मिथुन राशिफल 13 अप्रैल 2022

घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है।

0
395
Gemini Horoscope 13 April 2022
Gemini Horoscope 13 April 2022

***|| जय श्री राधे ||***

***   महर्षि पाराशर पंचांग ***
***  अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
***  ***  ***  ***  ***  ***  

दिनाँक:- 13/04/2022, बुधवार
द्वादशी, शुक्ल पक्ष
चैत्र
***  ***  ***  ***  ***  ***  ***  (समाप्ति काल)

***  दैनिक राशिफल *** 

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मिथुन

Gemini Horoscope 13 April 2022 : घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। फालतू खर्च होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी। शत्रुभय रहेगा। mithun raashiphal

तिथि———- द्वादशी 28:49:16 तक

पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———— मघा 09:35:37
योग————– गण्ड 11:12:47
करण————– बव 17:00:49
करण———– बालव 28:49:16
वार———————— बुधवार
माह————————— चैत्र
चन्द्र राशि——————— सिंह
सूर्य राशि——————– मीन
रितु————————- वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर———————– नल
संवत्सर (उत्तर) ——————-राक्षस
विक्रम संवत—————- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)———- 2078
शाका संवत—————–1944

Read Also: Pahari Mata Loharu: कुलदेवी के रूप में लोहारू के घर घर में है पहाड़ी माता का मान्यता

वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:58:16
सूर्यास्त————— 18:41:35
दिन काल————- 12:43:18
रात्री काल———— 11:15:39
चंद्रोदय————— 15:23:14
चंद्रास्त—————- 28:32:50

लग्न—-मीन 28°55′ , 358°55′

सूर्य नक्षत्र—————— रेवती
चन्द्र नक्षत्र——————- मघा
नक्षत्रपाया——————–रजत

***  पद, चरण *** 

मे—- मघा 09:35:37

मो—- पूर्वाफाल्गुनी 15:44:22

टा—-पूर्वाफाल्गुनी 21:50:28

टी—- पूर्वाफाल्गुनी27:53:56

***  ग्रह गोचर *** 

 ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मीन 28:12 रेवती , 4 ची
चन्द्र =सिंह 11°23, मघा, 4 मे
बुध =मेष 09 ° 07′ अश्विनी ‘ 3 चो
शुक्र=कुम्भ 13°05, शतभिषा ‘ 3 सी
मंगल=कुम्भ 04°30 ‘ धनिष्ठा’ 4 गे
गुरु=कुम्भ 29°30 ‘ पू o भा o, 3 दा
शनि=मकर 28°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व)वृषभ 00°05’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 00°05 विशाखा , 4 तो

Read Also: Fruit prices increase during Navratras नवरात्र में फलाहार पर महंगाई की मार, मांग ज्यादा होने से बढ़ी कीमतें

***  मुहूर्त प्रकरण *** 

राहू काल 12:20 – 13:55 अशुभ
यम घंटा 07:34 – 09:09 अशुभ
गुली काल 10:45 – 12:20 अशुभ
अभिजित 11:54 -12:45 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:54 – 12:45 अशुभ

गंड मूल अहोरात्र अशुभ

गंड मूल 05:58 – 09:36 अशुभ

चोघडिया, दिन
लाभ 05:58 – 07:34 शुभ
अमृत 07:34 – 09:09 शुभ
काल 09:09 – 10:45 अशुभ
शुभ 10:45 – 12:20 शुभ
रोग 12:20 – 13:55 अशुभ
उद्वेग 13:55 – 15:31 अशुभ
चर 15:31 – 17:06 शुभ
लाभ 17:06 – 18:42 शुभ

चोघडिया, रात
उद्वेग 18:42 – 20:06 अशुभ
शुभ 20:06 – 21:30 शुभ
अमृत 21:30 – 22:55 शुभ
चर 22:55 – 24:19* शुभ
रोग 24:19* – 25:44* अशुभ
काल 25:44* – 27:08* अशुभ
लाभ 27:08* – 28:33* शुभ
उद्वेग 28:33* – 29:57* अशुभ

होरा, दिन
बुध 05:58 – 07:02
चन्द्र 07:02 – 08:05
शनि 08:05 – 09:09
बृहस्पति 09:09 – 10:13
मंगल 10:13 – 11:16
सूर्य 11:16 – 12:20
शुक्र 12:20 – 13:24
बुध 13:24 – 14:27
चन्द्र 14:27 – 15:31
शनि 15:31 – 16:34
बृहस्पति 16:34 – 17:38
मंगल 17:38 – 18:42

Read Also:शहर के हृदय में बसा मां चामुंडा देवी मंदिर Maa Chamunda Devi Mandir

होरा, रात
सूर्य 18:42 – 19:38
शुक्र 19:38 – 20:34
बुध 20:34 – 21:30
चन्द्र 21:30 – 22:27
शनि 22:27 – 23:23
बृहस्पति 23:23 – 24:19
मंगल 24:19* – 25:16
सूर्य 25:16* – 26:12
शुक्र 26:12* – 27:08
बुध 27:08* – 28:05
चन्द्र 28:05* – 29:01
शनि 29:01* – 29:57

उदयलग्न प्रवेशकाल ??

मीन > 03:04 से 05:00 तक
मेष > 05:00 से 06:51 तक
वृषभ > 06:51 से 08:49 तक
मिथुन > 08:49 से 11:03 तक
कर्क > 11:03 से 13:19 तक
सिंह > 13:19 से 15:32 तक
कन्या > 15:32 से 07:43 तक
तुला > 07:43 से 07:58 तक
वृश्चिक > 07:58 से 10:15 तक
धनु > 10:15 से 00:20 तक
मकर > 00:20 से 02:06 तक
कुम्भ > 02:06 से 03:04 तक

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

Read Also : 52 शक्तिपीठों में से एक भद्रकाली शक्तिपीठ Bhadrakali Shaktipeeth

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

Read More : कैसे बने हारे का सहारा खाटू श्याम How To Become A Loser’s Sahara Khatu Shyam

अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

12 + 4 + 1 = 17 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

ग्रह मुख आहुति ज्ञान

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शनि ग्रह मुखहुति

शिव वास एवं फल -:

12 + 12 + 5 = 29 ÷ 7 = 1 शेष

कैलाश वास = शुभ कारक

Read Also : भगवान शंकर की अश्रु धारा से बना सरोवर Jalandhar Shri Devi Talab Mandir

भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

* एकादशी व्रत (वैष्णव)

*हरि दमनोत्सव

*वामन, मदन द्वादशी

* जलियाबाला बाग दिवस

***  शुभ विचार *** 

तुष्यन्ति भोजने विप्रा मयूरा घनगर्जिते ।
साधवः परसम्पत्तौ खलाः परविपत्तिषु ।।
।। चा o नी o।।

हाथी को अंकुश से नियंत्रित करे.
घोड़े को थप थपा के.
सिंग वाले जानवर को डंडा दिखा के.
एक बदमाश को तलवार से ।।

***  सुभाषितानि *** 

गीता -: गुणत्रयविभागयोग अo-14

गुणानेतानतीत्य त्रीन्देही देहसमुद्भवान्‌ ।,
जन्ममृत्युजरादुःखैर्विमुक्तोऽमृतमश्नुते ॥,

यह पुरुष शरीर की (बुद्धि, अहंकार और मन तथा पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ, पाँच कर्मेन्द्रियाँ, पाँच भूत, पाँच इन्द्रियों के विषय- इस प्रकार इन तेईस तत्त्वों का पिण्ड रूप यह स्थूल शरीर प्रकृति से उत्पन्न होने वाले गुणों का ही कार्य है, इसलिए इन तीनों गुणों को इसी की उत्पत्ति का कारण कहा है) उत्पत्ति के कारणरूप इन तीनों गुणों को उल्लंघन करके जन्म, मृत्यु, वृद्धावस्था और सब प्रकार के दुःखों से मुक्त हुआ परमानन्द को प्राप्त होता है॥,20॥,

***  आपका दिन मंगलमय हो ***  
***  ***  ***  ***  ***  ***
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Read Also : मां मंदिर में धागा बांधने से होती है मनोकामना पूर्ण 

Read Also : घर में होगा सुख-समृद्धि का वास 

Read Also : पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ 

Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी  

Connect With Us : Twitter Facebook