तीनों फैक्ट्रियां सील करने व बच्चों को मुआवजा दिलाने की मांग
आज समाज डिजिटल,नई दिल्लीः
उत्तर पश्चिम दिल्ली क्षेत्र के बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में मंगलवार को सहयोग केयर फॉर यू संस्था ने 62 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया। इनमें 27 लड़के और 35 लड़कियां शामिल हैं। ये सभी बिजली के उपकरण, बिजली के खिलौने और कॉस्मैटिक बनाने वाली फैक्ट्रियों में खतरनाक हालातों में काम कर रहे थे। यह रेस्क्यू ऑपरेशन एसडीएम नया बांस प्रवीण कुमार और एनजीओ सहयोग केयर की मदद से किया गया। पुलिस ने बताया कि छुड़ाए गए बच्चों की उम्र 9 से 17 वर्ष है। रेस्क्यू के दौरान मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ) उपस्थित रहे। बाल कल्याण समिति की देख-रेख में सभी बच्चों का मेडिकल और कोविड टेस्ट भी कराया गया।
आस-पास के राज्यों से दिल्ली लाए गए थे बच्चे
इस मौके पर बच्चों को मजदूरी से बचाने वाली संस्था सहयोग केयर के डायरेक्टर शेखर महाजन ने बताया कि यह बच्चे आस-पास के राज्यों से दिल्ली लाए गए थे और इन फैक्ट्रियों काफी लम्बे समय से काम कर रहे थे। इन बच्चों से फैक्ट्री में 12 घंटों से ज्यादा काम कराया जाता था, जिसके बदले में उन्हें सिर्फ 100दृ150 रुपये की दिहाड़ी दी जाती थी। शेखर महाजन ने कहा कि एक तरफ देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो दूसरी तरफ आज भी देश के नन्हे भविष्य बंदियों की तरह तमाम फैक्ट्रियों में खतरों के बीच काम कर रहे हैं। फैक्ट्री मालिकों का लालच जिस तरह बच्चों से उनका बचपन छीन रहा है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
शोषण से बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास पर गहरा असर
एसडीएम प्रवीण कुमार ने बताया कि इस तरह के शोषण से बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर गहरा असर पड़ता है। सहयोग केयर ने लेबर डिपार्टमेंट और एसडीएम से इन बच्चों को उचित वेतन और मुआवजे दिलाने और तीन फैक्ट्रियों को सील करके फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
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