मिथुन राशिफल 15 अप्रैल 2022 Gemini Horoscope 15 April 2022

0
402
Gemini Horoscope 15 April 2022

***|| जय श्री राधे ||***

***महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*********************

दिनाँक:- 15/04/2022, शुक्रवार
चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष
चैत्र
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

*** दैनिक राशिफल ***

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मिथुन

Gemini Horoscope 15 April 2022: आज का दिन राजनीति से जुड़े जातकों के लिए उत्तम रहेगा। कार्यक्षेत्र में आज आपके गुप्त शत्रु नुकसान पहुंचाने का हर संभव प्रयास करेंगे, लेकिन आपको सचेत रहना है। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति संभव है। यात्रा लाभदायक रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। कारोबारी बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। आशंका-कुशंका रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। लापरवाही न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। आज आप अपनी कार्यकुशलता से अपनी हर समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति तनावपूर्ण हो सकती है। अपने सभी खर्चों पर नियंत्रण करें और समझदारी से धन का व्यय करें। आपकी माता जी से किसी बात को लेकर आज मनमुटाव की स्थिति बनती दिख रही है, लेकिन आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना होगा।

 

तिथि———- चतुर्दशी 26:24:44 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र—–उत्तराफाल्गुनी09:34:05
योग————- ध्रुव 07:54:24
योग———- व्याघात 29:30:33
करण————– गर 15:14:14
करण———– वणिज 26:24:44
वार———————– शुक्रवार
माह————————– चैत्र
चन्द्र राशि—————— कन्या
सूर्य राशि——————- मेष
रितु————————–वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर———————- नल
संवत्सर (उत्तर)—————– राक्षस
विक्रम संवत—————- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)———- 2078
शाका संवत—————- 1944

Read Also: चैत्र माह : शुक्ल पक्ष गुरु प्रदोष व्रत 14 अप्रैल को Guru Pradosh Vart On 14th April

वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:56:13
सूर्यास्त—————- 18:42:39
दिन काल————- 12:46:25
रात्री काल————- 11:12:33
चंद्रोदय—————- 17:22:20
चंद्रास्त—————- 29:38:39

लग्न—– मेष 0°52′ , 0°52′

सूर्य नक्षत्र—————– अश्विनी
चन्द्र नक्षत्र———- उत्तराफाल्गुनी
नक्षत्र पाया—————— रजत

***पद, चरण ***

पी—-उत्तराफाल्गुनी 09:34:05

पू—- हस्त 15:23:14

ष—- हस्त 21:10:19

ण—- हस्त 26:55:26

??? ग्रह गोचर ???

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
******************************
सूर्य=मीन 00:12 अश्विनी , 1 चु
चन्द्र =कन्या 07°23, उ o फा o, 4 पी
बुध =मेष 13 ° 07′ भरणी ‘ 1 ली
शुक्र=कुम्भ 16°05, शतभिषा ‘ 3 सी
मंगल=कुम्भ 05°30 ‘ धनिष्ठा’ 4 गे
गुरु=मीन 00°30 ‘ पू o भा o, 4 दी
शनि=मकर 29°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व)वृषभ 29°55’ कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 29°55 विशाखा , 3 ते

Read Also : इस मंत्र से जल्दी प्रसन्न होंगे बजरंगबली जी Bajrangbali ji

***मुहूर्त प्रकरण ***
राहू काल 10:44 – 12:19 अशुभ
यम घंटा 15:31 – 17:07 अशुभ
गुली काल 07:32 – 09:08 अशुभ
अभिजित 11:54 -12:45 शुभ
दूर मुहूर्त 08:30 – 09:21 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:45 – 13:36 अशुभ

***चोघडिया, दिन***
चर 05:56 – 07:32 शुभ
लाभ 07:32 – 09:08 शुभ
अमृत 09:08 – 10:44 शुभ
काल 10:44 – 12:19 अशुभ
शुभ 12:19 – 13:55 शुभ
रोग 13:55 – 15:31 अशुभ
उद्वेग 15:31 – 17:07 अशुभ
चर 17:07 – 18:43 शुभ

चोघडिया, रात
रोग 18:43 – 20:07 अशुभ
काल 20:07 – 21:31 अशुभ
लाभ 21:31 – 22:55 शुभ
उद्वेग 22:55 – 24:19* अशुभ
शुभ 24:19* – 25:43* शुभ
अमृत 25:43* – 27:07* शुभ
चर 27:07* – 28:31* शुभ
रोग 28:31* – 29:55* अशुभ

Read More : कैसे बने हारे का सहारा खाटू श्याम How To Become A Loser’s Sahara Khatu Shyam

***होरा, दिन***
शुक्र 05:56 – 07:00
बुध 07:00 – 08:04
चन्द्र 08:04 – 09:08
शनि 09:08 – 10:12
बृहस्पति 10:12 – 11:16
मंगल 11:16 – 12:19
सूर्य 12:19 – 13:23
शुक्र 13:23 – 14:27
बुध 14:27 – 15:31
चन्द्र 15:31 – 16:35
शनि 16:35 – 17:39
बृहस्पति 17:39 – 18:43

***होरा, रात***
मंगल 18:43 – 19:39
सूर्य 19:39 – 20:35
शुक्र 20:35 – 21:31
बुध 21:31 – 22:27
चन्द्र 22:27 – 23:23
शनि 23:23 – 24:19
बृहस्पति 24:19* – 25:15
मंगल 25:15* – 26:11
सूर्य 26:11* – 27:07
शुक्र 27:07* – 28:03
बुध 28:03* – 28:59
चन्द्र 28:59* – 29:55

Read Also : भगवान शंकर की अश्रु धारा से बना सरोवर Jalandhar Shri Devi Talab Mandir

***उदयलग्न प्रवेशकाल ***

मीन > 03:00 से 04:56 तक
मेष > 05:56 से 06:47 तक
वृषभ > 06:47 से 08:45 तक
मिथुन > 08:45 से 10:59 तक
कर्क > 10:59 से 13:15 तक
सिंह > 13:15 से 15:28 तक
कन्या > 15:28 से 07:39 तक
तुला > 07:39 से 07:54 तक
वृश्चिक > 07:54 से 10:11 तक
धनु > 10:11 से 00:16 तक
मकर > 00:16 से 02:02 तक
कुम्भ > 02:02 से 03:00 तक

Read Also : घर में होगा सुख-समृद्धि का वास Happiness And Prosperity In House

***विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार***

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

Read Also : पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors

दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

*** अग्नि वास ज्ञान -:***
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

14 + 6 + 1 = 21 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

***ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शनि ग्रह मुखहुति 9: 34
उपरान्त चन्द्र

*** शिव वास एवं फल ***

14 + 14 + 5 = 33 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

रात्रि 26:25 से प्रारम्भ

पाताल लोक = धनलाभ कारक

***विशेष जानकारी ***

* शिव दमनोत्सव चतुर्दशी ,शिव पूजन विशेष

*नृसिंह दोलोत्सव

*गुड़ फ्राइडे

***शुभ विचार ***

यत्रोदकस्तत्र वसन्ति हंसा-
स्तथव शुष्कं परिवर्जयन्ति ।
नहंतुल्येन नरेण भाव्यं
पुनस्त्यजन्तः पुनराश्र यन्तः ।।
।। चा o नी o।।

हंस वहा रहते है जहा पानी होता है. पानी सूखने पर वे उस जगह को छोड़ देते है. आप किसी आदमी को ऐसा व्यवहार ना करने दे की वह आपके पास आता जाता रहे.

***सुभाषितानि ***

गीता -: गुणत्रयविभागयोग अo-14

प्रकाशं च प्रवृत्तिं च मोहमेव च पाण्डव ।,
न द्वेष्टि सम्प्रवृत्तानि न निवृत्तानि काङ्‍क्षति ॥,

श्री भगवान बोले- हे अर्जुन! जो पुरुष सत्त्वगुण के कार्यरूप प्रकाश (अन्तःकरण और इन्द्रियादि को आलस्य का अभाव होकर जो एक प्रकार की चेतनता होती है, उसका नाम ‘प्रकाश’ है) को और रजोगुण के कार्यरूप प्रवृत्ति को तथा तमोगुण के कार्यरूप मोह (निद्रा और आलस्य आदि की बहुलता से अन्तःकरण और इन्द्रियों में चेतन शक्ति के लय होने को यहाँ ‘मोह’ नाम से समझना चाहिए) को भी न तो प्रवृत्त होने पर उनसे द्वेष करता है और न निवृत्त होने पर उनकी आकांक्षा करता है।, (जो पुरुष एक सच्चिदानन्दघन परमात्मा में ही नित्य, एकीभाव से स्थित हुआ इस त्रिगुणमयी माया के प्रपंच रूप संसार से सर्वथा अतीत हो गया है, उस गुणातीत पुरुष के अभिमानरहित अन्तःकरण में तीनों गुणों के कार्यरूप प्रकाश, प्रवृत्ति और मोहादि वृत्तियों के प्रकट होने और न होने पर किसी काल में भी इच्छा-द्वेष आदि विकार नहीं होते हैं, यही उसके गुणों से अतीत होने के प्रधान लक्षण है)॥,22॥,

*** आपका दिन मंगलमय हो *** 
*** *** *** *** *** *** 
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Read Also: शहर के हृदय में बसा मां चामुंडा देवी मंदिर Maa Chamunda Devi Mandir

Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar 

Connect With Us : Twitter Facebook