Gita Mahotsav Program In Karnal तीन दिवसीय गीता महोत्सव कार्यक्रमों का आगाज

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Gita Mahotsav Program In Karnal

Gita Mahotsav Program In Karnal मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि संजय बठला ने प्रशासनिक अधिकारियों संग यज्ञ में दी पूणार्हूति
प्रवीण वालिया, करनाल
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के उपलक्ष्य में रविवार को शहर के पंचायत भवन से हवन-यज्ञ और ढोल-नगाड़े जैसे वाद्य यंत्रों के साथ तीन दिवसीय गीता जयंती कार्यक्रमों का शानदार आगाज हुआ। इस दौरान प्रात: मुख्यमंत्री हरियाणा के मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि संजय बठला ने बतौर मुख्य अतिथि हवन-यज्ञ में शिरकत की तथा पवित्र मंत्रोच्चारण के बीच पूणार्हुति दी।

कार्यक्रमों के ओवरआल इंचार्ज एवं एडीसी योगेश कुमार तथा नोडल अधिकारी एवं नगर निगम के संयुक्त आयुक्त गगनदीप सिंह के अतिरिक्त, असंध के एसडीएम मनदीप कुमार, डीईओ राजपाल चौधरी, डीआईपीआरओ कृष्ण कुमार आर्य, निगम के डीएमसी धीरज कुमार व ईओ देवेन्द्र नरवाल ने भी यज्ञ में आहूति दी।

(Gita Mahotsav Program In Karnal)

संजय बठला ने गीता जयंती महोत्सव की समस्त करनालवासियों को बधाई दी और गीता के महत्व पर बोलते हुए कहा कि गीता एक पवित्र पुस्तक ही नहीं, जीवन जीने की कला व मानव को सम्पूर्णता की ओर ले जाने की मार्गदर्शिका है। गीता के एक-एक शखेक में जीवन मूल्य, अलौकिक रहस्य, जीवन शैली, सद्व्यवहार तथा कर्म करने का उल्लेख किया गया है। हर व्यक्ति को गीता अपने जीवन से आत्मसात करना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का जो अमर संदेश दिया था वो कुरूक्षेत्र भूमि थी, उसकी 48 कोस की परिधि में महाभारतकालीन तीर्थों की एक श्रृंख्ला है। प्राचीन महत्व के तीर्थ जो वर्षों पहले उपेक्षित थे वर्तमान हरियाणा सरकार ने उनका जीर्णोद्घार करवाकर उन्हें पुनर्जीवित किया। गीता जयंती के उपलक्ष्य में सभी तीर्थों पर भी कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

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इसके पश्चात पंचायत भवन परिसर में ही हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र चौहान ने सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का विधिवत उद्घाटन कर उसका अवलोकन किया। प्रदर्शनी में भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा के योगदान की कहानी को अभिलेखों व तस्वीरों से दशार्या गया है।

उन्होंने परिसर में ही स्कूली बच्चों द्वारा गीता पर आधारित बनाई गई रंगोली का भी अवलोकन किया और प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। इसके बाद वीरेन्द्र चौहान दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुए।

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इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गीता का सार्वभौमिक महत्व जितना 5 हजार वर्ष पहले था आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने गीता को एक सम्पूर्ण ग्रंथ बताया और कहा कि इसमें निहित 18 अध्यायों में जीवन के हर क्षेत्र व हर पहलू का दिग्दर्शन होता है। गीता एक ऐसा मार्गदर्शक है जिसका अध्ययन कर मनुष्य बड़ी से बड़ी विपत्ति को सहजता से सहन कर सकता है और इसके स्मरण मात्र से ही व्यक्ति जीवन-मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाता है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों से हमारे देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपनी प्राचीन परम्पराओं को पुन: स्थापित करने का जो सराहनीय प्रयास किया है उससे विश्व में हमारी संस्कृति को सम्मान मिला है।

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प्रधानमंत्री जहां भी विदेशी दौरे पर जाते हैं, वहां के अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों को गीता की प्रति भेंट करते हैं, इससे विश्व में भी हमारी महान विरासत का गुणगान हो रहा है। देश के भीतर भी गीता के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने में सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही, यह बदलते भारत की निशानी है।

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उन्होंने कहा कि गीता जैसे ग्रंथ हमारी समृद्घ संस्कृति से जुड़ी अमूल्य धरोहर हैं, जो विश्व के किसी भी देश में नहीं, हमें इन पर गर्व करना चाहिए। उन्होंने अपने संबोधन में हिंदी भाषा को भी सम्पूर्ण भाषा बताया और कहा कि वो दिन दूर नहीं जब हिंदी संयुक्त राष्टद्द्र महासभा में शामिल होगी। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित स्कूली बच्चों से प्रश्रात्मक शैली में गीता से उद्धृत सामान्य ज्ञान पर संवाद किया और सही उत्तर देने वालों को गीता की एक-एक प्रति भेंट की। विद्यार्थियों से कहा कि वे अपनी धरती, भाषा और परम्पराओं से जुड़े, गीता को अपने जीवन में आत्मसात करें, इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा और गीता जयंती मनाने का प्रयोजन सार्थक होगा। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को गीता के कुछ शखेक कंठस्थ करने चाहिए।

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सांस्कृतिक कार्यक्रम में जिला के स्कूल व कालेजों के विद्यार्थियों ने हरियाणवी संस्कृति पर रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर इसकी समृद्घता का बेजोड़ नमूना पेश किया। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के एक गीत पर खूब तालियां बजी। बच्चों ने नृत्य व गायन से एक्शन व कार्य का बखूबी निर्वाह करते हुए श्रोताओं का मन मोहा। सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के कलाकारों ने हरियाणवी भाषा में 1857 की क्रांति के एक प्रसंग को लघु नाटिका के रूप में ढालकर उसकी प्रस्तुति दी, जिससे दर्शक भावुक हुए।

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कार्यक्रम में बंचारी की सुप्रसिद्घ नगाड़ा पार्टी व संगोही की बीन पार्टी ने समूचे कार्यक्रम को सुर-ताल से बांधे रखा, बच्चे इनसे मंत्रमुग्ध होते रहे। भिन्न-भिन्न विद्यालयों की छात्राओं की ओर से आयोजित गीता जयंती पर आधारित रंगोली का, आमंत्रित व शहर के नागरिकों की भीड़ ने भी अवलोकन किया।

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कार्यक्रम स्थल पर आयोजकों की ओर से 7 स्टॉल भी लगाए गए थे, जिसमें हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, शुरूआती ग्रामीण उद्यमिता कार्यक्रम, स्वयं सहायता समूह के उत्पाद व फास्ट फूड के स्टॉल थे।
नगर निगम के संयुक्त आयुक्त गगनदीप सिंह व डीआईपीआरओ कृष्ण कुमार आर्य ने कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि वीरेन्द्र चौहान को, महाभारत युद्घ में श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए संदेश पर आधारित एक खूबसूरत पेंटिंग स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की।

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