मिथुन राशिफल 28 सितंबर 2022

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Gemini Horoscope

***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺

दिनाँक:- 28/09/2022, बुधवार
तृतीया, शुक्ल पक्ष,
आश्विन
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मिथुन

उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। बड़ा काम करने का मन बनेगा। झंझटों से दूर रहें। कानूनी अड़चन का सामना करना पड़ सकता है। फालतू खर्च होगा। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। जोखिम बिलकुल न लें।

तिथि———– तृतीया 25:27:00 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र———— चित्रा 06:13:16
नक्षत्र———– स्वाति 29:51:12
योग———– वैधृति 27:05:14
करण———– तैतुल 13:59:46
करण————– गर 25:27:00
वार———————— बुधवार
माह———————– आश्विन
चन्द्र राशि—————— तुला
सूर्य राशि—————– कन्या
रितु————————- शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)———————-नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत——————-1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:11:27
सूर्यास्त—————-18:07:53
दिन काल————–11:56:25
रात्री काल————- 12:04:02
चंद्रोदय————— 08:16:08
चंद्रास्त—————- 19:45:09

लग्न—- कन्या 10°43′ , 160°43′

सूर्य नक्षत्र——————– हस्त
चन्द्र नक्षत्र——————- चित्रा
नक्षत्र पाया——————- रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

री—- चित्रा 06:13:16

रू—- स्वाति 12:09:30

रे—- स्वाति 18:04:33

रो—- स्वाति 23:58:26

ता—- स्वाति 29:51:12

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=कन्या 10 :49 हस्त , 1 पू
चन्द्र =तुला 06 °23, स्वाति , 1 रू
बुध =कन्या 01 ° 34′ उ o फाo ‘2 टो
शुक्र=कन्या 04°05, उ o फ़ा o ‘ 3 पा
मंगल=वृषभ 24°30 ‘ मृगशिरा’ 1 वे
गुरु=मीन 09°30 ‘ उ o भा o, 2 थ
शनि=मकर 25°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 21°10’ भरणी , 3 ले
केतु=(व) तुला 21°10 विशाखा , 1 ती

राहू काल 12:10 – 13:39 अशुभ
यम घंटा 07:41 – 09:11 अशुभ
गुली काल 10:40 – 12:10 अशुभ
अभिजित 11:46 – 12:34 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:46 – 12:34 अशुभ
वर्ज्यम 11:46 – 13:21 अशुभ

💮चोघडिया, दिन
लाभ 06:11 – 07:41 शुभ
अमृत 07:41 – 09:11 शुभ
काल 09:11 – 10:40 अशुभ
शुभ 10:40 – 12:10 शुभ
रोग 12:10 – 13:39 अशुभ
उद्वेग 13:39 – 15:09 अशुभ
चर 15:09 – 16:38 शुभ
लाभ 16:38 – 18:08 शुभ

🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 18:08 – 19:38 अशुभ
शुभ 19:38 – 21:09 शुभ
अमृत 21:09 – 22:39 शुभ
चर 22:39 – 24:10* शुभ
रोग 24:10* – 25:40* अशुभ
काल 25:40* – 27:11* अशुभ
लाभ 27:11* – 28:41* शुभ
उद्वेग 28:41* – 30:12* अशुभ

💮होरा, दिन
बुध 06:11 – 07:11
चन्द्र 07:11 – 08:11
शनि 08:11 – 09:11
बृहस्पति 09:11 – 10:10
मंगल 10:10 – 11:10
सूर्य 11:10 – 12:10
शुक्र 12:10 – 13:09
बुध 13:09 – 14:09
चन्द्र 14:09 – 15:09
शनि 15:09 – 16:08
बृहस्पति 16:08 – 17:08
मंगल 17:08 – 18:08

🚩होरा, रात
सूर्य 18:08 – 19:08
शुक्र 19:08 – 20:09
बुध 20:09 – 21:09
चन्द्र 21:09 – 22:09
शनि 22:09 – 23:10
बृहस्पति 23:10 – 24:10
मंगल 24:10* – 25:10
सूर्य 25:10* – 26:11
शुक्र 26:11* – 27:11
बुध 27:11* – 28:11
चन्द्र 28:11* – 29:12
शनि 29:12* – 30:12

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

कन्या > 03:42 से 06:34 तक
तुला > 06:34 से 08:48 तक
वृश्चिक > 08:48 से 11:04 तक
धनु > 11:04 से 13:30 तक
मकर > 13:30 से 15:12 तक
कुम्भ > 15:12 से 16:40 तक
मीन > 16:40 से 17:14 तक
मेष > 17:14 से 18:48 तक
वृषभ > 18:48 से 21:34 तक
कर्क > 21:34 से 02:04 तक
सिंह > 02:04 से 04:25 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

3 + 4 + 1 = 8 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

सूर्य ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

3 + 3 + 5 = 11 ÷ 7 = 4 शेष

सभायां = संताप कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

*नवरात्रि तृतीय दिवस चंद्रघंटा पूजन

*सिन्दूर तृतीया

*श्री भट्टदेवाचार्य जी पाटोत्सव

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮

ते पुत्रा ये पितुर्भक्ताः स पिता यस्तु पोषकः ।
तन्मित्रंयत्रविश्वासःसा भार्या यत्र निर्वृतिः ।।
।। चा o नी o।।

पुत्र वही है जो पिता का कहना मानता हो, पिता वही है जो पुत्रों का पालन-पोषण करे, मित्र वही है जिस पर आप विश्वास कर सकते हों और पत्नी वही है जिससे सुख प्राप्त हो।

🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩

गीता -: क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविज्ञानयोग अo-13

पुरुषः प्रकृतिस्थो हि भुङ्‍क्ते प्रकृतिजान्गुणान्‌ ।,
कारणं गुणसंगोऽस्य सदसद्योनिजन्मसु ॥,

प्रकृति में (प्रकृति शब्द का अर्थ गीता अध्याय 7 श्लोक 14 में कही हुई भगवान की त्रिगुणमयी माया समझना चाहिए) स्थित ही पुरुष प्रकृति से उत्पन्न त्रिगुणात्मक पदार्थों को भोगता है और इन गुणों का संग ही इस जीवात्मा के अच्छी-बुरी योनियों में जन्म लेने का कारण है।, (सत्त्वगुण के संग से देवयोनि में एवं रजोगुण के संग से मनुष्य योनि में और तमो गुण के संग से पशु आदि नीच योनियों में जन्म होता है।,)॥,21॥,

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

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