शिमला। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राज्य में कोल्ड स्टोर की कड़ी को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता जताई है। उन्होंने कहा है कि बागवानों व किसानों को उनकी आय का अच्छा दाम उपलब्ध हो सके, इसके लिए सार्वजनिक-निजी-भागीदारी (पीपीपी) में अधिक से अधिक कोल्ड स्टोर विकसित किए जाने चाहिए। वे शुक्रवार को राजभवन में बागवानी विभाग के आला अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि बागवानों को उनकी उपज के अच्छे दामों के साथ-साथ समय पर भुगतान सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उन जिलोें से जहां सेब की पैदावार नहीं है, वहां से श्रमिकों की सेवाओं को सेब उत्पादक जिलों में लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आढ़तियों और लदानियों से पूर्ण संपर्क बनाया जाना चाहिए और स्थानीय क्षेत्र योजना पर कार्य किया जाना चाहिए। बंडारू दत्तात्रेय ने छोटी-छोटी मंडियों को विकसित करने का सुझाव दिया और कहा कि इससे कोरोना महामारी के इस दौर में शारीरिक दूरी का भी पालन हो सकेगा। उन्होंने कहा कि बागवानों को पैकेज सामग्री की दिक्कत न आए, इसके लिए अग्रिम प्रयास किए जाने चाहिए। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक जिले में हैल्पलाईन, केंद्रीकृत संपर्क स्थापित किए जाने चाहिए। उन्होंने संतोष जताया कि चैरी, स्ट्राबैरी व अन्य गुठलीदार फलों के गत मौसम के अनुभव को देखते हुए विभाग ने बेहतर कदम उठाए हैं।
बागवानी विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी ने राज्यपाल को आगामी सेब सीजन को लेकर विभाग द्वारा की गई तैयारियों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि इस तीन करोड़ सेब बाॅक्स यानी 5-6 लाख मीट्रिक टन के उत्पाद का अनुमान है और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक फसल का अनुमान है। उन्होंने कहा कि फसल के ट्रांसपोर्टेशन के लिए 68 से 69 हजार ट्रकों की आवश्यकता होगी और अगस्त व सितम्बर में अधिक दबाव रहेगा। उस समय करीब 75 हजार ट्रकों की आवश्यकता होगी। ट्रकों की व्यवस्था से लेकर परिवहन को सुचारू बनाने के सभी प्रबंध किए जा रहे हैं। इस अवसर पर, एचपीएमसी की प्रबंध निदेश देव श्वेता बनिक तथा हिमाचल प्रदेश एपीएमसी के प्रबंध निदेशक नरेश ठाकुर और निदेशक बागवानी एमएम शर्मा ने भी विभागीय गतिविधियों से राज्यपाल को अवगत करवाया। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।