Chandigarh News : ग्लोबल सिख काउंसिल ने की सिख गुरुद्वारा कानून में संशोधन की मांग

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ग्लोबल सिख काउंसिल ने की सिख गुरुद्वारा कानून में संशोधन की मांग
ग्लोबल सिख काउंसिल ने की सिख गुरुद्वारा कानून में संशोधन की मांग

Chandigarh News (आज समाज)चंडीगढ़: ग्लोबल सिख काउंसिल (जीएससी) ने गुरुद्वारों के प्रबंधन में सरकारी हस्तक्षेप समाप्त करने और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के आम चुनावों में देरी को लेकर कई खामियों का हवाला देते हुए सिख गुरुद्वारा कानून 1925 में तत्काल संशोधन की अपील की है। 

एक प्रेस बयान में जीएससी की अध्यक्ष डॉ. कंवलजीत कौर ने कहा कि इस कानून का उद्देश्य देश के गुरुद्वारों का प्रबंधन गैर-सिखों के नियंत्रण से हटाकर अभ्यासी सिखों को सौंपने का मूल उद्देश्य सराहनीय थालेकिन इस कानून में केंद्र सरकार द्वारा कोई भी संशोधन करने से पहले एसजीपीसी से परामर्श करने के लिए आवश्यक प्रावधानों की कमी हैजिसके कारण केंद्र द्वारा इस कानून में किसी भी संशोधन से पहले एसजीपीसी से परामर्श करने के लिए वर्तमान कानून को संशोधित किया जाना चाहिए।

श्री अकाल तख्त साहिब को धारा 85(1) से हटाया जाए

काउंसिल ने जोर देकर कहा कि 17वीं सदी से सिखों के सर्वोच्च अस्थान श्री अकाल तख्त साहिब को इस समय उक्त कानून की धारा 85(1) द्वारा शिरोमणि कमेटी के नियंत्रणनिगरानी और प्रबंधन के अधीन रखा गया है। इस धारा में आवश्यक सुधारों का सुझाव देते हुए डॉ. कंवलजीत कौर ने मांग की कि श्री अकाल तख्त साहिब को धारा 85(1) से हटाया जाए ताकि इसे गुरुद्वारा कानून के लागू होने से पहले की तरह स्वतंत्रता और स्वायत्तता फिर से प्रदान की जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि श्री अकाल तख्त साहिब के लिए अलग बजट सुनिश्चित करने के लिए नियम बनाए जाएं और तख्त सचिवालय को धार्मिक विशेषज्ञों सहित अपने कर्मचारियों को चुनने का अधिकार दिया जाए। इसके अलावाउन्होंने सबसे योग्य जत्थेदारों की नियुक्ति के लिए एक पारदर्शी चयन प्रक्रिया बनाने के लिए एक स्वतंत्र समिति के गठन की मांग की है। 

इसके अलावाकाउंसिल की अध्यक्ष डॉ. कंवलजीत कौर ने तख्त केसगढ़ साहिबश्री आनंदपुर साहिब और तख्त श्री दमदमा साहिबतलवंडी साबो को भी उक्त धारा से बाहर रखने की मांग करते हुए इन तख्त साहिबानों को भी सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने की वकालत की है।