज हुआ हरियाणा का नाम

रोहतक के गांव जींदराण निवासी फौजी मनीष राठी ने बिना हाथ लगाए एक टायर पर बाइक चलाकर वर्ल्ड रिकार्ड बनाया हैं। उन्होंने बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेस-वे पर 2349 मीटर तक बाइक को दौड़ाया। इसके साथ ही उनका नाम विश्व गिनीज बुक रिकॉर्ड में भी दर्ज हो गया है। वे करीब 13 साल पहले आर्मी में भर्ती हुए थे। फिलहाल आर्मी में हवलदार के पद पर कर्नाटक के बेंगलुरु में तैनात हैं। जो कई महीनों से इस रिकार्ड को बनाने के लिए तैयारी भी कर रहा था।

ओपी चौटाला का हुआ निधन

20 दिसंबर 2024 को हरियाणा के 5 बार के मुख्यमंत्री ओपी चौटाला का निधन हो गया। वे 89 साल के थे। उनके निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक हरियाणा में रखा गया। अंतिम दर्शनों में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर आए।

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