Aaj Samaj (आज समाज), Ghulam Nabi Azad, नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री रह चुके गुलाम नबी आजाद ने हिंदू धर्म पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि हिंदू धर्म इस्लाम से कहीं ज्यादा पुराना है। केवल 10-20 मुसलमान मुगल सेना का हिस्सा बनकर भारत आए थे और बाकी का धर्म परिवर्तन कर दिया गया। इसलिए भारत के मुसलमान मूल रूप से पहले हिन्दू थे। डोडा के थाथरी इलाके में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने यह बात कही और इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।
इस्लाम तो आया ही 1500 साल पहले
वीडियो में गुलाम नबी सभा में मौजूद लोगों से कह रहे हैं कि उन्होंने संसद में कई चीजें कहीं, जो यहां यानी कश्मीर के लोगों तक यहां नहीं पहुंचीं। उन्होंने कहा, हमारे एक नेता ने कहा था कि कुछ लोग बाहर से आए थे। मैंने कहा, भारत में कोई अंदर या बाहर से नहीं आया। गुलाम नबी ने कहा, इस्लाम तो आया ही 1500 साल पहले और हिंदू धर्म तो सबसे पुराना है। बाहर से आने वालों में तो 10-20 मुसलमान मुुगलों की फौज में थे, बाकी तो देश में सारे मुसलमान हिंदुओं से कन्वर्ट हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उसकी मिसाल हमारे कश्मीर में है।
कश्मीर में 600 साल पहले सब कश्मीरी पंडित थे
आजाद ने कहा, कश्मीर में 600 साल पहले सब कश्मीरी पंडित थे। उसके बाद सभी मुसलमान बन गए। इस तरह सब हिंदू धर्म से ही पैदा हुए हैं। बता दें कि 73 वर्षीय गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस में 50 साल तक रहने के बाद पिछले साल पार्टी से अलग होने का फैसला किया था। 26 सितंबर 2022 को उन्होनें अपनी पार्टी डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी की लॉन्चिंग की थी।
केंद्र को यूसीसी न लागू करने की सलाह
आजाद ने इस दौरान केंद्र सरकार को देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) न लागू करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यूसीसी लागू करना कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने जितना आसान नहीं होगा। यूसीसी लागू करना किसी भी सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा, इसलिए मैं सरकार को सुझाव देता हूं कि वे यह कदम उठाने के बारे में सोचें भी नहीं
राहुल गांधी ने पूरा परामर्श तंत्र ध्वस्त किया
गुलाम नबी ने कांग्रेस से अलग होने की वजह भी बताई। उन्होंने कहा था कि 2013 में जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी उपाध्यक्ष का पद संभाला तो उन्होंने पूरे परामर्श तंत्र को ध्वस्त कर दिया था। गुलाम नबी ने यह भी दावा किया था कि पार्टी में सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को उन्होंने दरकिनार कर दिया गया और अनुभवहीन चाटुकारों की एक नई मंडली ने पार्टी के मामलों को चलाना शुरू कर दिया था। इसी वजह से पार्टी को अलविदा कहने का निर्णय लिया।
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