मिथुन राशिफल 8 अक्टूबर 2022

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Gemini Horoscope

***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺

दिनाँक:- 08/10/2022, शनिवार
चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष,
आश्विन
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मिथुन

व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि अपमान हो। व्यापार-व्यवसाय अनुकूल रहेगा। निवेश सोच-समझकर करें। नौकरी में चैन रहेगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी।

तिथि——— चतुर्दशी 27:41:24 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र—-पूर्वा भाद्रपदा 17:06:54
योग————– वृद्वि 20:52:27
करण————– गर 16:30:06
करण———– वणिज 27:41:24
वार———————– शनिवार
माह———————– आश्विन
चन्द्र राशि—– कुम्भ 11:22:26
चन्द्र राशि—————— मीन
सूर्य राशि—————– कन्या
रितु————————- शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत—————– 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:16:25
सूर्यास्त—————- 17:56:41
दिन काल————- 11:40:16
रात्री काल————- 12:20:15
चंद्रोदय—————- 17:17:12
चंद्रास्त—————- 29:28:35

लग्न—- कन्या 20°33′ , 170°33′

सूर्य नक्षत्र——————– हस्त
चन्द्र नक्षत्र———– पूर्वा भाद्रपदा
नक्षत्र पाया——————– ताम्र

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

दा—- पूर्वा भाद्रपदा 11:22:26

दी—- पूर्वा भाद्रपदा 17:06:54

दू—- उत्तराभाद्रपदा 22:52:44

थ—- उत्तरा भाद्रपदा 28:40:04

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=कन्या 20 :49 हस्त , 4 ठ
चन्द्र =कुम्भ 27 °23, पू o भा o , 3 दा
बुध =कन्या 02 ° 34′ उ o फाo ‘2 टो
शुक्र=कन्या 16°05, हस्त ‘ 3 ण
मंगल=वृषभ 28°30 ‘ मृगशिरा’ 2 वो
गुरु=मीन 07°30 ‘ उ o भा o, 2 थ
शनि=मकर 24°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 20°40’ भरणी , 3 ले
केतु=(व) तुला 20°40 विशाखा , 1 ती

राहू काल 09:11 – 10:39 अशुभ
यम घंटा 13:34 – 15:02 अशुभ
गुली काल 06:16 – 07:44 अशुभ
अभिजित 11:43 – 12:30 शुभ
दूर मुहूर्त 07:50 – 08:36 अशुभ
वर्ज्यम 26:21* – 27:54* अशुभ
पंचक अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
काल 06:16 – 07:44 अशुभ
शुभ 07:44 – 09:11 शुभ
रोग 09:11 – 10:39 अशुभ
उद्वेग 10:39 – 12:07 अशुभ
चर 12:07 – 13:34 शुभ
लाभ 13:34 – 15:02 शुभ
अमृत 15:02 – 16:29 शुभ
काल 16:29 – 17:57 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
लाभ 17:57 – 19:29 शुभ
उद्वेग 19:29 – 21:02 अशुभ
शुभ 21:02 – 22:34 शुभ
अमृत 22:34 – 24:07* शुभ
चर 24:07* – 25:39* शुभ
रोग 25:39* – 27:12* अशुभ
काल 27:12* – 28:44* अशुभ
लाभ 28:44* – 30:17* शुभ

💮होरा, दिन
शनि 06:16 – 07:15
बृहस्पति 07:15 – 08:13
मंगल 08:13 – 09:11
सूर्य 09:11 – 10:10
शुक्र 10:10 – 11:08
बुध 11:08 – 12:07
चन्द्र 12:07 – 13:05
शनि 13:05 – 14:03
बृहस्पति 14:03 – 15:02
मंगल 15:02 – 15:59
सूर्य 15:59 – 16:58
शुक्र 16:58 – 17:57

🚩होरा, रात
बुध 17:57 – 18:58
चन्द्र 18:58 – 20:00
शनि 20:00 – 21:02
बृहस्पति 21:02 – 22:03
मंगल 22:03 – 23:05
सूर्य 23:05 – 24:07
शुक्र 24:07* – 25:09
बुध 25:09* – 26:10
चन्द्र 26:10* – 27:12
शनि 27:12* – 28:14
बृहस्पति 28:14* – 29:15
मंगल 29:15* – 30:17

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

कन्या > 03:52 से 05:56 तक
तुला > 05:56 से 08:10 तक
वृश्चिक > 08:10 से 10:26 तक
धनु > 10:26 से 12:56 तक
मकर > 12:56 से 14:34 तक
कुम्भ > 14:34 से 16:02 तक
मीन > 16:02 से 16:36 तक
मेष > 16:36 से 18:10 तक
वृषभ > 18:10 से 20:56 तक
कर्क > 20:56 से 01:26 तक
सिंह > 01:26 से 03:46 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

14 + 7 + 1 = 22 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शनि ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

14 + 14 + 5 = 33 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

रात्रि 27:41 से प्रारम्भ

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

* द्वितीय शनिवार

* भारतीय वायु सेना दिवस

* मेला मारवाड़ उत्सव (जोधपुर 2 दिवसीय)

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮

बलं विद्या च विप्राणां राज्ञां सैन्यबलं तथा ।
बलंवित्तञ्चवैश्यानां शूद्राणां परिचर्यिका ।।
।। चा o नी o।।

एक ब्राह्मण का बल तेज और विद्या है, एक राजा का बल उसकी सेना मे है, एक वैशय का बल उसकी दौलत मे है तथा एक शुद्र का बल उसकी सेवा परायणता मे है।

🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩

गीता -: क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविज्ञानयोग अo-13

अनादित्वान्निर्गुणत्वात्परमात्मायमव्ययः ।,
शरीरस्थोऽपि कौन्तेय न करोति न लिप्यते ॥,

हे अर्जुन! अनादि होने से और निर्गुण होने से यह अविनाशी परमात्मा शरीर में स्थित होने पर भी वास्तव में न तो कुछ करता है और न लिप्त ही होता है॥,31॥,

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