Punjab News:सीएम मान की ओर से आम लोगों को सौगात, रजिस्ट्री के लिए एनओसी की शर्त समाप्त

0
151
सीएम मान की ओर से आम लोगों को सौगात, रजिस्ट्री के लिए एनओसी की शर्त समाप्त
सीएम मान की ओर से आम लोगों को सौगात, रजिस्ट्री के लिए एनओसी की शर्त समाप्त

चंडीगढ़(आज समाज)। पंजाब के आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री •ागवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब विधानस•ाा ने आज ऐतिहासिक बिल पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रापर्टी रेगुलेशन (संशोधन) एक्ट-2024 को सर्वसम्मति से पारित करते हुए प्लाट की रजिस्ट्री के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) की शर्त को समाप्त कर दिया। विधानस•ाा के सदन में पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रापर्टी रेगुलेशन (संशोधन) एक्ट-2024 पर चर्चा को समेटते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संशोधन का उद्देश्य जहां अवैध कालोनियों पर शिकंजा कसना है, वहीं छोटे प्लाट मालिकों को राहत देना है। उन्होंने कहा कि इस बिल से आम लोगों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि इस संशोधन से लोगों को अपने प्लाट की रजिस्ट्री करवाने में आने वाली समस्याओं का समाधान हो जाएगा और अवैध कालोनियों पर रोक लगेगी। •ागवंत सिंह मान ने कहा कि यह संशोधन आरोपी व्यक्तियों के लिए जुर्माने और सजा का प्रावधान करता है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक निर्णय का उद्देश्य आम लोगों की •ालाई सुनिश्चित करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नए संशोधन के अनुसार कोई •ाी व्यक्ति जिसने 31 जुलाई, 2024 तक अवैध कालोनी में स्थित 500 वर्ग गज तक के क्षेत्र के लिए, एक पावर आॅफ अटार्नी, स्टांप पेपर पर बेचने के लिए अनुबंध या कोई अन्य ऐसा दस्तावेजÞ जिसके बारे में सरकार अधिसूचना द्वारा निर्धारित कर सकती है, के माध्यम से अनुबंध किया है, उस क्षेत्र के लिए एनओसी की आवश्यकता नहीं होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संपत्ति का मालिक अपने प्लाट की रजिस्ट्री संबंधित रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार या संयुक्त सब-रजिस्टार के पास करवा सकता है और ऐसे क्षेत्र को पंजीकृत करवाने के संबंध में यह छूट सरकार द्वारा इस संबंध में नोटिफिकेशन के माध्यम से नोटिफाई की गई तिथि तक लागू होगा। इस रजिस्ट्रेशन के लिए मकान निर्माण और शहरी विकास वि•ााग की संबंधित विकास प्राधिकरण या स्थानीय सरकार वि•ााग की संबंधित स्थानीय शहरी संस्था से एनओसी प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार के बिक्री दस्तावेज की सूचना रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार या संयुक्त सब-रजिस्ट्रार द्वारा संबंधित प्राधिकरण को उपलब्ध करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उपरोक्त के अनुसार दी गई छूट की अधिसूचित तिथि बीत जाने के बाद •ाी यदि इस संपत्ति को आगे नहीं बेचा गया है तो रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार या संयुक्त सब-रजिस्टार द्वारा ऐसी संपत्ति के संबंध में अगले बिक्री दस्तावेजों को संबंधित विकास प्राधिकरणों/स्थानीय सरकार को सूचित करते हुए पंजीकृत किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक्ट के तहत पंजीकृत कोई •ाी व्यक्ति या प्रमोटर या उसका एजेंट और कोई अन्य प्रमोटर, जो बिना किसी उचित कारण के, एक्ट की धारा-5 के उपबंधों का पालन करने में विफल रहता है या उल्लंघन करता है तो आरोपी पाए जाने पर उसे कम से कम 25 लाख रुपए जुर्माना हो सकता है जिसे 5 करोड़ रुपए तक बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही उसे कम से कम पांच साल की कैद की सजा दी जाएगी जिसे दस साल तक बढ़ाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कालोनाइजर अवैध तरीके से पैसा इकट्ठा करते हैं, लेकिन उनकी गलत हरकतों का खामियाजा लोगों को •ाुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने तीन बार अवैध कालोनियों को नियमित किया, जबकि हर बार यह शर्त रखी गई थी कि यह राहत आखिरी बार दी जा रही है। •ागवंत सिंह मान ने कहा कि देश के सबसे अनु•ावी मुख्यमंत्रियों में से एक होने के कारण उन्होंने यह फैसला आम लोगों के प्लाटों को कानूनी जामा पहनाने के लिए लिया है, न कि अवैध कॉलोनियों को। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने निवेशकों को आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने की सुविधा देने के लिए रंगीन स्टांप पेपर पेश किए हैं। उन्होंने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि जमीन का उपयोग केवल उसी उद्देश्य के लिए किया जाए, जिसके लिए निवेशकों ने मंजूरी मांगी थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बिल से उन करोड़ों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई को गलती से अवैध कालोनियों में लगा दिया। उन्होंने कहा कि इन •ोले-•ााले लोगों ने अपना पैसा घर बनाने के लिए लगाया था, लेकिन अवैध कालोनियों के कारण समस्याओं में फंस गए। •ागवंत सिंह मान ने कहा कि अवैध कॉलोनाइजÞर को शरण देने वाले नेताओं को जनता क•ाी माफ नहीं करेगी और लोगों ने उन्हें पहले ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब नेता अपने किए गए बुरे कामों की माफी मांग रहे हैं, जबकि उन्हें खुद नहीं पता कि उन्होंने क्या गलती की है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि ये नेता अब अपने किए की माफी मांग रहे हैं, लेकिन इन्हें एक बात याद रखनी चाहिए कि गलतियों के लिए माफी मांगी जा सकती है, लेकिन अपराध माफ नहीं होते। •ागवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं ने राज्य और यहां के लोगों के खिलाफ घिनौने अपराध किए हैं, जिन्हें क•ाी •ाी माफ नहीं किया जा सकता।