Aaj Samaj (आज समाज),Geeta Manishi Swami Gyananand Maharaj, पानीपत : प्रकृति हमेशा हमें सिखाती है इसलिए हमें सर्वदा शिक्षार्थी और जिज्ञासु बनकर रहना चाहिए। यह ज्ञानोपदेश गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने श्री रघुनाथ धाम मंदिर में अन्नपूर्णा वस्त्र एवं अनाज बैंक के वार्षिकोत्सव में अपने प्रवचनों में कहे। वार्षिक उत्सव का प्रारंभ प्रसिद्ध गायक रतन ने अपने मधुर स्वरों में भजनों को गाकर किया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि कृष्ण लाल पंवार राज्यसभा सांसद, विधायक प्रमोद विज एवं महिपाल ढांडा, विरेन्द्र शाह, मेयर अवनीत कौर, ओ.पी. माटा, एस.पी. बंसल, पार्षद विजय जैन, चांद भाटिया ने महाराज को फूल माला पहनाकर आशीर्वाद लिया एवं दशहरा कमेटी के सदस्यों ने मुख्य अतिथियों का दोशाला ओढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। तत्पश्चात अन्नपूर्णा वस्त्र एवं अनाज बैंक के संस्थापक सदस्यों एवं आजीवन सदस्यों को महाराज ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
अगर आप दान देते हैं तो उसमें अहम नहीं आना चाहिए
राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि हरियाणा में गौवंश को सड़कों से हटाकर गौशाला में ले जाने की व्यवस्था की जा रही है। प्रमोद विज ने कहा कि हम जब भी धार्मिक स्थान पर जायें तो वहां से कुछ न कुछ अच्छे संकल्प लेकर आयें तभी जाने का फायदा है। महीपाल ढांडा ने कहा कि जब भी हम सत्संग में जायें तो हमारा उद्देश्य सत्संग सुनकर उसपर अधिक से अधिक मनन करने का हो ताकि अच्छी बातों को हम आत्मसात कर सकें। तत्पश्चात गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने अपने प्रवचनों में कहा कि केवल मनुष्य ही ऐसा जीव है जो दूसरों का साथ देकर उनका दुख कम कर सकता है। मनुष्य को दूसरों के सुख में और दुख में सम्मिलित होना चाहिए। अगर आप दान देते हैं तो उसमें अहम नहीं आना चाहिए।
रमेश माटा ने आए हुए सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया
प्रधान रमेश माटा ने आए हुए सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि अन्नपूर्णा वस्त्र एवं अनाज बैंक में दिए जाने वाले राशन में अब 1 किलो चीनी साथ दी जाएगी। मंच संचालन वेद बांगा और कैलाश नारंग ने किया। इस अवसर पर कालू बजाज, हरीश मक्कड़, विभु पालीवाल, अशोक बांगा, चन्दन विज, सतीश गंगवानी, रमन जेठी, चिमन गुलाटी, अरूण सेठी, सूरज दुरेजा, विरेन्द्र सोनी, पुरूषोत्तम शर्मा, हरबंस लाल अरोड़ा, विजय कुमार सलूजा, कपिल महेन्द्रू, तिलक राज छाबड़ा, शाम सुन्दर बतरा, चिमन सेठी, किशोर अरोड़ा, प्रीतम गुलाटी, अशोक नारंग, डा. रमेश चुघ, कृष्ण गोपाल सेठी, रमन पाहवा, अमित तनेजा, महेन्द्र पसरीचा, तरूण छोकरा, अजय आहूजा, सागर रेवड़ी, गोविन्द रेवड़ी, स्वप्निल जुनेजा, कैलाश चन्द्र लूथरा, दीनानाथ, पंकज सेठी, जयदयाल तनेजा, कृष्ण लाल शर्मा, लीला कृष्ण भाटिया, धीरज बांगा, राघव रामदेव, सूरज बरेजा, प्रतीक जुनेजा आदि उपस्थित थे।