Aaj Samaj (आज समाज), Global Climate Performance Index, दुबई: भारत ने जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (सीसीपीआई) की रैंकिंग मेें सुधार किया है और पिछले बार की तुलना में इस दफा देश एक पायदान ऊपर सातवें स्थान पर पहुंचकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की फेहरिस्त में शुमार हो गया है। दुबई में आयोजित वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन सीओपी28 के दौरान जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
- सातवें पायदान से ऊपर देखने में और खुशी होगी : वसुधा फाउंडेशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हुए थे सम्मेलन में शामिल
वसुधा फाउंडेशन के सीईओ श्रीनिवास कृष्णास्वामी का कहना है कि जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक-2024 में भारत को इस पायदान से ऊपर देखने में खुशी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सम्मेलन में शामिल हुए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत जलवायु परिवर्तन को लेकर गंभीर है और देश में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती होने से उसकी रैंकिंग में सुधार आया है। पिछले साल भारत इस मामले में आठवें स्थान पर था।
ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन व ऊर्जा उपयोग श्रेणियों में मिली उच्च रैंकिंग
बता दें कि जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक तैयार करने के लिए 63 देशों और यूरोपीय संघ के जलवायु शमन प्रयासों की निगरानी की गई, जो दुनियाभर में 90 प्रतिशत से अधिक गैस उत्सर्जन करते हैं। भारत को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और ऊर्जा उपयोग श्रेणियों में उच्च रैंकिंग प्राप्त हुई है लेकिन जलवायु नीति और नवीकरणीय ऊर्जा में गत वर्ष की तरह उसे मध्यम रैंकिंग मिली है।
भारत में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन अपेक्षाकृत कम
सूचकांक में कहा गया है कि दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन अपेक्षाकृत कम है। रिपोर्ट के डाटा से साफ है कि प्रति व्यक्ति जीएचजी श्रेणी में भारत दो डिग्री सेल्सियस से नीचे के बेंचमार्क को छूने वाला है। यह आंकड़ा सकारात्मक रुझानों को दर्शाता है। हालांकि, इसकी गति बहुत धीमी है। भारत के साथ-साथ अन्य देशों ने भी जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस कार्रवाई की है।
राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान को पूरा करने का प्रयास
सीसीपीआई विशेषज्ञों का कहना है कि भारत दीर्घकालिक नीतियों के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान को पूरा करने का प्रयास कर रहा है, जो नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना है। हालांकि, भारत की जरूरतें अब भी तेल व गैस के साथ-साथ कोयले पर पूरी तरह से निर्भर करती हैं।
तेल-गैस व कोयला ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का प्रमुख स्रोत
तेल-गैस और कोयला ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का प्रमुख स्रोत है। यह वायु प्रदूषण का भी अहम कारण है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पेट्रोल-डीजल पर अपेक्षाकृत अधिक टैक्स है, जिसकी कुछ विशेषज्ञ तारीफ करते हैं। उनका कहना है कि इससे पेट्रोल-डीजल की खपत में कटौती हो सकती है। वहीं कुछ जानकार इसे राजस्व को बढ़ाने का तरीका बताते हैं।
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