Gemini Horoscope 25 March 2022 मिथुन राशिफल 25 मार्च 2022

0
451
Gemini Horoscope 25 March 2022

*********|| जय श्री राधे ||*********

***  महर्षि पाराशर पंचांग ***
***  अथ पंचांगम्***
***ll जय श्री राधे ll***
***  ***  ***  ***  ***  ***  ***

दिनाँक-: 25/03/2022,शुक्रवार*
अष्टमी, कृष्ण पक्ष
चैत्र
***  ***  ***  ***  ***  ***  (समाप्ति काल)

*** दैनिक राशिफल ***

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मिथुन

Gemini Horoscope 25 March 2022: मेहमानों का आगमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। धनार्जन होगा। नियमित कर्ज, लेनदेन में कटौती करना होगी। योजनाओं पर चर्चा, कार्य के प्रति लगन रह पाएगी। नौकरी, राज्यपक्ष में स्थायित्व की बात आएगी। आज का दिन आपके लिए भाग्य के दृष्टिकोण से उत्तम रहने वाला है, क्योंकि आज संतान ने यदि सरकारी नौकरी के परीक्षा की तैयारी की थी, तो उसमें उन्हे सफलता मिल सकती है। बिजनेस में आपको किसी वरिष्ठ सदस्य या किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह करना पड़ सकता है। आप कोई ऐसा काम करेंगे, जिससे आपके परिवार का नाम रोशन होगा। आपको अत्यधिक धन लाभ के चक्कर में अपने धन को गलत जगह निवेश करने से बचना होगा। यदि आपने ससुराल पक्ष के किसी व्यक्ति को धन उधार दिया था, तो वह आपको वापस मिल सकता है। नवविवाहित जातकों के बीच कोई वाद विवाद खड़ा हो सकता है, जिसे परिवार के सदस्यों द्वारा ही निपटाया जाएगा।

तिथि——– अष्टमी 22:03:43 तक

पक्ष————————कृष्ण
नक्षत्र———– मूल 16:06:23
योग——– वरियान 25:44:48
करण——– बालव 11:06:15
करण——- कौलव 22:03:43
वार——————— शुक्रवार
माह————————- चैत्र
चन्द्र राशि ——————— धनु
सूर्य राशि—————— मीन
रितु———————- शिशिर
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर——————– प्लव
संवत्सर (उत्तर)————- आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)—- 2078
शाका संवत————– 1943

वृन्दावन
सूर्योदय————- 06:19:02
सूर्यास्त————- 18:31:39
दिन काल———– 12:12:36
रात्री काल———– 11:46:15
चंद्रास्त————– 11:28:47
चंद्रोदय————– 26:06:49

लग्न—- मीन 10°11′ , 340°11′

सूर्य नक्षत्र——– उत्तराभाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र—————— मूल
नक्षत्र पाया——————ताम्र

***  पद, चरण *** 

भा—- मूल 10:26:49

भी—- मूल 16:06:23

भू—- पूर्वाषाढा 21:46:05

धा—- पूर्वाषाढा 27:25:57

Read Also: रोगों से मुक्ति देती है देवी माँ शीतला माता Goddess Sheetla Mata Gives Freedom From Diseases

***  ग्रह गोचर *** 

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
***  ***  ***  ***  ***  
सूर्य=मीन 10:12 ‘उ o भा o , 3 झ
चन्द्र =धनु 07°23 ‘ मूल , 3 भा
बुध = मीन 01 ° 07’ पूo भा o ‘ 4 दी
शुक्र=मकर 23°05, धनिष्ठा ‘ 1 गा
मंगल=मकर 19°30 ‘ श्रवण ‘ 3 खे
गुरु=कुम्भ 25°30 ‘ पू o भा o, 2 सो
शनि=मकर 27°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व)वृषभ 01°00’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 01°00 विशाखा , 4 तो

***  मुहूर्त प्रकरण *** 

राहू काल 10:54 – 12:25 अशुभ
यम घंटा 15:29 – 17:00 अशुभ
गुली काल 07:51 – 09:22 अशुभ
अभिजित 12:01 -12:50 शुभ
दूर मुहूर्त 08:46 – 09:34 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:50 – 13:39 अशुभ

गंड मूल 06:19 – 16:06 अशुभ

चोघडिया, दिन
चर 06:19 – 07:51 शुभ
लाभ 07:51 – 09:22 शुभ
अमृत 09:22 – 10:54 शुभ
काल 10:54 – 12:25 अशुभ
शुभ 12:25 – 13:57 शुभ
रोग 13:57 – 15:29 अशुभ
उद्वेग 15:29 – 17:00 अशुभ
चर 17:00 – 18:32 शुभ

चोघडिया, रात
रोग 18:32 – 19:59 अशुभ
काल 19:59 – 21:28 अशुभ
लाभ 21:28 – 22:57 शुभ
उद्वेग 22:57 – 24:25* अशुभ
शुभ 24:25* – 25:53* शुभ
अमृत 25:53* – 27:21* शुभ
चर 27:21* – 28:50* शुभ
रोग 28:50* – 30:18* अशुभ

होरा, दिन
शुक्र 06:19 – 07:20
बुध 07:20 – 08:21
चन्द्र 08:21 – 09:22
शनि 09:22 – 10:23
बृहस्पति 10:23 – 11:24
मंगल 11:24 – 12:25
सूर्य 12:25 – 13:26
शुक्र 13:26 – 14:27
बुध 14:27 – 15:29
चन्द्र 15:29 – 16:30
शनि 16:30 – 17:31
बृहस्पति 17:31 – 18:32

होरा, रात
मंगल 18:32 – 19:31
सूर्य 19:31 – 20:29
शुक्र 20:29 – 21:28
बुध 21:28 – 22:27
चन्द्र 22:27 – 23:26
शनि 23:26 – 24:25
बृहस्पति 24:25* – 25:24
मंगल 25:24* – 26:23
सूर्य 26:23* – 27:21
शुक्र 27:21* – 28:20
बुध 28:20* – 29:19
चन्द्र 29:19* – 30:18

***  उदयलग्न प्रवेशकाल *** 

मीन > 05:56 से 07:26 तक
मेष > 07:26 से 10:06 तक
वृषभ > 10:06 से 11:50 तक
मिथुन > 11:50 से 13:10 तक
कर्क > 13:10 से 15:30 तक
सिंह > 15:30 से 16:35 तक
कन्या > 16:35 से 07:47 तक
तुला > 07:47 से 10:18 तक
वृश्चिक > 10:18 से 01:30 तक
धनु > 01:30 से 02:34 तक
मकर > 02:34 से 04:24 तक
कुम्भ > 04:24 से 05:56 तक

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

Read Also : जाने श्री दाऊजी मंदिर का इतिहास Know History Of Shri Dauji Temple

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

* अग्नि वास ज्ञान *
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 8 + 6 + 1 = 30 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

***  ग्रह मुख आहुति ज्ञान *** 

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

गुरु ग्रह मुखहुति

***  शिव वास एवं फल *** 

23 + 23 + 5 = 51 ÷ 7 = 2 शेष

गौरि सन्निधौ = शुभ कारक

***  भद्रा वास एवं फल *** 

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

Read Also: पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors

***  विशेष जानकारी *** 

* शीतलाष्टमी

*गणेश शंकर विद्यार्थी शहीद दिवस

***  शुभ विचार *** 

आलस्योपगता विद्या परहस्तगतं धनम् ।
अल्पबीजं हतं क्षेत्रं हतं सैन्यमनायकम् ।।
।।चा o नी o।।

खाली बैठने से अभ्यास का नाश होता है. दुसरो को देखभाल करने के लिए देने से पैसा नष्ट होता है. गलत ढंग से बुवाई करने वाला किसान अपने बीजो का नाश करता है. यदि सेनापति नहीं है तो सेना का नाश होता है.

***  सुभाषितानि *** 

गीता -: गुणत्रयविभागयोग अo-14

सत्त्वं रजस्तम इति गुणाः प्रकृतिसम्भवाः ।,
निबध्नन्ति महाबाहो देहे देहिनमव्ययम्‌ ॥,

हे अर्जुन! सत्त्वगुण, रजोगुण और तमोगुण -ये प्रकृति से उत्पन्न तीनों गुण अविनाशी जीवात्मा को शरीर में बाँधते हैं॥,5॥,

*** आपका दिन मंगलमय हो ***
*** *** *** *** *** *** *** 
*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar 

Connect With Us: Twitter Facebook