Giving scattered BCCI priority: Ganguly: बिखरे बीसीसीआई को समेटना प्राथमिकता: गांगुली

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मुंबई। भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक और अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने सोमवार को कहा कि पिछले तीन साल के बीसीसीआई में जो खराब हालात थे, उन्हें सुधारना और फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों की स्थिति को बेहतर करना उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा, अध्यक्ष बनना संतोषजनक है। पिछले तीन साल में जो बीसीसीआई में हालात थे, वो सही नहीं थे। यह जो टीम आई है, वो मिलकर काम करेगी और उम्मीद है कि सब कुछ अच्छा रहेगा। यह हमारा दायित्व है कि सभी तरह की चीजें सही तरीके से हों। मेरे लिए हालांकि प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेट खिलाड़ि़यों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करना होगी। साथ ही कोशिश होगी कि सभी चीजें अपनी जगह पर रहें।
गांगुली ने कहा कि मैंने इस पद के लिए कभी भी अपनी इच्छा जाहिर नहीं की थी। मौजूदा हालात और लोगों ने मुझे यहां तक पहुंचाया है। मुझे काफी दिन तक पता नहीं था कि मैं अध्यक्ष बनूंगा। इसके बाद मुझे बताया गया कि मैं अध्यक्ष हूं और मेरी टीम यह रहेगी। मुझे सदस्यों ने चुना है। सदस्य ही हमेशा चुनते हैं। उन्होंने मुझे चुना तो मैंने हां कहा। सौरव गांगुली ने खिलाड़ियों के प्रशासन में आने की बात पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, यह अच्छी बात है कि खिलाड़ी अब प्रशासन का हिस्सा हैं। पहले भी हुआ करते थे लेकिन अब संख्या ज्यादा हो गई है। तो यह अच्छी बात है। कप्तान और बोर्ड अध्यक्ष दो अलग-अलग जिम्मेदारियों के बारे में पूछे जाने पर गांगुली ने कहा, कप्तानी एक अलग चुनौती थी और यह एक अलग चुनौती है। दोनों अलग-अलग तरह की चीजें हैं। आगे राजनीति में जाने का कोई मन नहीं है।
फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों की आर्थिक स्थिति पर दूंगा ध्यान: गांगुली
गांगुली ने कहा, मैं ऐसे समय में कमान संभालने जा रहा हूं, जब पिछले तीन साल से बोर्ड की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इसकी छवि बहुत खराब हुई है। मेरे लिए ये कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों की देखभाल होगी। गांगुली का इरादा भारतीय क्रिकेट के सभी पक्षों से मिलने का और वे सारे काम करने का है जो पिछले 33 महीने में प्रशासकों की समिति नहीं कर सकी। उन्होंने कहा, पहले मैं सभी से बात करूंगा और फिर फैसला लूंगा। मेरी प्राथमिकता फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों की देखभाल करना होगा। मैं तीन साल से सीओए से भी यही कहता आया हूं लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। सबसे पहले मैं फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों की आर्थिक स्थिति दुरुस्त करूंगा।
जब मैं आया तो मुझे पता नहीं था कि मैं अध्यक्ष बनूंगा। पत्रकारों ने मुझसे पूछा तो मैंने बृजेश का नाम लिया। मुझे बाद में पता चला कि हालात बदल गए हैं। मैंने कभी चुनाव नहीं लड़ा तो मुझे नहीं पता कि बोर्ड रूम राजनीति क्या होती है। गांगुली ने शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी । यह पूछने पर कि पश्चिम बंगाल में चुनाव में क्या वह भाजपा के लिए प्रचार करेंगे, उन्होंने ना में जवाब दिया। उन्होंने कहा-ऐसा कुछ नहीं है। मुझसे किसी ने कुछ नहीं कहा।
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया का जिक्र आने पर भावुक हुए गांगुली ने कहा, मैंने कभी सोचा नहीं था कि इस पद पर मैं भी काबिज होऊंगा। वह मेरे लिए पितातुल्य थे। क्या यह अनुभव कप्तानी से अलग होगा, यह पूछने पर गांगुली ने कहा, भारतीय टीम का कप्तान होने से बढ़ कर कुछ नहीं है। गांगुली ने कहा, मैंने इस पद के लिए कभी भी अपनी इच्छा जाहिर नहीं की थी। मौजूदा हालात और लोगों ने मुझे यहां तक पहुंचाया है। मुझे बताया गया कि मैं अध्यक्ष हूं और मेरी टीम यह रहेगी। मुझे सदस्यों ने चुना है। सदस्य ही हमेशा चुनते हैं।
सभी सदस्यों ने आठ पदों पर पदाधिकारियों का समर्थ किया: शुक्ला
राजीव शुक्ला ने कहा, एक-दो संघों को अगर छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी सदस्यों ने आठ पदों पर उन लोगों को समर्थन दिया है, जिनके नामांकन पत्र सोमवार को दाखिल किए गए। उसमें सौरव गांगुली का नाम है। सचिव के लिए नौ साल का अनुभव बीसीसीआई में रखने वाले जयेश शाह, उपाध्यक्ष पद के लिए उत्तराखंड के महेश वर्मा का नाम है। संयुक्त सचिव के लिए केरल से जयेश जॉर्ज का नाम है। कोषाध्यक्ष के लिए अरुण धूमल का नाम है। इसके अलावा बृजेश पटेल को आईपीएल गवर्निंग काउंसिल में चुना है।