***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺
दिनाँक:-17/11/2022, गुरुवार
अष्टमी, कृष्ण पक्ष,
मार्गशीर्ष
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मिथुन
जोखिम व जमानत के कार्य न करें। लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रयत्न करें, सफलता मिलेगी। शुभ कार्यों में संलग्न होने से सुयश एवं सम्मान प्राप्त हो सकेगा। व्यापारिक निर्णय लेने में देर नहीं करें। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर होगी। धन की आवक बनी रहेगी।
तिथि————अष्टमी 07:56:32 तक
पक्ष————————– कृष्ण
नक्षत्र———— मघा 21:19:39
योग————– ऐन्द्र 25:22:11
करण———– कौलव 07:56:32
करण———– तैतुल 20:49:09
वार———————– गुरूवार
माह———————- मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि——————- सिंह
सूर्य राशि—————— वृश्चिक
रितु————————- हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)———————-नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2079
शक संवत—————– 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:42:37
सूर्यास्त————— 17:25:22
दिन काल————- 10:42:45
रात्री काल————- 13:18:01
चंद्रास्त—————–13:34:47
चंद्रोदय————— 24:56:22
लग्न—- वृश्चिक 0°29′ , 210°29′
सूर्य नक्षत्र—————- विशाखा
चन्द्र नक्षत्र——————- मघा
नक्षत्र पाया——————- रजत
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
मी—- मघा 08:12:24
मू—- मघा 14:47:02
मे—- मघा 21:19:39
मो—- पूर्वा फाल्गुनी 27:50:05
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=वृश्चिक 00 :29 विशाखा , 4 तो
चन्द्र =सिंह 05°23, मघा , 2 मी
बुध =वृश्चिक 05 ° 34′ अनुराधा ‘1 ना
शुक्र=वृश्चिक 06°05, अनुराधा ‘ 2 नी
मंगल=वृषभ 29°30 ‘ मृगशिरा’ 2 वो
गुरु=मीन 04°30 ‘ उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 24°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 18°30 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 18°30 विशाखा , 4 ता
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल 13:24 – 14:45 अशुभ
यम घंटा 06:43 – 08:03 अशुभ
गुली काल 09:23 – 10:44 अशुभ
अभिजित 11:43 – 12:25 शुभ
दूर मुहूर्त 10:17 – 10:59 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:34 – 15:17 अशुभ
वर्ज्यम 08:12 – 09:58 अशुभ
🚩गंड मूल 06:43 – 21:20 अशुभ
चोघडिया, दिन
शुभ 06:43 – 08:03 शुभ
रोग 08:03 – 09:23 अशुभ
उद्वेग 09:23 – 10:44 अशुभ
चर 10:44 – 12:04 शुभ
लाभ 12:04 – 13:24 शुभ
अमृत 13:24 – 14:45 शुभ
काल 14:45 – 16:05 अशुभ
शुभ 16:05 – 17:25 शुभ
🚩चोघडिया, रात
अमृत 17:25 – 19:05 शुभ
चर 19:05 – 20:45 शुभ
रोग 20:45 – 22:25 अशुभ
काल 22:25 – 24:04* अशुभ
लाभ 24:04* – 25:44* शुभ
उद्वेग 25:44* – 27:24* अशुभ
शुभ 27:24* – 29:04* शुभ
अमृत 29:04* – 30:43* शुभ
💮होरा, दिन
बृहस्पति 06:43 – 07:36
मंगल 07:36 – 08:30
सूर्य 08:30 – 09:23
शुक्र 09:23 – 10:17
बुध 10:17 – 11:10
चन्द्र 11:10 – 12:04
शनि 12:04 – 12:58
बृहस्पति 12:58 – 13:51
मंगल 13:51 – 14:45
सूर्य 14:45 – 15:38
शुक्र 15:38 – 16:32
बुध 16:32 – 17:25
🚩होरा, रात
चन्द्र 17:25 – 18:32
शनि 18:32 – 19:38
बृहस्पति 19:38 – 20:45
मंगल 20:45 – 21:51
सूर्य 21:51 – 22:58
शुक्र 22:58 – 24:04
बुध 24:04* – 25:11
चन्द्र 25:11* – 26:17
शनि 26:17* – 27:24
बृहस्पति 27:24* – 28:30
मंगल 28:30* – 29:37
सूर्य 29:37* – 30:43
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
तुला > 03:26 से 05:37 तक
वृश्चिक > 05:37 से 07:58 तक
धनु > 07:57 से 10:28 तक
मकर > 10:28 से 12:06 तक
कुम्भ > 12:06 से 13:36 तक
मीन > 13:36 से 14:08 तक
मेष > 14:08 से 15:42 तक
वृषभ > 15:42 से 18:28 तक
कर्क > 18:28 से 22:58 तक
सिंह > 22:58 से 01:16 तक
कन्या > 01:16 से 03:16 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 8 + 5 + 1 = 29 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
राहु ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
23 + 23 + 5 = 51 ÷ 7 = 2 शेष
गौरि सन्निधौ = शुभ कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
*अष्टमी तिथि वृद्धि
*लाला लाजपतराय बलिदान दिवस
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
वृध्द्काले मृता भार्या बन्धुहस्ते गतं धनम् ।
भाजनं च पराधीनं स्त्रिः पुँसां विडम्बनाः ।।
।। चा o नी o।।
वह आदमी अभागा है जो अपने बुढ़ापे में पत्नी की मृत्यु देखता है. वह भी अभागा है जो अपनी सम्पदा संबंधियों को सौप देता है. वह भी अभागा है जो खाने के लिए दुसरो पर निर्भर है.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11
अनादिमध्यान्तमनन्तवीर्यमनन्तबाहुं शशिसूर्यनेत्रम् ।,
पश्यामि त्वां दीप्तहुताशवक्त्रंस्वतेजसा विश्वमिदं तपन्तम् ॥,
आपको आदि, अंत और मध्य से रहित, अनन्त सामर्थ्य से युक्त, अनन्त भुजावाले, चन्द्र-सूर्य रूप नेत्रों वाले, प्रज्वलित अग्निरूप मुखवाले और अपने तेज से इस जगत को संतृप्त करते हुए देखता हूँ॥,19॥,
ये भी पढ़े: नशीला पदार्थ के दोषी को कोर्ट ने सुनाई 2-2 साल की कैद सहित 25-25 हजार जुर्माना