***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:-08/09/2022, गुरुवार
त्रयोदशी, शुक्ल पक्ष,
भाद्रपद
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मिथुन
रचनात्मक कार्य पूर्ण व सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आयोजन होगा। आय में वृद्धि होगी। परीक्षा व साक्षात्कार में सफलता प्राप्त होगी। व्यस्तता रहेगी। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। घर-बाहर सभी ओर से सफलता तथा प्रसन्नता प्राप्त होगा।
तिथि——— त्रयोदशी 21:02:29 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———– श्रवण 13:44:45
योग———- अतिगंड 21:39:08
करण———– कौलव 10:33:10
करण———– तैतुल 21:02:29
वार———————– गुरूवार
माह———————– भाद्रपद
चन्द्र राशि—— मकर 24:38:13
चन्द्र राशि—————— कुम्भ
सूर्य राशि——————— सिंह
ऋतु————————–वर्षा
सायन———————— शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————– नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत—————— 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:02:18
सूर्यास्त—————- 18:31:04
दिन काल————- 12:28:45
रात्री काल————–11:31:41
चंद्रोदय—————- 17:27:37
चंद्रास्त—————- 28:31:54
लग्न—- सिंह 21°12′ , 141°12′
सूर्य नक्षत्र———— पूर्वा फाल्गुनी
चन्द्र नक्षत्र—————— श्रवण
नक्षत्र पाया——————– ताम्र
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
खे—- श्रवण 08:18:24
खो—- श्रवण 13:44:45
गा—- धनिष्ठा 19:11:18
गी—- धनिष्ठा 24:38:13
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=सिंह 21:12 पू o फ़ाo , 3 टी
चन्द्र =धनु 18 °23, उ o षाo , 3 जा
बुध =कन्या 14 ° 07′ हस्त ‘ 2 ष
शुक्र=सिंह 09°05, मघा ‘ 3 मू
मंगल=वृषभ 15°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा
गुरु=मीन 12°30 ‘ उ o भा o, 3 झ
शनि=मकर 26°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 22°10’ भरणी , 3 ले
केतु=(व) तुला 22°10 विशाखा , 1 ती
🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩
राहू काल 13:50 – 15:24 अशुभ
यम घंटा 06:02 – 07:36 अशुभ
गुली काल 09:10 – 10:43 अशुभ
अभिजित 11:52 – 12:42 शुभ
दूर मुहूर्त 10:12 – 11:02 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:11 – 16:01 अशुभ
वर्ज्यम 17:22 – 18:50 अशुभ
🚩पंचक 24:38* – अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
शुभ 06:02 – 07:36 शुभ
रोग 07:36 – 09:10 अशुभ
उद्वेग 09:10 – 10:43 अशुभ
चर 10:43 – 12:17 शुभ
लाभ 12:17 – 13:50 शुभ
अमृत 13:50 – 15:24 शुभ
काल 15:24 – 16:57 अशुभ
शुभ 16:57 – 18:31 शुभ
🚩चोघडिया, रात
अमृत 18:31 – 19:58 शुभ
चर 19:58 – 21:24 शुभ
रोग 21:24 – 22:50 अशुभ
काल 22:50 – 24:17* अशुभ
लाभ 24:17* – 25:43* शुभ
उद्वेग 25:43* – 27:10* अशुभ
शुभ 27:10* – 28:36* शुभ
अमृत 28:36* – 30:03* शुभ
💮होरा, दिन
बृहस्पति 06:02 – 07:05
मंगल 07:05 – 08:07
सूर्य 08:07 – 09:10
शुक्र 09:10 – 10:12
बुध 10:12 – 11:14
चन्द्र 11:14 – 12:17
शनि 12:17 – 13:19
बृहस्पति 13:19 – 14:21
मंगल 14:21 – 15:24
सूर्य 15:24 – 16:26
शुक्र 16:26 – 17:29
बुध 17:29 – 18:31
🚩होरा, रात
चन्द्र 18:31 – 19:29
शनि 19:29 – 20:26
बृहस्पति 20:26 – 21:24
मंगल 21:24 – 22:22
सूर्य 22:22 – 23:19
शुक्र 23:19 – 24:17
बुध 24:17* – 25:15
चन्द्र 25:15* – 26:12
शनि 26:12* – 27:10
बृहस्पति 27:10* – 28:07
मंगल 28:07* – 29:05
सूर्य 29:05* – 30:03
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
सिंह > 04:28 से 05:44 तक
कन्या > 05:44 से 07:58 तक
तुला > 07:58 से 10:04 तक
वृश्चिक > 10:04 से 12:20 तक
धनु > 12:20 से 14:46 तक
मकर > 14:46 से 16:28 तक
कुम्भ > 16:28 से 17:54 तक
मीन > 17:54 से 18:30 तक
मेष > 18:30 से 20:02 तक
वृषभ > 20:00 से 22:50 तक
मिथुन > 22:50 से 01:14 तक
कर्क > 01:14 से 03:20 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
13 + 5 + 1 = 19 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
13 + 13 + 5 = 31 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभा रूढ़ = शुभ कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
* गुरु प्रदोष व्रत (शिव पूजन)
*पंचक प्रारम्भ 24:40 से
* विश्व साक्षरता दिवस
*ओणम पर्व (केरल)
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
जलबिन्दुनिपातेन क्रमशः पूर्यते घटः ।
स हेतु सर्वविद्यानां धर्मस्य च धनस्य च ।।
।। चा o नी o।।
बूंद बूंद से सागर बनता है. इसी तरह बूंद बूंद से ज्ञान, गुण और संपत्ति प्राप्त होते है.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18
तच्च संस्मृत्य संस्मृत्य रूपमत्यद्भुतं हरेः ।,
विस्मयो मे महान् राजन्हृष्यामि च पुनः पुनः ॥,
हे राजन्! श्रीहरि (जिसका स्मरण करने से पापों का नाश होता है उसका नाम ‘हरि’ है) के उस अत्यंत विलक्षण रूप को भी पुनः-पुनः स्मरण करके मेरे चित्त में महान आश्चर्य होता है और मैं बार-बार हर्षित हो रहा हूँ॥,77॥,
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