Ghaziabad News : गाजियाबाद। लोनी में एक घर में स्वास्थ्य विभाग (health Department) की डिस्पेंसरी (Dispensary) खुलवाने के नाम पर 1.20 लाख रुपए सुविधा शुल्क लेने का गंभीर आरोप लगा है। मामले में सीएमओ कार्यालय (CMO Office) में तैनात एक बाबू पर 70 हजार रुपए टेंडर (tender) के नाम पर लेने का आरोप है।
आरोप है कि रुपए लेने के बाद भी डिस्पेंसरी नहीं खुलवाई गई। मामले में डीएम से शिकायत की गई है। जिसके बाद सीएमओ ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं और बाबू को पद से हटा दिया गया है।
लोनी के जवाहर नगर में रहने वाले रूपेंद्र कुमार ने डीएम को सौंपे शिकायत पत्र में कहा है कि उनके मकान के पड़ोस में स्वास्थ्य विभाग की डिस्पेंसरी चल रही थी। जिस मकान में डिस्पेंसरी चल रही थी, उसे बेच दिया गया जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग डिस्पेंसरी के लिए नई जगह की तलाश कर रहा था।
इस संबंध में डिस्पेंसरी पर तैनात लल्नन सिंह और रेनू ने उनसे मुलाकात की और उनके मकान में डिस्पेंसरी खुलवाने का प्रस्ताव रखा। इसके लिए उन्होंने 1.20 लाख रुपए की मांग की और घर में कुछ बदलाव करने के लिए कहा। पीड़ित ने 10 लाख रुपए लोन लेकर अपने मकान में बदलाव भी करवा लिए।
आरोप है कि रेनू ने 50 हजार रुपए अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करवाए और 70 हजार रुपए सीएमओ कार्यालय में तैनात बाबू को दिलवाए। नोडल अधिकारी ने डिस्पेंसरी के लिए एग्रीमेंट भी तैयार करवाया।
रूपेंद्र कुमार का कहना है कि सीएमओ ने अपने सामने रामबीर से डिस्पेंसरी खाली करवाने के प्रमाण पत्र पर भी साईन करवाए। रूपेंद्र कुमार का कहना है कि अब स्वास्थ्य विभाग डिस्पेंसरी किसी और को देना चाहता है। जबकि वह लोन लेकर 10 लाख रुपए मकान में लगा चुके हैं और 1.20 लाख रुपए बतौर सुविधा शुल्क स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को दे चुके हैं।
इस मामले में सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर का कहना है कि मामले की जांच एसीएमओ डॉ. अमित विक्रम को सौंपी गई है और आरोपी बाबू को उसके पद से हटाकर दूसरे स्थान पर भेजा गया है। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाएगी। Ghaziabad News
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