इशिका ठाकुर, करनाल, 16मार्च:
महिला ने चकाचौंध भरी जिंदगी छोड़कर शुरु की ड्रैगन फ्रूट की खेती और बनी दूसरी महिलाओं के लिए मिसाल।
कहा जाता हैं कि अगर इंसान किसी भी काम को करने की ठान ले और पूरी लगन से करें तो वह उसको पूरा करने में कामयाब जरूर होता है। ऐसे ही हम आज एक महिला के बारे में आपको बता रहे है जिन्होंने अपनी चकाचौंध भरी जिंदगी छोड़कर खेती का विकल्प चुना और खेती में कुछ ऐसे करके दिखाया जो दूसरे लोगों के लिए और महिलाओं के लिए एक मिसाल बन गया। करनाल के समाना बाहु गांव की रहने वाली पूनम चीमा ने अपने गांव में 2 एकड़ खेत मे ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है । पूनम चीमा के पति कर्नल एसपीएस चीमा भी उनका खेती में पूरा सहयोग कर रहे हैं।
पूनम ने बताया कि उनके पति ने आर्मी में करीब 30 वर्ष की अपनी सेवाएं दी है और देश की रक्षा करने के लिए सदैव तत्पर रहे हैं। ऐसे में उन्होंने देश के हर कोने में रहकर अपने देश की रक्षा की है रिटायरमेंट होने के बाद उनकी फैमिली कुरुक्षेत्र में रहने लगी। उनके पति का आर्मी में पद काफी बड़ा होने के कारण उनको रहने के लिए क्वार्टर दिए जाते थे जहाँ पर उनकी पत्नी अपने आप को व्यस्त रखने के लिए किचन गार्डन लगाती थी। क्योंकि वह भी एक किसान परिवार से है और खेती से उनका काफी लगाव है। तो जब उन्होंने रिटायरमेंट के बाद कुरुक्षेत्र में शिफ्ट होने का निर्णय लिया तब उन्होंने सोचा कि गांव में जो उनकी पुश्तैनी जमीन है वहां पर वह खेती करेंगे। हालांकि पिछले कुछ समय से कर्नल चीमा के भाई ही उनकी खेती देख रहे थे। लेकिन कर्नल की पत्नी पूनम ने सोचा कि हम परंपरागत तरीके से खेती ना करके कुछ नया खेती में करेंगे। और उन्होंने इस पर रिसर्च की करीब दो-तीन वर्ष रिसर्च करने के बाद उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती करने की सोची , ड्रैगन फ्रूट की खेती करने से पहले उन्होंने देश के विभिन्न बड़े ड्रैगन फ्रूट के किसानों से मुलाकात की और ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में जानकारियां जुटाई।
पूनम खुद करती है ड्रैगन फ्रूट की खेती का प्रबंधन
पूनम ने बताया कि उन्होंने पिछले वर्ष ही 2 एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है उन्होंने कहा कि हरियाणा में ड्रैगन फ्रूट की बहुत ही कम स्केल पर खेती की जा रहे हैं। और हरियाणा में एकमात्र वही पहले ऐसे किसान हैं जिन्होंने डायरेक्ट 2 एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती करनी शुरू की है । क्योंकि पहले ड्रैगन फ्रूट की खेती हरियाणा में नहीं की जाती थी अगर कोई किसान कर रहा था आधे एकड़ या 1 एकड़ में कर रहा था लेकिन अब हरियाणा के किसान भी ड्रैगन फ्रूट की खेती की तरफ बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने यह 2 एकड़ में ड्रैगन फ्रूट लगाया तब उनका प्रति एकड़ करीब 8 लाख रूपये खर्च आया । यहां पर ड्रैगन फ्रूट के पौधों की कटाई से लेकर छटाई, निराई गुड़ाई का काम वह खुद ही करती है। हालांकि उसमे उनको उनके पति का भी सहयोग मिलता है लेकिन उनके पति ज्यादातर बाहर के काम ही देखते हैं। उन्होंने यह ड्रैगन फ्रूट की खेती ऑर्गेनिक तरीके से करनी शुरू की है वह भी अपने आप में एक बड़ी बात है। क्योंकि हरियाणा में ड्रैगन फ्रूट की रसायनिक तरीके से खेती करना ही बड़ी मुश्किल बात है। लेकिन उन्होंने सोचा कि हम ऑर्गेनिक तरीके से ड्रैगन फ्रूट की खेती करेंगे ताकि लोगों तक पोस्टिक ड्रैगन फ्रूट पहुंचाया जा सके। पूनम ने बताया कि उन्होंने दो एकड़ ड्रैगन फ्रूट में ड्रिप इरिगेशन सिंचाई करने के लिए सिस्टम लगाया हुआ है। ताकि पानी की भी बचत की जा सके। क्योंकि हरियाणा में पानी का संकट भी गहराता जा रहा है।
पूनम ने बताया कि पुरुषों की तरह महिलाएं भी कृषि क्षेत्र में अगर काम करें तो वह महारत हासिल कर सकती है। मौजूदा समय में जोत छोटी होती जा रही है ऐसे में परंपरागत तरीके से खेती करने में ज्यादा फायदा नहीं हो रहा, इसलिए उन्होंने एक अलग तरीके से नई तकनीक के जरिए ड्रैगन फ्रूट की खेती करने की सोची है । ताकि आने वाले समय में कम जोत वाले किसान भी अच्छी आमदनी ड्रैगन फ्रूट से निकाल सके। ड्रैगन फ्रूट की बात करें ड्रैगन फ्रूट को सुपरफूड कहा जाता है इसकी कीमत ₹80 से लेकर ₹150 तक होती है। इसलिए आने वाले समय में हरियाणा के किसानों के लिए ड्रैगन फ्रूट की खेती में सुनहरा भविष्य दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में हमारे प्रदेश के युवा खेती छोड़ कर विदेशों की तरफ रुख कर रहे हैं ऐसे में अगर वह यहां रहकर नई तकनीक से खेती करें तो निश्चित ही यहाँ भी वह अच्छा भविष्य बना सकते हैं उन्होंने कहा कि ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए शुरुआती समय में एक बार ही इन्वेस्टमेंट की जाती है उसके बाद किसान 25 वर्षों तक उन्हीं पौधों से आमदनी लेता रहता है। अगर किसानों के कोई ड्रैगन फ्रूट के पौधे नष्ट भी हो जाए तो वह अपने दूसरे पौधों से कटिंग करके नए पौधे तैयार कर सकता है।
तीन किस्म के लगाए हैं ड्रैगन फ्रूट
पूनम ने बताया कि उन्होंने अपने खेत में ड्रैगन फ्रूट की तीन किस्म लगाई हैं। किस्मो का चुनाव करने के लिए उन्होंने देश भर के कई ड्रैगन फ्रूट फार्म से मुलाकात की है और जानकारी जुटाई है। उन्होंने एक किस्म आंध्रप्रदेश से मंगाई है जबकि दूसरी करनाल से ही ली है और तीसरी वैरायटी उन्होंने अमेरिकन ब्यूटी लगाई है। इन सभी का वजन 300 से 400 ग्राम प्रति फल होता है। और एक पिलर से इनको करीब 12 किलो फल मिलता है। उन्होंने अपने 2 एकड़ में 1060 पिलर लगाए हैं। हर पिलर पर उन्होंने 4 पौधे लगाए हैं। पिलर से पिलर की दूरी 7 फिट की है जबकि लाइन से लाइन की दूरी 10 फीट की है। उन्होंने इस को और बेहतर बनाने के लिए कई ऐसे कृषि उपकरण खरीदे हैं जिनसे आसानी से निराई गुड़ाई की जा सकती है।