मतदाताओं के साथ-साथ उम्मीदवारों के लिए भी काफी लाभदायक है मोबाइल एप
(आज समाज) कैथल: जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी डॉ. विवेक भारती ने कहा कि भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने चुनावी भागीदारी बढ़ाने और पारदर्शिता, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावी प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न आईसीटी एप्लीकेशन विकसित किए हैं। ये एप्स मतदाताओं के साथ साथ उम्मीदवारों के लिए भी काफी लाभदायक है। इन एप्स में सुविधा कैंडिडेट ऐप, सी-विजिल, नो योर कैंडिडेट (केवाईसी) एप, सक्षम एप और वोटर हेल्पलाइन एप (वीएचए) शामिल हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी डॉ. विवेक भारती ने कहा कि सुविधा कैंडिडेट एप चुनाव अवधि के दौरान अनुमति प्रक्रिया में उम्मीदवारों की मदद करने के लिए ईसीआई द्वारा तैयार की गई एक मोबाइल एप्लिकेशन है। सुविधा कैंडिडेट एप का उपयोग करने के लिए उम्मीदवारों को एक अकाउंट बनाना होगा और अपनी कॉन्फीडेंशियल्स के साथ लॉग इन करना होगा।
लॉग इन करने के बाद उम्मीदवार अपने नामांकन और अनुमति की स्थिति देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि सी-विजिल एप नागरिकों को चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने में सक्षम बनाता है, जबकि नो योर कैंडिडेट (केवाईसी) एप नागरिकों को चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी देने में मदद करता है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सक्षम एप दिव्यांग व्यक्तियों को वोट करने के लिए पंजीकरण करने, अपने मतदान केंद्र की जानकारी लेने और अपना वोट डालने में मदद करता है। इस एप में दृष्टि बाधित लोगों के लिए वॉयस असिस्टेंस, श्रवण बाधित लोगों के लिए टेक्स्ट-टू-स्पीच जैसी सुविधाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मतदाता हेल्पलाइन एप को नए मतदाताओं के पंजीकरण, मतदाता सूची में जनसांख्यिकीय विवरण में सुधार, मतदाता सूची में नाम ढूंढने और अन्य चुनाव संबंधी सेवाओं के लिए तैयार किया गया है।
वैकल्पिक पहचान पत्र दिखाकर किया जा सकता है मतदान
जिला निवार्चन अधिकारी एवं डीसी डॉ. विवेक भारती ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए आगामी 5 अक्टूबर को मतदान होगा। मतदान के लिए मतदाता सूची में नाम होना जरूरी है। प्रत्येक मतदाता यह सुनिश्चित कर लें कि उसका नाम मतदाता सूची में शामिल है या नहीं। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में भारतीय लोकतंत्र की अलग पहचान स्थापित है। भारत में चुनाव को पर्व की तरह मनाया जाता है। मतदाता का नाम मतदाता सूची में तो है, लेकिन उसके पास मतदाता पहचान पत्र नहीं है तो वह निर्वाचन आयोग द्वारा निर्दिष्ट वैकल्पिक पहचान पत्र में से कोई एक पहचान पत्र दिखाकर अपना वोट डाल सकता है।
जिला निवार्चन अधिकारी डा. विवेक भारती ने बताया कि वोट डालने के लिए वोटर कार्ड के अलावा अन्य वैकल्पिक दस्तावेजों में पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, केंद्रीय, राज्य सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों या सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंक या डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, पैन कार्ड, श्रम मंत्रालय द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज और आधार कार्ड शामिल हैं।
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