Gemini Horoscope 27 March 2022 मिथुन राशिफल 27 मार्च 2022

0
521
Gemini Horoscope 27 March 2022

***|| जय श्री राधे ||***

*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** *** *** 

दिनाँक-: 27/03/2022,रविवार
दशमी, कृष्ण पक्ष
चैत्र
*** *** *** *** *** *** *** (समाप्ति काल)

दैनिक राशिफल 

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मिथुन

Gemini Horoscope 27 March 2022: आज का दिन आपके लिए कुछ परेशानियों से भरा रहेगा, लेकिन आप अपनी परेशानियों को यदि ध्यान में रखेंगे, तो उनसे बाहर आसानी से निकल आएंगे। रोजगार मिलेगा। संतान के स्वास्थ्य में सुधार होगा। सोचे कामों में मनचाही सफलता मिलेगी। व्यापारिक निर्णय समय पर लेना होंगे। पुरानी बीमारी उभर सकती है। चोट व रोग से बाधा संभव है। बेचैनी रहेगी। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। आपको किसी नए काम में हाथ डालने से पहले जीवनसाथी से सलाह मशवरा अवश्य करना होगा। संतान पक्ष की ओर से आपको कोई निराशाजनक समाचार सुनने को मिल सकता है। आपको अपने व्यापार में आ रही समस्याओं के लिए अपने भाइयों से मदद लेनी पड़ सकती है। आप अपने किसी परिजन के घर दावत पर जा सकते हैं, जहां आपको बातचीत करते समय सावधान रहना होगा। सायंकाल का समय आप अपनी संतान की समस्याओ को सुनने में व्यतीत करेंगे।

तिथि——— दशमी 18:03:34 तक

पक्ष———————– कृष्ण
नक्षत्र—- उत्तराषाढा 13:30:59
योग———— शिव 20:13:40
करण——- वणिज 07:01:28
करण—– विष्टि भद्र 18:03:34
करण———- बव 29:07:45
वार———————–रविवार
माह————————-चैत्र
चन्द्र राशि————— मकर
सूर्य राशि——————- मीन
रितु —————————वसन्त
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर——————– प्लव
संवत्सर (उत्तर) ————आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943

वृन्दावन
सूर्योदय————-06:16:48
सूर्यास्त————- 18:32:42
दिन काल———– 12:15:54
रात्री काल———- 11:42:58
चंद्रास्त————– 13:37:55
चंद्रोदय————– 27:52:22

लग्न—- मीन 12°10′ , 342°10′

सूर्य नक्षत्र——– उत्तराभाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र———— उत्तराषाढा
नक्षत्र पाया——————ताम्र

पद, चरण 

जा—- उत्तराषाढा 07:49:15

जी—-उत्तराषाढा 13:30:59

खी—- श्रवण 19:13:12

खू—- श्रवण 24:55:56

*** ग्रह गोचर *** 

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
*** *** *** *** *** *** *** 
सूर्य=मीन 13:12 ‘उ o भा o , 3 झ
चन्द्र =मकर 19°23 ‘श्रवण , 3 खे
बुध = मीन 07 ° 07’ उo भा o ‘ 2 थ
शुक्र=मकर 26°05, धनिष्ठा ‘ 2 गी
मंगल=मकर 20°30 ‘ श्रवण ‘ 4 खो
गुरु=कुम्भ 25°30 ‘ पू o भा o, 2 सो
शनि=मकर 27°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व)वृषभ 00°50’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 00°50 विशाखा , 4 तो

*** मुहूर्त प्रकरण *** 

राहू काल 17:01 – 18:33 अशुभ
यम घंटा 12:25 – 13:57 अशुभ
गुली काल 15:29 – 17:01 अशुभ
अभिजित 12:00 -12:49 शुभ
दूर मुहूर्त 16:55 – 17:44 अशुभ

चोघडिया, दिन
उद्वेग 06:17 – 07:49 अशुभ
चर 07:49 – 09:21 शुभ
लाभ 09:21 – 10:53 शुभ
अमृत 10:53 – 12:25 शुभ
काल 12:25 – 13:57 अशुभ
शुभ 13:57 – 15:29 शुभ
रोग 15:29 – 17:01 अशुभ
उद्वेग 17:01 – 18:33 अशुभ

चोघडिया, रात
शुभ 18:33 – 20:01 शुभ
अमृत 20:01 – 21:28 शुभ
चर 21:28 – 22:56 शुभ
रोग 22:56 – 24:24* अशुभ
काल 24:24* – 25:52* अशुभ
लाभ 25:52* – 27:20* शुभ
उद्वेग 27:20* – 28:48* अशुभ
शुभ 28:48* – 30:16* शुभ

होरा, दिन
सूर्य 06:17 – 07:18
शुक्र 07:18 – 08:19
बुध 08:19 – 09:21
चन्द्र 09:21 – 10:22
शनि 10:22 – 11:23
बृहस्पति 11:23 – 12:25
मंगल 12:25 – 13:26
सूर्य 13:26 – 14:27
शुक्र 14:27 – 15:29
बुध 15:29 – 16:30
चन्द्र 16:30 – 17:31
शनि 17:31 – 18:33

होरा, रात
बृहस्पति 18:33 – 19:31
मंगल 19:31 – 20:30
सूर्य 20:30 – 21:28
शुक्र 21:28 – 22:27
बुध 22:27 – 23:26
चन्द्र 23:26 – 24:24
शनि 24:24* – 25:23
बृहस्पति 25:23* – 26:21
मंगल 26:21* – 27:20
सूर्य 27:20* – 28:19
शुक्र 28:19* – 29:17
बुध 29:17* – 30:16

Read Also: घर में होगा सुख-समृद्धि का वास Happiness And Prosperity In House

उदयलग्न प्रवेशकाल

मीन > 05:46 से 07:16 तक
मेष > 07:16 से 10:00 तक
वृषभ > 10:06 से 11:40 तक
मिथुन > 11:40 से 13:00 तक
कर्क > 13:00 से 15:20 तक
सिंह > 15:20 से 16:25 तक
कन्या > 16:25 से 07:37 तक
तुला > 07:37 से 10:08 तक
वृश्चिक > 10:08 से 01:20 तक
धनु > 01:20 से 02:24 तक
मकर > 02:24 से 04:14 तक
कुम्भ > 04:14 से 05:46 तक

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौंजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

Read Also : जाने श्री दाऊजी मंदिर का इतिहास Know History Of Shri Dauji Temple

अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 10 + 1 + 1 = 27 ÷ 4 = 3 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

ग्रह मुख आहुति ज्ञान 

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहू ग्रह मुखहुति

शिव वास एवं फल

25 + 25 + 5 = 55 ÷ 7 = 6 शेष

क्रीड़ायां = शोक,दुःख कारक

भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

प्रातः 07:01 से सांय 18:03 तक

पाताल लोक = धनलाभ कारक

विशेष जानकारी 

* सर्वार्थसिद्धि योग13:31 तक

*दशामाता व्रत

*विश्व नाट्य दिवस

*** शुभ विचार *** 

भस्मना शुध्यते कांस्यं ताम्रमम्लेन शुध्यति ।
रजसा शुध्यते नारि नदी वेगेन शुध्यति ।।
।।चा o नी o।।

राख से घिसने पर पीतल चमकता है . ताम्बा इमली से साफ़ होता है. औरते प्रदर से शुद्ध होती है. नदी बहती रहे तो साफ़ रहती है.

*** सुभाषितानि *** 

गीता -: गुणत्रयविभागयोग अo-14

रजो रागात्मकं विद्धि तृष्णासङ्‍गसमुद्भवम्‌ ।,
तन्निबध्नाति कौन्तेय कर्मसङ्‍गेन देहिनम्‌ ॥,

हे अर्जुन! रागरूप रजोगुण को कामना और आसक्ति से उत्पन्न जान।, वह इस जीवात्मा को कर्मों और उनके फल के सम्बन्ध में बाँधता है॥,7॥,

***आपका दिन मंगलमय हो***
*** *** *** *** *** ***
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Read Also: दुखों का भंजन करते हैं श्रीदुखभंजन Shreedukhbhanjan Breaks Sorrows

Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar 

Connect With Us: Twitter Facebook