गीता हुंडिया इंसा ने मरने के बाद आंखें दान कर दो अंधेरी जिंदगियों को रोशनी देने का महान कार्य किया

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Geeta Hundiya Insa donated eyes after death
Geeta Hundiya Insa donated eyes after death
Aaj Samaj (आज समाज),Geeta Hundiya Insa donated eyes after death,पानीपत : पानीपत के कच्चे कैंप की शांति कॉलोनी में रहने वाली 58 वर्षीय गीता हुंडिया इंसा ने मरने के बाद आंखें दान कर दो अंधेरी जिंदगियों को रोशनी देने का महान कार्य किया है। जानकारी देते हुए डेरा सच्चा सौदा के 85 मेंबर कमेटी के सदस्य रमेश ढींगड़ा इंसा ने बताया कि गीता इंसा पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे पिछले दिनों 24 अक्टूबर मंगलवार को अपनी सांसारिक यात्रा पूरी करके प्रभु चरणों में लीन हो गए गीता हुंडिया इंसा की अंतिम इच्छा को पूज्य हजूर पिता डॉक्टर संत गुरमीत राम रहीम हिंसा के वचनों पर चलते हुए उनके बेटे और बेटी ने पूरा किया है। रमेश इंसा ने बताया कि पहले लोगों में भ्रम होता था कि करने के बाद अगर हम शरीर का कोई भी अंग दान करते हैं तो अगले जन्म में हम उसे अंग से हीन रह जाएंगे। लेकिन डेरा सच्चा सौदा के डॉक्टर संत गुरमीत राम रहीम सिंह ने इस भ्रम को दूर किया और मरने के बाद आंखें दान व शरीर दान की मुहिम चलाई, जिसे करोड़ों लोग अपना आ रहे हैं उन्होंने बताया कि करने के बाद तो शरीर को जला दिया जाता है या दफना दिया जाता है अगर मरने के बाद भी हमारा शरीर का कोई अंग किसी दूसरे के काम आता है तो इससे बड़ी कोई सेवा नहीं हो सकती। उन्होंने बताया कि गीता इंसा की अंतिम अरदास आज शुक्रवार 27 अक्टूबर को कच्चे कैंप के दम दमा साहिब गुरुद्वारा में दोपहर 1:00 से 2:00 बजे तक होगी।