Aaj Samaj (आज समाज), Gangster Vikram Vrar, नई दिल्ली: बॉलीवुड के ‘दबंग’ सलमान खान को धमकी देने वाले गैंगस्टर विक्रम बराड़ को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से गिरफ्तार कर लिया है। वह मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी संलिप्त था और तभी से वह फरार था। एनआईए के अनुसार मूसेवाला हत्याकांड में विक्रम की सक्रिय भूमिका थी। वह दुबई से गैंगस्टर लॉरेंस के गिरोह को आपरेट कर रहा था।
- भारत ला रही एनआईए की टीम
- आढ़त व्यापारी से मांगे थे 30 लाख
लॉरेंस का साथी बनने से पहले सोपू से जुड़ा था
लॉरेंस का साथी बनने से पहले विक्रम स्टूडेंट यूनियन आफ पंजाब यूनिवर्सिटी (सोपू) से जुड़ा हुआ था। टारगेट किलिंग के अलावा वह लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और अन्य गैंगस्टर्स की मदद से भारत में हथियारों की तस्करी और जबरन वसूली के मामलों में भी शामिल था। लॉरेंस बिश्नोई ने कई बार हवाला के जरिए विक्रम को उगाही की रकम भी भेजी थी। विक्रम बराड़ पर पिछले साल एक आढ़त व्यापारी पुरुषोत्तम अग्रवाल को व्हाट्सऐप कॉल करके 30 लाख रुपए मांगने का आरोप है। न देने पर जान से मारने की धमकी दी थी।
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले का मूल निवासी
विक्रम बराड़ मूल रूप से राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा कस्बे के पास डिंगा गांव का रहने वाला है।हनुमानगढ़ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि विक्रम का एक्टिव एरिया चंडीगढ़ और उसके आसपास का है एनआईए की टीम विक्रम को भारत ला रही है। उससे पूछताछ में केई खुलासे होने की उम्मीद है। जांच एजेंसी ने विक्रम को आतंकी माना है और उसके खिलाफ यूएपीए के तहत आतंकी धाराओं में देशभर में केस दर्ज हैं। हत्या व वसूली सहित वह 11 मामलों में वांछित है।
गोल्डी बराड़ और लॉरेंस गैंग को हथियार मुहैया करवाता था
केंद्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि विक्रम बराड़ हरियाणा, पंजाब व राजस्थान में गोल्डी बराड़ और लॉरेंस गैंग को हथियार मुहैया करवाता था। महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस को उसकी तलाश है। इंटरपोल ने भारतीय जांच एजेंसी के अनुरोध पर जुलाई के पहले सप्ताह में रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। विक्रम राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का भी करीबी रह चुका है।
आतंकी गैंग के लिए सीसीआर के रूप में काम कर रहा था
एनआईए ने बताया कि विक्रम बराड़ यूएई से लॉरेंस बिश्नोई की आतंकी गैंग के लिए कम्युनिकेशन कंट्रोल रूम (सीसीआर) के रूप में काम कर रहा था। विक्रम का यह सीसीआर लॉरेंस बिश्नोई और कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ को कॉल की सुविधा भी प्रदान कर रहा था। उनके निर्देशों पर विक्रम भारत के लोगों को जबरन वसूली के लिए कॉल कर धमकाता था। इसके अलावा विक्रम राजस्थान, पंजाब, हरियाणा में गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई गैंग को लॉजिस्टिक सपोर्ट भी उपलब्ध करवाता था। इसमें गैंगस्टर्स को हथियार उपलब्ध करवाने, उनके रहने की व्यवस्था सहित अन्य सुविधाएं शामिल थीं।
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