दूसरे क्षेत्र में चुनाव प्रचार से बनाई दूरी
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार पूरे उफान पर है। सभी पार्टियों के नेता जीत के लिए पूरा जोर लगा रहे है। वहीं प्रदेश में कई ऐसे दिग्गज भी है जो इस चुनाव में केवल अपनी ही सीट तक चुनाव प्रचार करने तक सीमित रह गए है। इन नेताओं को अपनी ही जीत के लिए मुश्किल हो रही है। कांग्रेस, भाजपा, इनेलो, जजपा यें चार मुख्य पार्टियां हरियाणा की सत्ता को हासिल करने के लिए चुनावी रण में उतरी है। लेकिन इन पार्टियों के जो स्टार प्रचारक थे वह केवल अपनी ही सीट तक सिमट गए है। वह दूसरी जगह जाकर प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार ही नहीं कर पर रहे। क्योंकि उन्हें अपनी ही सीट से विरोधी प्रत्याशी से कड़ी टक्कर मिल रही है। ऐसे में उनका दूसरी सीट पर जाकर चुनाव प्रचार करना उनके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। विरोधी कब उसके वोट बैंक में सेंध लगा जाए इसका ही डर उसके मन में रहता है।
कांग्रेस को कलायत, उचाना कलां और कैथल में मिल रही कड़ी टक्कर
कलायत से कांग्रेस प्रत्याशी विकास सहारण जोकि हिसार से सांसद जयप्रकाश के बेटे है। उचाना कलां से पूर्व सांसद बिजेंद्र सिंह जोकि पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे है। वहीं कैथल से रणदीप सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला को अपने विरोधियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। इसलिए जेपी, रणदीप और बीरेंद्र सिंह अपने-अपने क्षेत्रों तक ही चुनाव प्रचार करने में जुटे हुए है। वह अभी तक किसी अन्य प्रत्याशी के समर्थन में चुनाव प्रचार करने नहीं गए। रणदीप सुरजेवाला को असंध में प्रस्तावित राहुल गांधी की रैली में नहीं जा सके।
आदमपुर से बाहर नहीं आ पा रहे कुलदीप बिश्नोई, अभय चौटाला ऐलनाबाद में फंसे
भाजपा के स्टार प्रचारकों में शामिल कुलदीप बिश्नोई अपने बेटे भव्य बिश्नोई की जीत पक्की करने के इरादें से आदमपुर तक ही सीमित रह गए है। भव्य बिश्नोई को कांग्रेस प्रत्याशी से कड़ी टक्कर मिल रही है। वहीं एक-दो जगह पर बिश्नोई परिवार का विरोध भी हो चुका है। इसलिए कुलदीप बिश्नोई अन्य क्षेत्रों से दूरी बनाए हुए है। वहीं अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही इनेलो के लिए अपना गढ़ बचाना ही चुनौती हैैैैै। इसलिए अभय चौटाला ऐलनाबाद तक ही चुनाव प्रचार में व्यस्त है। ुइसी कड़ी में भाजपा के ओपी धनखड़ को बादली, राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव को अटेली व किरण चौधरी की बेटी श्रृति चौधरी को तोशाम में कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है।
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