Aaj Samaj (आज समाज), Global Warming, वाशिंगटन: वैश्विक स्तर पर तीन जुलाई यानी इस सप्ताह का सोमवार अब तक का सबसे गर्म दिन रहा है। अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर एनवायरनमेंटल प्रेडिक्शन ने गर्मी पर एक रिपोर्ट जारी की है। वैज्ञानिकों ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है और बढ़ती गर्मी कोई जश्न नहीं, बल्कि यह लोगों के लिए मौत की सजा है।

पूरी दुनिया में चल रही हीटवेव, 7 वर्ष का रिकॉर्ड टूटा

बता दें, इन दिनों लगभग पूरी दुनिया में हीटवेव यानी लू चल रही है और इस वजह से मंगलवार का औसत वैश्विक तापमान 17.01 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इस तापमान ने साल 2016 में बने पिछले रिकॉर्ड 16.92 डिग्री सेल्सियस को पीछे छोड़ दिया है। रिपोर्ट के अनुसार अंटार्कटिका में इस समय सर्दियों का मौसम है, लेकिन यहां असामान्य रूप से उच्च तापमान दर्ज किया गया है। अर्जेंटीना द्वीप समूह में यूक्रेन के वर्नाडस्की रिसर्च बेस ने हाल ही में 8.7 डिग्री के साथ अपने जुलाई तापमान रिकॉर्ड को तोड़ दिया।

दक्षिणी अमेरिका भीषण गर्मी से बेहाल

दक्षिणी अमेरिका हाल के सप्ताहों में भीषण गर्मी से जूझ रहा है। इसके अलावा, चीन में भी लोग गर्मी की मार झेल रहे हैं। यहां 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान बना हुआ है। वहीं, उत्तरी अफ्रीका में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के करीब दर्ज किया गया है। परेशान करने वाली बात यह है कि जहां सर्दियों का मौसम है, वहां भी गर्मी महसूस की जा रही है।

बढ़ते तापमान के लिए जलवायु परिवर्तन जिम्मेदार

वैज्ञानिकों ने कहा कि जलवायु परिवर्तन इसके लिए जिम्मेदार है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अल नीनो नामक प्राकृतिक मौसम घटना व इंसानों की ओर से कार्बन डाइआॅक्साइड उत्सर्जन के संयोजन से गर्मी बढ़ रही है। भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान बढ़ने की घटना ‘अल नीनो’ कहलाती है। ब्रिटेन के जलवायु वैज्ञानिक फ्रेडरिक ओटो ने कहा, यह कोई मील का पत्थर नहीं है, जिसका हमें जश्न मनाना चाहिए। यह लोगों के लिए मौत की सजा है।

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