-4 मुकम्मल, 4 का निर्माण जोरों पर: नरेश नरवाल
-अध्यात्म, धर्म-संस्कृति, इतिहास का अद्भुत नजारा
प्रवीण वालिया, करनाल:
Gates Increasing Beauty Of Karnal: नगर निगम की ओर से शहर के 8 भिन्न-भिन्न प्रवेश मार्गों पर महापुरूषों के नाम से बनाए जा रहे स्वागत गेट, अध्यात्म, धर्म-संस्कृति, इतिहास, समाज एवं विज्ञान का अद्भुत संगम हैं। इनसे जहां कर्ण नगरी का प्राचीन एवं वैभवशाली इतिहास जीवंत होगा वहीं दूसरी ओर भावी पीढ़ी को सत्य, अहिंसा, प्रेम, ज्ञान एवं प्रतिभा के गुणो को आत्मसार करने की प्रेरणा मिलेगी। आठ गेटों में से 4 पहले ही मुकम्मल हो चुके हैं, जबकि 4 पर तेजी से काम हो रहा है। नगर निगम आयुक्त नरेश नरवाल ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
कैथल में बन रहे ऐसे द्वार Gates Increasing Beauty Of Karnal
उन्होंने बताया कि शहर की 8 अलग-अलग एंट्री यानी प्रवेश पर विशाल गेट बनाने का कॉन्सेप्ट प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का था, जो साकार हुआ है। इनमें बलड़ी बाईपास पर श्रीमद्भगवद गीता द्वार, नमस्ते चौक पर महाराजा कर्ण द्वार, मेरठ रोड पर पंडित दीन दयाल उपाध्याय द्वार तथा इन्द्री रोड पर श्री घण्टाकर्ण महावीर मनोहर द्वार बनकर तैयार हो गए थे, जो शहर की शोभा बढ़ा रहे हैं। इसी प्रकार कैथल से शहर के प्रवेश पर श्री गुरु नानक देव जी द्वार, काछवा रोड पर स्वामी विवेकानंद द्वार, मूनक रोड पर कल्पना चावला द्वार तथा कुंजपुरा रोड पर मां सरस्वती द्वार के नाम से विशाल गेटों का निर्माण जोरों पर हो रहा है।
कल्पना चावला द्वार लगभग तैयार Gates Increasing Beauty Of Karnal
आयुक्त ने बताया कि निमार्णाधीन गेटों में श्री गुरु नानक देव जी द्वार के लिए कॉलम और बीम डाले जा चुके हैं, धौलपुरी स्टोन और फिनिशिंग का काम बाकी है। इसी प्रकार स्वामी विवेकानंद द्वार में कॉलम डालने का काम पूरा हो चुका है तथा एक साइड की बीम भी डाली जा चुकी है, दूसरी साईड की बीम जल्द डाली जाएगी। कल्पना चावला द्वार का निर्माण मुकम्मल होने को है और माँ सरस्वती द्वार पर कॉलम और बीम डालने का काम पूरा हो चुका है और धौलपुरी स्टोन लगाने का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि कल्पना चावला द्वार का निर्माण चालू मास मार्च में ही पूरा कर लिया जाएगा तथा शेष तीनो गेटों का निर्माण आगामी मास मई में पूरा करने का लक्ष्य लिया गया है।
जल्द ही चार गेट बनकर होंगे तैयार Gates Increasing Beauty Of Karnal
निगमायुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि आठ में से चार नए गेट अलग-अलग नाम से हैं। इनकी पृष्ठ भूमि भी अलग-अलग ही है। उन्होंने बताया कि चिडाव मोड पर निमार्णाधीन वेल्कम गेट 15वीं सदी के महान संत श्री गुरू नानक देव जी के नाम पर लिया गया है। गुरू नानक देव जी में बचपन से ही प्रखर बुद्धि के लक्षण थे। लड़कपन से ही वे संसारिक विषयों से उदासीन रहते थे और उनका अधिकतम समय अध्यात्मिक चिंतन और सत्संग में व्यतीत होता था। उन्होंने देश व देश से बाहर की यात्रा कर भटकी मानवता को सत्य, अध्यात्म और वास्तविक धर्म का संदेश दिया था। पवित्र गुरू ग्रंथ में श्री गुरू नानक देव जी की अमर वाणी संग्रहित है।
कल्पना के नाम से रौशन है करनाल Gates Increasing Beauty Of Karnal
उन्होंने बताया कि करनाल-मूनक रोड पर महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक तथा करनाल की बेटी कल्पना चावला के नाम से बनकर तैयार होगा। कल्पना चावला में बचपन से ही ऐरोनेटिक इंजीनियर बनने का शौक था। अपने सपने को साकार करने के लिए उसने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चण्डीगढ़ से ऐरोनेटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करके अमेरिका से स्नातकोत्तर व पीएचडी पूरी की थी। वे भारतीय मूल अमरीकी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थी। दुर्भाग्य वश फरवरी 2003 को कोलम्बिया स्पेस शटल पृथ्वी पर लैंड करने से पहले ही दुर्घटना ग्रस्त हो गया था, जिसमें कल्पना चावला समेत सभी 6 अंतरिक्ष यात्री मारे गए थे। कल्पना चावला का नाम अमर बनाए रखने के लिए करनाल में एक मैडिकल कॉलेज है और अब एक भव्य वेलकम गेट बनाया जा रहा है।
काछवा रोड पर बन रहा विवेकानंद द्वार Gates Increasing Beauty Of Karnal
निगमायुक्त ने बताया कि करनाल-काछवा रोड पर स्वामी विवेकानंद द्वार के नाम से स्वागत द्वार बनाया जा रहा है। स्वामी विवेकानंद में कुशाग्र बुद्धि और ईश्वर को पाने की लालसा थी। परमार्थ के रास्ते पर चलते वे स्वामी राम कृष्ण परम हंस के शिष्य बने, जिनके ज्ञान से उन्हें आत्म साक्षातकार हुआ। उन्होंने करीब 125 वर्ष पहले अमेरिका के शिकागो में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में भाग लेकर जो भाषण दिया था, वह कालजयी बन गया। भारत में गेटों का है प्राचीन इतिहास- आयुक्त ने बताया कि भारत में गेटों का प्राचीन इतिहास है। देश के असम, बिहार, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना तथा उत्तर प्रदेश में करीब एक सौ विश्व प्रसिद्ध गेट हैं। इनमें दिल्ली का इंडिया गेट, मुम्बई का गेट वे आॅफ इंडिया, फतेहपुर सीकरी का बुलंद दरवाजा, पटना का सभ्यता द्वार, औरंगाबाद का मकाई गेट, फैजाबाद को गुलाब बाड़ी, भाव नगर का अक्षय द्वार, वाराणसी का लाल दरवाजा, असम का नार्थ ब्रुक गेट, कर्नाटक का दरिया दौलद बाग गेट, मध्य प्रदेश का सांची गेट, पंजाब का नूर महल सराय गेट, तेलंगाना का चौमहल्ला पैलेस गेट तथा राजस्थान का अजमेरी गेट पयर्टक स्थल के रूप में विख्यात हैं।
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