***|| जय श्री राधे ||***
*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:-27/05/2022, शुक्रवार
द्वादशी, कृष्ण पक्ष
वैशाख
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
मिथुन
आज का दिन आपके लिए कुछ खर्चा भरा रहेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जरूरी निर्णयों में सावधानी आवश्यक है। आय में कमी हो सकती है। नौकरी में सहकर्मियों से विवाद हो सकता है। क्रोध न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। पुराने मित्रों से सहयोग प्राप्त होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। स्त्रियां घर में सावधानी रखें। आप किसी कार्य में निवेश किया,तो उसमें भी आपको नुकसान हो सकता है। आपको रुके हुए कार्यों को पूरा करने के लिए मेहनत करेंगे व उन्हें पूरा करके ही दम लेंगे। परिवार में यदि किसी सदस्य से कोई मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न हो,तो आपको उसमें वाणी की मधुरता को बनाए रखना होगा,नहीं तो वह आपसे नाराज हो सकते हैं। यदि कोई विपरीत परिस्थिति आपके सामने आए,तो आपको उसमें धैर्य बनाकर रखना होगा। सरकारी नौकरी में कार्यरत लोगों को किसी महिला मित्र के सहयोग से धन लाभ मिलता दिख रहा है।
तिथि —————द्वादशी 11:47:15 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र——— अश्विनी 26:25:13
योग———- सौभाग्य 22:06:35
करण———– तैतुल 11:47:15
करण————– गर 24:24:49
वार————————शुक्रवार
माह————————- ज्येष्ठ
चन्द्र राशि——————– मेष
सूर्य राशि———————वृषभ
रितु————————– ग्रीष्म
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर———————– नल
संवत्सर (उत्तर) ——————-राक्षस
विक्रम संवत—————- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)———- 2078
शाका संवत—————- 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:26:38
सूर्यास्त—————- 19:06:20
दिन काल————- 13:39:42
रात्री काल—————10:19:59
चंद्रास्त—————–16:24:52
चंद्रोदय————— 27:54:54
लग्न—- वृषभ 11°33′ , 41°33
सूर्य नक्षत्र—————– रोहिणी
चन्द्र नक्षत्र—————– अश्विनी
नक्षत्र पाया——————- स्वर्ण
*** पद, चरण ***
चु—- अश्विनी 07:01:47
चे—- अश्विनी 13:27:56
चो—- अश्विनी 19:55:46
ला—- अश्विनी 26:25:13
*** ग्रह गोचर ***
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
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सूर्य=वृषभ 11:12 रोहिणी , 1 ओ
चन्द्र = मेष 02°23 , अश्विनी , 1 चू
बुध =वृषभ 03 ° 07′ कृतिका ‘ 3 उ
शुक्र=मेष 03°05, अश्विनी ‘ 2 चे
मंगल=कुम्भ 07°30 ‘ उoभाo’ 2 थ
गुरु=मीन 08°30 ‘ उ o भा o, 2 थ
शनि=कुम्भ 01°33 ‘ उ o भा o ‘ 3 गु
राहू=(व) मेष 27°40’ कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 27°40 विशाखा , 3 ते
*** मुहूर्त प्रकरण ***
राहू काल 10:34 – 12:16 अशुभ
यम घंटा 15:41 – 17:24 अशुभ
गुली काल 07:09 – 08:52 अशुभ
अभिजित 11:49 -12:44 शुभ
दूर मुहूर्त 08:11 – 09:05 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:44 – 13:38 अशुभ
गंड मूल 05:27 – 26:25* अशुभ
चोघडिया, दिन
चर 05:27 – 07:09 शुभ
लाभ 07:09 – 08:52 शुभ
अमृत 08:52 – 10:34 शुभ
काल 10:34 – 12:16 अशुभ
शुभ 12:16 – 13:59 शुभ
रोग 13:59 – 15:41 अशुभ
उद्वेग 15:41 – 17:24 अशुभ
चर 17:24 – 19:06 शुभ
चोघडिया, रात
रोग 19:06 – 20:24 अशुभ
काल 20:24 – 21:41 अशुभ
लाभ 21:41 – 22:59 शुभ
उद्वेग 22:59 – 24:16* अशुभ
शुभ 24:16* – 25:34* शुभ
अमृत 25:34* – 26:51* शुभ
चर 26:51* – 28:09* शुभ
रोग 28:09* – 29:26* अशुभ
होरा, दिन
शुक्र 05:27 – 06:35
बुध 06:35 – 07:43
चन्द्र 07:43 – 08:52
शनि 08:52 – 09:59
बृहस्पति 09:59 – 11:08
मंगल 11:08 – 12:16
सूर्य 12:16 – 13:25
शुक्र 13:25 – 14:33
बुध 14:33 – 15:41
चन्द्र 15:41 – 16:50
शनि 16:50 – 17:58
बृहस्पति 17:58 – 19:06
होरा, रात
मंगल 19:06 – 19:58
सूर्य 19:58 – 20:50
शुक्र 20:50 – 21:41
बुध 21:41 – 22:33
चन्द्र 22:33 – 23:25
शनि 23:25 – 24:16
बृहस्पति 24:16* – 25:08
मंगल 25:08* – 25:59
सूर्य 25:59* – 26:51
शुक्र 26:51* – 27:43
बुध 27:43* – 28:35
चन्द्र 28:35* – 29:26
*** उदयलग्न प्रवेशकाल ***
वृषभ > 04:02 से 06:00 तक
मिथुन > 06:00 से 08:13 तक
कर्क > 08:13 से 10:30 तक
सिंह > 10:30 से 12:38 तक
कन्या > 12:38 से 14:54 तक
तुला > 14:54 से 17:09 तक
वृश्चिक > 17:09 से 19:30 तक
धनु > 19:30 से 21:30 तक
मकर > 21:30 से 23:16 तक
कुम्भ > 11:16 से 00:49 तक
मीन > 00:49 से 02:15 तक
मेष > 02:15 से 04:02 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 12 + 6 + 1 = 32 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*** ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
केतु ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल -:
27 + 27 + 5 = 59 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभारूढ़ = शुभ कारक
भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
*** विशेष जानकारी ***
* शुक्र प्रदोष व्रत (शिव पूजन)
* मधुसूदन द्वादशी
* तीर्थंकर अनंतनाथ जयन्ती
* सर्वार्थ सिद्धि योग 25:26 तक
* नेहरू पुण्य दिवस
*** शुभ विचार ***
अहो वत ! विचित्राणि चरितानि महात्मनाम् ।
लक्ष्मी तृणाय मन्यन्ते तद्भारेण नमन्ति च ।।
।। चा o नी o।।
देखिये क्या आश्चर्य है? बड़े लोग अनोखी बाते करते है. वे पैसे को तो तिनके की तरह मामूली समझते है लेकिन जब वे उसे प्राप्त करते है तो उसके भार से और विनम्र होकर झुक जाते है.
*** सुभाषितानि ***
गीता -: दैवासुरसम्पद्विभागयोग अo-16
आसुरीं योनिमापन्ना मूढा जन्मनि जन्मनि।,
मामप्राप्यैव कौन्तेय ततो यान्त्यधमां गतिम्॥,
हे अर्जुन! वे मूढ़ मुझको न प्राप्त होकर ही जन्म-जन्म में आसुरी योनि को प्राप्त होते हैं, फिर उससे भी अति नीच गति को ही प्राप्त होते हैं अर्थात् घोर नरकों में पड़ते हैं॥,20॥,
*** दैनिक राशिफल ***
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
*** आपका दिन मंगलमय हो ***
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आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
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