Genisys classes : जेनिसिस ने  रचा इतिहास:  जेनिसिस क्लासिस के 250 से अधिक बच्चों ने किया नीट क्वालिफाई

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जेनिसिस ने  रचा इतिहास
जेनिसिस ने  रचा इतिहास
  • 65 बच्चों को मिल सकता है सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन

Aaj Samaj (आज समाज), Genisys classes, प्रवीण वालिया, करनाल,15 जून :

मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित प्रवेश परीक्षा नीट का परिणाम घोषित होने के साथ ही करनाल में खुशी की लहर दोड़ गई। करनाल ही नहीं देश और प्रदेश में प्रतिष्ठत और भरोसेमंद कोचिंग शिक्षण संस्थान जेनिसिस क्लासिस के 268 बच्चों ने नीट क्वालिफाई किया।
वही पर 65 बच्चों ने 600 से अधिक अंक प्राप्त किए। यही के पावनी शर्मा और सारांश गर्ग ने 720 में से 705 अंक प्राप्त कर करनाल का नाम रोशन किया। वहीं पर 650 से अधिक अंक पाने वालों की संख्या भी काफी अधिक रही। इस खुशी को सैक्टर -6 मार्किट में जेनिसिस परिसर में नाच-गाकर मनाया गया। इस खुशी को जेनिसिस क्लासिस के डायरेक्टर जितेंद्र सिंह अहलावत तथा नवनीत कल्हण ने विद्यार्थियों की मेहनत और जेनिसिस स्टॉफ की लग्न और सतत मार्गदर्शन को समर्पित किया। वहीं अभिभावकों ने कहा कि जेनिसिस का जवाब नहीं।
वहीं बच्चों ने कहा कि इस सफलता के असली हकदार जेनिसिस क्लासिस के टीचर्स और स्टॉफ है। जिन्होंने कभी मायूस नहीं होने दिया। सफल विद्यार्थियों की कतार में ऐसे विद्यार्थी भी थे। जिन्होंने ने एक बार नहीं तीन-तीन बार विफलता के बाद भी निराशा नहीं फटकने दी, सफलता अर्जित की। पिछले 14 साल पहले जेनिसिस ही नहीं करनाल और हरियाणा में गिनती के बच्चें मेडिकल कॉलेज और इंजीनियिर कॉलेजों में प्रवेश ले पाते थे। 14 साल पहले जो सपना जेनिसिस क्लासिस के संस्थापक जितेंद्र अहलावत और नवनीत कल्हण ने करनाल ही नहीं उत्तर भारत के लोगों को दिखाया था। आज जेनिसिस क्लासिस के बच्चों को एम्स, मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, प्रतिष्ठित और सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश का प्रतिशत 50 प्रतिशत से अधिक पहुंच गया। जो देश ही नहीं उत्तर भारत में एक रिकॉर्ड है।
जानकारी देते हुए जेनिसिस क्लासिस के संस्थापक जितेंद्र अहलावत तथा नवनीत कल्हण ने बताया कि उन्होंने हौसले और मेहनत के साथ बच्चों के लेकर 14 साल पहले सफर शुरू किया था। जो बच्चों की मेहनत, शिक्षकों का मार्गदर्शन और करनाल ही नहीं उत्तर भारत के लोगों का भरोसा कारण बना। एक सफल और क्वालिटी वाईज विद्यार्थियों के कारवां। जेनिसिस क्लासिस के बच्चें आज दुनिया में देश ही नहीं विदेश में भी कार्यरत है। आज यहां के बच्चें मल्टीनेशनल कम्पनियों में करोड़ों का पैकेज ले रहे है। वहीं यहां के विद्यार्थी जो मेडिकल कॉलेजों में सलेक्ट हुए वह भी आज देश-विदेश में सफलता का इतिहास रच रहें हैं।

इन बच्चों ने अर्जित किए 650 से अधिक अंक

पावनी शर्मा 705 ,सरांश गर्ग 705, वंश चौधरी 685, अंशिका 676  भव्या 675  सानवी 675 अंक चेष्टा 672 अंक  अकाश दहिया 671 कीर्ति 667 निशांत भार्गव 665 अभिषेक शर्मा 665 अंक नेहा कुमार 665 जार्गित गर्ग 665 लक्ष्य वधवा 663 अर्नव सिघल 661 अंक साईना चौधरी 660 अंक हितांशु सैनी 660 सृष्टि गुप्ता 657 अंक सत्यार्थ चौधरी 653 अंक खुशी 652, खुशी हुडा 651 गुन मित्तल 650 अंक प्राप्त किए।

करनाल के टापर्स का टारगेट हैं समाज सेवा-

करनाल : सारांश गर्ग ने बताया कि उसका लक्ष्य एमएएमसी दिल्ली में प्रवेश लेना है। उसके माता-पिता दोनों ही डाक्टर है। उसकी बड़ी बहन भी पीजीआई रोहतकसे एमबीबीएस कर रही है। उसने बताया कि अभी उसने तय नहीं किया कि कौनासी स्ट्रीम में जाना है। उसने बताया कि उसके माता-पिता दोनों ही सरकारी सेवा में है। इसलिए वह भी सेवा को धेह बनाना चाहता है। उसने बताया कि सफलता के पीछे जेनिसिस को अधिक श्रेय देना चाहता है। उसकी सफलता का राज नियमित पढ़ाई है। पावनी शर्मा ने बताया कि उसने 720 में से 705 अंक प्राप्त किए हैं । उसने और उसकी बहन ने अपने पिता ही इच्छा पूरी की है। उसके पिता भी डॉक्टर बनना चाहते थे। उसके माता-पिता दोनों एलआईसी में है। उन्होंने बताया कि वह अपनी सफलता का श्रेय जेनिसिस क्लासिस को देते है।
पावनी शर्मा ने बताया जब भी वह निराश हुई तो उसे आशा की किरण जेनिसिस ने दिखाई। वह सफलता के जश्न में अपने मां-बाप को भी शामिल करना चाहते थे। उसकी पसंद एमएएमसी दिल्ली है। जेनिसिस क्लासिस ही नहीं करनाल में तीसरे स्थान पर रहने वाली तथा करनाल के जाने-माने न्यूरोसर्जन डॉक्टर रोहित गोयल की पुत्री अंशिका गोयल ने बताया कि उसने सफलता का स्वाद विफलता के बाद चक्खा हैं। उसने बताया कि जेनिसिस क्लासिस ने उसे निराश नहीं होने दिया। वह एक सफल डाक्टर बनना चाहती है। उसने बताया कि उसकी माता भी डाक्टर हैं। उसने कहा कि वह दिल्ली के किसी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेगी। वह मेडिकल प्रोफेशन को सेवा के काम में आगे बढ़ाना चाहती है। उसके पिता ने उसका हौसला बढ़ाया।

जेनिसिस पर भरोसा करना जीवन में टर्निंग प्वांईट साबित हुआ-

जेनिसिस क्लासिस में बच्चों की सफलता का श्रेय अभिभावकों ने जेनिसिस को दिया। जेनिसिस का लेकर नीट में टॉपर रहे सरांश के पिता डॉ गुलशन गर्ग ने बताया कि उन्होंने तो अपने बच्चों को पूरी तरह जेनिसिस को सौंप दिया था। उनकी बड़ी बेटी को भी जेनिसिस का मार्गदर्शन मिला उनके सामने कई बातें आई जिसमें देश के और भी कोचिंग संस्थानों का नाम लिया। लेकिन उन्होंने जेनिसि का चुनाव किया। उनकों अपने चयन पर गर्व है। सफल बेटी पावनी शर्मा के पिता राजेश परासर ने बताया कि उनके अधुरे सपने को उनकी दोनों बेटियों ने पूरा किया है। वह भी सफलता का पूरा श्रेय जेनिसिस क्लासिस को देती है। जेनिसिस के माध्यम से आज उनके परिवार में खुशी का माहौल है। तीसरे स्थान पर रहीं अंशिका के पिता डॉ. रोहित गोयल ने बताया कि वह खुद भी न्यूरासर्जन है।

उन्होंने जेनिसिस पर भरोसा किया। वह आज से नहीं कई सालों से जेनिसिस क्लासिस के साथ जुड़े हुए है। जेनिसिस क्लासिस ने के संचालक जितेंद्र और नवनीत कल्हण के 14 साल के सफर का बढ़ी नजदीकी से देखा है। जेनिसिस क्लासिस ने शहर के कई बड़े और नामचीन डाक्टरों के बच्चों को सफलता तक पहुंचाया है। शामली से आएं गरिमा के पिता जो मेडिकल स्टोर चलाते है। संजीव कुमार ने बताया कि उनकी बेटी की सफलता में जेनिसिस का बहुत बढ़ा हाथ है। उन्होंने बताया कि शामली से यहां तक का सफर उन्होंने जेनिसिस की गुडविल के कारण दिया था। उनकी बेटी की सफलता ने उनकी कठिनाईयों को दूर कर दिया। यूपी के कई जिलों से यहां पर बच्चे पढऩे आए है। उन्हें कोचिंग संस्थानों की भीड़ में केवल जेनिसिस की भरोसेमंद मिला।