Good sleeping: क्या आप भी रातभर चैन से सो नहीं पाते रहता है दिमाग एक्टिव

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Good sleeping

Good sleeping: जब आप अपने कमरे की लाइट बंद कर देती हैं, अपने फोन को साइलेंट मोड पर डाल देती हैं, और आपके कमरे में चारों तरफ शांति होती है। इसके बावजूद आपको नींद नहीं आती, क्योंकि इस दौरान आपके दिमाग में तमाम तरह की चीजें चल रही होती हैं, जैसे कि पास्ट की बातें, या अगले दिन क्या और कैसे करना है आदि। इसके कारण आपकी नींद की गुणवत्ता पर बेहद नकारात्मक असर पड़ता है, और आप देर से सोती हैं। वहीं नींद की कमी तमाम अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है।

इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं, जिनका पता लगाना जरूरी है, ताकि आप इन पर पूरी तरह से नियंत्रण पा सकें। तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से

आखिर क्यों रात को सोते हुए दिमाग में थॉट्स आते रहते हैं

यदि बेड पर जाते ही आपके दिमाग में रात को तरह-तरह के विचार आना शुरू हो जाते हैं और इनकी वजह से आपको नींद नहीं आती है, तो इसका एक सबसे बड़ा कारण है स्ट्रेस और एंग्जाइटी। जब आप तनाव में होती हैं, तो जैसे ही आपकी बॉडी बेड पर आती है और शांत होती है आपके शरीर में स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं।

जिस वजह से आपके मन में तमाम तरह के नेगेटिव थॉट्स आ सकते हैं। ये हार्मोंस आपके ब्रेन को इतना ज्यादा व्यस्त कर देते हैं कि आप सोना भूल जाती हैं। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं, तो जानिए कैसे किया जा सकता है इसे कंट्रोल।

1 बिस्तर पर गैजेट्स का इस्तेमाल

बेड पर आने के बाद मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य चीजों का इस्तेमाल करना और इन पर अलग-अलग प्रकार के वीडियो देखना या फिर गेम्स खेलने से आपके दिमाग में वही सारी बातें रिपीट होती रहती हैं। खासकर जब आप सोने की कोशिश करती हैं, तो यह अधिक फ्रिक्वेंट हो सकते हैं। स्क्रीन का इस्तेमाल करने से मेलाटोनिन का प्रोडक्शन काम हो जाता है, जिसकी वजह से आपको नींद नहीं आती।

2 तनाव और एंग्जाइटी

यदि आप किसी बात से चिंतित हैं, या हाल ही में आपके साथ किसी प्रकार की घटना घटी है, तो ऐसे में आपके दिमाग में नकारात्मक चीजें घूमती रहती है। वहीं यह सकारात्मक भी हो सकते हैं। बहुत से लोग जब एक्साइटेड होते हैं, तो उनके दिमाग में लगातार वहीं सारी बातें आती रहती हैं, खासकर रात को सोने से पहले।

3 खराब स्लीप एनवायरमेंट

आपका कमरा या फिर आप जहां कहीं भी सो रही हैं, वहां का स्लीप एनवायरमेंट यदि कंफर्टेबल नहीं होता है, तब भी दिमाग में तमाम तरह की बातें आती हैं। क्योंकि उस दौरान आपकी बॉडी को नींद चाहिए होता है और आपका दिमाग आपके कमरे में मौजूद लाइटिंग, आवाज, गंदगी, ठंड या गर्मी आदि की प्रति अट्रैक्ट हो रहा होता है।

4 हार्मोनल असंतुलन

कई बार हॉर्मोन्स में उतार चढाव आने से व्यक्ति रात को अधिक सोचता है, जिसकी वजह से नींद नहीं आती।

1. अपनी मांसपेशियों को पूरी तरह से आराम दें

अपने शरीर से तनाव को दूर करें, इससे तनावपूर्ण विचारों पर काबू पाना आसान हो जायेगा। एक सपाट सतह पर लेटें और अपने शरीर को शिथिल होने दें। सांस लें और गहरी सांस छोड़ें। फिर, एक बार में अपने शरीर के एक हिस्से को स्ट्रेच करें। अपने पैर की उंगलियों से शुरू करें फिर एड़ियां उसके बाद आपके घुटने, जांघ, और पेट। अपने माथे को अंत में रखें। देखें कि आपका शरीर कितना आराम महसूस करता है और इसका आनंद लें!

2. सोने का एक रूटीन स्थापित करें

रोजाना एक निश्चित समय पर सोने की आदत डालें, और समय होते ही बीएड पर लेट जाएं। इससे आपको निर्धारित समय पर नींद आने लगेगा और आप विस्तार पर जाने के कुछ देर के बाद सो जाएगी। सोने से पहले एक शांत दिनचर्या विकसित करें, जैसे पढ़ना, ध्यान लगाना, या डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज।

3. अपने विचारों को लिखें

जर्नलिंग आपके विचारों को संसाधित करने और आपके दिमाग को साफ़ करने में मदद कर सकती है। यदि सोने की तमाम कोशिशों के बाद भी नींद नहीं आ रही तो जो भी आपके दिमाग में चल रहा हो उसे कॉपी पर लिखें।

4. सोने से पहले स्क्रीन के संपर्क को सीमित करें

स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन के उत्पादन को दबा सकती है, जिससे नींद आना मुश्किल हो जाता है। वहीं विज़ुअल चीजें आपकी दिमाग में घूमती रहती हैं। यदि